उत्तराखंड में शिक्षा विभाग को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सामने आया है. दरअसल हाईकोर्ट ने 10 फरवरी के उस शासनादेश पर रोक लगा दी है, जो एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षकों को भर्ती प्रक्रिया में शामिल ना होने से जुड़ा था. हाई कोर्ट ने सरकार को प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक पदों की भर्ती में एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षण को भी शामिल करने के आदेश दिए हैं. हाई कोर्ट का यह आदेश शिक्षा विभाग के लिए बड़ा झटका है ऐसा इसलिए क्योंकि शासन ने 10 फरवरी को जो शासनादेश जारी किया था इस मामले को नंदन सिंह बोहरा और अन्य अभियर्थीयों द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी.
शासन के इस आदेश में साल 2019 में एनआईओएस से डीएलएड करने वाले प्रशिक्षतों को सहायक अध्यापक प्राथमिक की भर्ती प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया था. जिस पर हाईकोर्ट ने रोक लगा कर ऐसे हजारों युवकों को राहत दी है जिन्होंने एनआईओएस से डीएलएड किया है. जनकारी के अनुसार एनआईओएस डीएलएड प्रशिक्षकों की प्रदेश में कुल संख्या 37 हज़ार बताई जा रही है. कोर्ट के इस फ़ैसले से अब जहां एक ओर बड़ी संख्या में युवाओं को नौकरी पाने का मौक़ा मिलेगा वहीं शिक्षा महकमें के लिए अब भर्ती प्रक्रिया के आयोजन में थोड़ा मुश्किलें बढ़ जाएँगी.