एजेंसी: आत्मनिर्भरता के माध्यम से प्रत्येक सैनिक के लिए हथियारों का आधुनिकीकरण सरकार का मुख्य लक्ष्य है और सरकार इस कार्य में पूरी तरह से सशस्त्र बलों के साथ है। यह बात वर्ष 2023 के दूसरे सेना कमांडर सम्मेलन के तीसरे दिन रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन के दौरान कही। वर्ष 2023 का दूसरा सेना कमांडर सम्मेलन 16 अक्टूबर 2023 को हाइब्रिड रूप में शुरू हुआ था। 18 अक्टूबर (बुधवार), सम्मेलन के तीसरे दिन केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सम्मलेन को सम्बोधित किया। अपने संबोधन में उन्होंने हर जरुरत के वक्त नागरिक प्रशासन को सहायता प्रदान करने के अलावा देश की सीमाओं की रक्षा करने और आतंकवाद से लड़ने में भारतीय सेना की महत्वपूर्ण भूमिका का उल्लेख किया।
इस आयोजन के दौरान भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने मौजूदा सुरक्षा परिदृश्यों, सीमाओं और भीतरी इलाकों की स्थिति और चुनौतियों के सभी पहलुओं पर व्यापक विचार-विमर्श किया। वर्तमान सुरक्षा तंत्र के अतिरिक्त संगठनात्मक पुनर्गठन, लॉजिस्टिक, प्रशासन और मानव संसाधन प्रबंधन से संबंधित मुद्दों पर भी ध्यान केंद्रित किया। इससे पहले “डिजिटलीकरण और स्वचालन (ऑटोमशन) पहल सहित नए युग में भारतीय सेना के लिए प्रशिक्षण संरचना” पर एक संक्षिप्त विवरण दिया गया था।
केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने सेना कमांडरों के सम्मेलन में उपस्थित होने पर खुशी जाहिर की और पीएम मोदी के ‘रक्षा और सुरक्षा’ दृष्टिकोण को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने के लिए सेना नेतृत्व की तारीफ की। राजनाथ सिंह ने कहा कि ये उच्च नेतृत्व सम्मेलन न केवल सशस्त्र बलों के लिए बल्कि पूरे देश के लिए लाभदायक हैं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि “हाइब्रिड युद्ध सहित गैर-परंपरागत और असंयमित युद्ध, भविष्य के पारंपरिक युद्धों का हिस्सा होगा और दुनिया के विभिन्न क्षेत्रों में हो रहे संघर्षों में भी यह स्पष्ट रूप से प्रदर्शित हो रहा है। इसके लिए आवश्यक है कि सशस्त्र बलों को रणनीति और योजना बनाते समय इन सभी पहलुओं को ध्यान में रखना चाहिए। हमें वर्तमान और अतीत में घटी वैश्विक घटनाओं से सीखते रहना चाहिए। उन्होंने सेना का आहवान करते हुए कहा कि अप्रत्याशित स्थितियों के अनुरूप योजना तैयार करें, रणनीति बनाएं और निपटने की तैयारी करें।”
राजनाथ सिंह ने किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए सेना पर पूरा भरोसा व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण समाधान के लिए सभी स्तरों पर चल रही बातचीत जारी रहेगी। रक्षा मंत्री ने सीमा सड़क संगठन के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बीआरओ ने कठिन परिस्थितियों में काम करते हुए पश्चिमी और उत्तरी दोनों सीमाओं पर सड़क संचार में बहुत अधिक सुधार किया है।
रक्षा मंत्री ने आगे कहा, “मैं जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खतरे से निपटने में केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बल और पुलिस बलों और सेना के बीच उत्कृष्ट तालमेल की सराहना करता हूं। केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में समन्वित अभियान इस क्षेत्र में स्थिरता और शांति बढ़ाने में योगदान दे रहे हैं और इसे जारी रहना चाहिए और इसके लिए मैं फिर से भारतीय सेना की सराहना करता हूं।
राजनाथ सिंह ने जीवन के हर क्षेत्र में हो रही तकनीकी प्रगति पर जोर दिया और उन्हें उपर्युक्त रूप से शामिल करने के लिए सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों सहित नागरिक उद्योगों के सहयोग से विशिष्ट प्रौद्योगिकियों को विकसित करने और इस तरह ‘स्वदेशीकरण के माध्यम से आधुनिकीकरण’ या ‘आत्मनिर्भरता’ के लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने के लिए सेना के प्रयासों की सराहना की। रक्षा मंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भरता के माध्यम से प्रत्येक सैनिक के लिए हथियारों का आधुनिकीकरण सरकार का मुख्य लक्ष्य है और सरकार इस कार्य में पूरी तरह से सशस्त्र बलों के साथ है।
उन्होंने कहा कि हमें अपने युद्ध कौशल और हथियार प्रौद्योगिकियों को सुदृढ़ बनाना चाहिए ताकि जहां भी आवश्यकता हो प्रभावी ढंग से कार्य किया जा सके। राष्ट्र को अपनी सेना पर गर्व है और सरकार सेना-सुधार और क्षमता-आधुनिकीकरण की राह पर आगे बढ़ने में मदद करने के लिए प्रतिबद्ध है।