कनाडा में घृणा अपराधों, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि के बीच भारत सरकार ने शुक्रवार को कनाडा में अपने नागरिकों को सावधानी बरतने की सलाह दी।
क्या कहा गया एडवाइजरी में
विदेश मंत्रालय ने अपने एक बयान में कहा कि “कनाडा में घृणा अपराधों, सांप्रदायिक हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों की घटनाओं में तेज वृद्धि हुई है। विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग/वाणिज्य दूतावास ने इन घटनाओं को कनाडा के अधिकारियों के साथ उठाया है और उनसे उक्त अपराधों की जांच करने और उचित कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। ऐसे अपराध करने वाले अपराधियों को कनाडा में अब तक न्याय के कटघरे में नहीं लाया गया है,”।
क्या सलाह दी गई है
विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपराधों की बढ़ती घटनाओं को देखते हुए, भारतीय नागरिकों और कनाडा में भारत के छात्रों और यात्रा एवं शिक्षा के लिए कनाडा जाने वालों को सलाह दी जाती है कि वे सावधानी बरतें और सतर्क रहें। “भारतीय नागरिक और कनाडा में भारत के छात्र संबंधित वेबसाइटों या मदद पोर्टल madad.gov.in के माध्यम से ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वैंकूवर में भारत के महावाणिज्य दूतावास के साथ पंजीकरण कर सकते हैं। पंजीकरण किसी भी आवश्यकता या आपात स्थिति की स्थिति में उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास को कनाडा में भारतीय नागरिकों के साथ बेहतर ढंग से जुड़ने में सक्षम करेगा।
क्यों जारी की गई एडवाइजरी
सिखों के लिए एक स्वतंत्र मातृभूमि बनाने पर “खालिस्तान समर्थक” तत्वों द्वारा तथाकथित जनमत संग्रह कराने को लेकर भारत और कनाडा के बीच एक राजनयिक विवाद के बीच विदेश मंत्रालय की सलाह आई। इसमें कहा गया है कि पंजीकरण कराने से उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के लिये किसी भी जरूरत या आपात स्थिति में कनाडा में भारतीय नागरिकों से बेहतर ढंग से सम्पर्क करना सु्गम होगा। एक दिन पहले ही, भारत ने कनाडा में ‘तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह ‘बेहद आपत्तिजनक’ है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी गई। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा था कि भारत ने इस मामले को राजनयिक माध्यमों से कनाडा के प्रशासन के समक्ष उठाया है और इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष उठाना जारी रखेगा।
















