28.8 C
Dehradun
Sunday, August 10, 2025

जमीन घोटाला प्रकरण में CM धामी के निर्देश पर दो आईएएस, एक पीसीएस सहित  दस अधिकारी निलंबित, दो का सेवा विस्तार समाप्त

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने नगर निगम हरिद्वार में हुए जमीन घोटाले पर सख्त रुख अपनाते हुए, दो आईएएस, एक पीसीएस अधिकारी सहित सात अधिकारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए हैं, इस मामले में तीन अधिकारी पूर्व में निलंबित हो चुके हैं, जबकि दो की पूर्व में सेवा समाप्त की जा चुकी है। इस तरह इस प्रकरण में अब तक 10 अधिकारी निलंबित किए जा चुके हैं।
हरिद्वार नगर निगम द्यारा ग्राम सराय में कूड़े के ढेर के पास स्थित अनुपयुक्त 2.3070 हैक्टेयर भूमि को करोड़ों रुपये में खरीदने पर सवाल उठने के बाद, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए थे। जिसके बाद सचिव रणवीर सिंह चौहान ने मामले की प्रारंभिक जांच कर, रिपोर्ट 29 मई को ही शासन को सौंपी थी। इसी जांच रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने कार्मिक विभाग को दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए थे। जिस पर कार्मिक एवं सतर्कता विभाग ने मंगलवार को सभी सात आरोपित अधिकारियों को निलंबित करने के आदेश जारी कर दिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद, कार्मिक विभाग ने मंगलवार को हरिद्वार नगर निगम के तत्कालीन प्रशासक और मौजूदा डीएम कर्मेंद्र सिंह, तत्कालीन नगर आयुक्त वरुण चौधरी, हरिद्वार के तत्कालीन एसडीएम अजयवीर सिंह, वरिष्ठ वित्त अधिकारी निकिता बिष्ट, वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक विक्की, रजिस्ट्रार कानूनगो राजेश कुमार, हरिद्वार तहसील के मुख्य प्रशासनिक अधिकारी कमलदास को निलंबित कर दिया है।

अब तक हुई कार्रवाई

कर्मेन्द्र सिंह – जिलाधिकारी और तत्कालीन प्रशासक नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
वरुण चौधरी – तत्कालीन नगर आयुक्त, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
अजयवीर सिंह- तत्कालीन, उपजिलाधिकारी हरिद्वार (निलंबित)
निकिता बिष्ट – वरिष्ठ वित्त अधिकारी, नगर निगम हरिद्वार (निलंबित)
विक्की – वरिष्ठ वैयक्तिक सहायक (निलंबित)
राजेश कुमार – रजिस्ट्रार कानूनगो, तहसील हरिद्वार (निलंबित)
कमलदास –मुख्य प्रशासनिक अधिकारी, तहसील हरिद्वार (निलंबित)

पूर्व में हो चुकी कार्रवाई
रविंद्र कुमार दयाल- प्रभारी सहायक नगर आयुक्त (सेवा समाप्त)
आनंद सिंह मिश्रवाण- प्रभारी अधिशासी अभियंता (निलंबित)
लक्ष्मी कांत भट्ट्- कर एवं राजस्व अधीक्षक (निलंबित)
दिनेश चंद्र कांडपाल- अवर अभियंता (निलंबित)
वेदपाल- सम्पत्ति लिपिक (सेवा विस्तार समाप्त)

हमारी सरकार ने पहले ही दिन से स्पष्ट किया है कि लोकसेवा में “पद’ नहीं बल्कि ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ महत्वपूर्ण हैं। चाहे व्यक्ति कितना भी वरिष्ठ हो, अगर वह जनहित और नियमों की अवहेलना करेगा, तो कार्रवाई निश्चित है। हम उत्तराखंड में भ्रष्टाचार मुक्त नई कार्य संस्कृति विकसित करना चाहते हैं। सभी लोक सेवकों को इसके मानकों पर खरा उतरना होगा।
पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img
spot_img

Latest Articles

लग्जरी विला में चल रहा था अवैध ऑनलाइन लोन रैकेट, 26 चीनी नागरिक गिरफ्तार

0
नई दिल्ली। थाई पुलिस ने शनिवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 26 चीनी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। इन लोगों पर आरोप है...

नागपुर के कोराड़ी देवी मंदिर हादसे में 17 घायल; निर्माणाधीन ढांचा गिरने से मलबे...

0
मुंबई: नागपुर के कोराड़ी देवी मंदिर परिसर में रविवार को बड़ा हादसा हो गया। मंदिर के निर्माणाधीन गेट का हिस्सा अचानक ढहने से 17...

भारत के खिलाफ एक्शन लेकर PAK ने मार ली अपने ही पैरों पर कुल्हाड़ी,...

0
नई दिल्ली। पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को अंजाम देकर पाकिस्तान को मुंह तोड़ जवाब दिया था। इस सैन्य कार्रवाई...

पुतिन-ट्रंप की मुलाकात का भारत ने किया स्वागत

0
नई दिल्ली। 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच होने वाली मुलाकात का भारत...

धराली के आपदा प्रभावितों को सरकार की त्वरित राहत, सीएम ने की दो महत्वपूर्ण...

0
देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने जनपद उत्तरकाशी के धराली गांव में हालिया आपदा से प्रभावित लोगों के पुनर्वास और राहत के...