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Sunday, December 22, 2024

‘नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोंकेगा ओलंपिक, 2026 तक माओवाद मुक्त होगा भारत’: अमित शाह

जगदलपुर: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय शामिल हुए। समापन सत्र के दौरान नुवा बाट के व्हीलचेयर रेस, रिले रेस, रस्साकसी सहित अन्य प्रतिस्पर्धाओं का फाइनल मुकाबला देखा। साथ ही बस्तर अंचल के प्रसिद्ध नृत्य, नुक्कड़ नाटक और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां भी देखीं। कार्यक्रम में गृहमंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय सहित अतिथियों ने बस्तर ओलंपिक 2024 के विजेताओं यूथ आइकॉन को प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मानित किया। इस दौरान बस्तर ओलंपिक 2024 के विधिवत घोषणा की गई और ध्वज मुख्य अतिथि को सौंपा गया।
मार्च 2026 तक नक्सल उन्मूलन के संकल्प को दोहराते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, ‘बस्तर ओलंपिक 2024 के समापन सत्र में आया हूं और आज बस्तर बदल रहा है, लेकिन आपको विश्वास दिलाता हूं कि मैं 2026 के बस्तर ओलंपिक के उद्घाटन समारोह में आऊंगा और कहूंगा कि बस्तर बदल चुका है। बस्तर ओलंपिक केवल 1 लाख 65 लोगों की खेल प्रतिस्पर्धा तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समूचे बस्तर के उम्मीदों की पहचान बनने वाला है।’
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक नक्सलवाद के ताबूत में अंतिम कील ठोकने का काम करेगा। बस्तर ओलंपिक लाखों आदिवासी युवाओं को गलत रास्ते में जाने से रोकेगा और उन्हें भारत निर्माण से जोड़ेगा। शाह ने कहा कि बस्तर ओलंपिक क्षेत्र में शांति सुरक्षा और विकास की नई नींव डालने वाला है। बस्तर बदल रहा है से बस्तर बदल गया की यात्रा की शुरुआत इस ओलंपिक ने की है। केंद्रीय मंत्री शाह ने कहा कि दुनिया में जब भी भारत को किसी स्पर्धा में मेडल मिलता है तो उसमें से आधे मेडल हमारे आदिवासी बच्चे लेकर आते हैं। उन्होंने कहा कि खेलों की और विकास की जो आज शुरुआत हुई है, वह आने वाले दिनों में बस्तर के आदिवासी बच्चों के लिए विश्व भर के क्षितिज खोलेगा।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि नक्सली हिंसा से प्रभावित दिव्यांगों की जो आज व्हीलचेयर रेस हुई है, यह बस्तर के विकास की रेस है। उन्होंने कहा कि एक दौर था जब बस्तर में मूलभूत सुविधाएं तक नसीब नहीं थी, लेकिन पिछले एक साल में छत्तीसगढ़ सरकार ने बस्तर के विकास की नई इबारत लिखी है और बस्तर के गांव-गांव तक शासकीय योजनाओं का लाभ लोगों को मिल रहा है।
केंद्रीय गृहमंत्री शाह ने कहा कि डबल इंजन की सरकार में नक्सलियों के खिलाफ अभियान में तेजी आई और पिछले एक साल में नक्सल मोर्चे पर बड़ी सफलता हासिल हुई है। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आज मैंने नुवा बाट दस्ते की प्रतिभा को देखा और मेरा मन संवेदना से भर गया। ये नुवा बाट खिलाड़ियों का दस्ता देश के लिए उम्मीद की नई किरण है।
गृहमंत्री अमित शाह ने बस्तर के युवाओं से कहा कि हार मानने वाला कभी नहीं जीतता, बल्कि जीतता वो है जो कभी हार नहीं मानता। मुझे पूरा विश्वास है कि 2026 के ओलंपिक में जब बस्तर की कोई बेटी मेडल लेकर आएगी तो देश को उस पर गर्व होगा और हम इसी संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं। शाह ने आदिवासी क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी दी। उन्होंने एकलव्य स्कूल, आदिवासी आदर्श ग्राम योजना, प्रधानमंत्री पीवीटीजी डेवलपमेंट मिशन, जनजाति उन्नत ग्राम योजना सहित अन्य योजनाओं से जुड़ी जानकारी साझा की।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बस्तर ओलंपिक में भाग लेकर प्रतिभागियों को ऐतिहासिक सफलता के लिए बधाई देते हुए कहा कि बस्तर ओलंपिक का यह आयोजन केवल खेल नहीं है, बल्कि बस्तर की संस्कृति, उत्साह और प्रतिभा का उत्सव है। यह आयोजन एक संदेश देता है कि बस्तर का असली चेहरा इसकी सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सुंदरता है न कि माओवादी हिंसा। मुझे यह कहते हुए गर्व की अनुभूति हो रही है कि बस्तर ओलंपिक के माध्यम से हमने इस अंचल के युवाओं की ऊर्जा को खेल के माध्यम से एक सकारात्मक दिशा देने में सफल रहे हैं। इस आयोजन के माध्यम से हमने युवाओं को शासन प्रशासन से जोड़कर विकास के कार्यों में सहभागी बनने की ओर उन्मुख किया है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, ‘माओवाद के मांद कहे जाने वाले इलाकों में हमने नये कैंप स्थापित किये। यहां नक्सलियों को ललकारा और उन्हें धूल चटाई। पिछले एक साल में माओवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में बड़ी सफलता मिली है। इस दौरान 200 से अधिक माओवादियों को ढेर किया गया है। 900 से ज्यादा माओवादी गिरफ्तार हुए तथा 812 माओवादियों ने आत्मसमर्पण किया है, यह बड़ी उपलब्धि है। जवानों का बढ़ा हुआ हौसला और आत्मविश्वास देखकर मैंने भी अपने भीतर नयी ऊर्जा का महसूस की है। हमारी डबल इंजन की सरकार ने नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से बस्तर के अंदरूनी गांव तक लोकतंत्र और विकास की किरणों को पहुंचाने में सफल हुए है।
नियद नेल्लानार योजना के माध्यम से हम सड़क, पुल पुलिया, स्कूल, अस्पताल, आंगनवाड़ी, पेयजल, बिजली, मोबाइल टॉवर जैसी अधोसंरचनाएं अंदरूनी गांवों तक पहुंचा रहे हैं। वर्षों से बंद पड़े स्कूलों को फिर से शुरू किया गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के पुनर्वास की भी बेहतर व्यवस्था और विशेष प्रावधान सरकार द्वारा किए गए हैं। प्रदेश के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के पुनर्वास और उन्हें एक सुरक्षित जीवन प्रदान करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने 15,000 पक्के प्रधानमंत्री आवास बनाए जाएंगे। नगरनार स्टील प्लांट और रायपुर-विशाखापट्टनम आर्थिक गलियारे से बस्तर अंचल के विकास को नई गति मिलेगी।

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