भू-स्वामित्व का अधिकार देने समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर प्रशासन की ओर से 15 अक्टूबर तक कार्रवाई का आश्वासन दिए जाने के बाद तीर्थ पुरोहितों ने आमरण अनशन स्थगित कर दिया। तीर्थ पुरोहितों को भूमि, भवन आवंटन के साथ ही भूस्वामित्व का अधिकार दिया जाएगा। वहीं, तीर्थ पुरोहितों ने कहा कि कार्रवाई न होने पर 16 अक्टूबर से आमरण अनशन शुरू कर दिया जाएगा। बीते सोमवार से केदारनाथ धाम में तीर्थ पुरोहितों ने भू-स्वामित्व का अधिकार देने समेत चार सूत्रीय मांगों को लेकर आमरण अनशन शुरू किया था।
बीती देर रात को अनशनकारी कमल तिवारी की तबियत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। जिसके बाद सुबह फिर वह अनशन स्थल पर पहुंच गए। वहीं, उनकी जगह संजय तिवारी और संदीप शर्मा अनशन पर बैठ गए। जिला प्रशासन लगातार तीर्थ पुरोहितों से वार्ता की पेशकश करता रहा। बुधवार को अपर मुख्य कार्याधिकारी और ऊखीमठ तहसील के तहसीलदार अनशनस्थल पर पहुंचे और आंदोलनकारियों से वार्ता की। लगभग एक घंटे तक चली वार्ता में अधिकारियों ने आंदोलनकारियों को लिखित आश्वासन दिया कि भूमिधर से जुड़े मामले में नॉन जेडए से जेडए में प्रसार की कार्रवाई 15 अक्तूबर तक पूरी की जाएगी।
प्रशासन के इस आश्वासन के बाद आमरण अनशनकारियों को जूस पिलाकर उनका अनशन समाप्त कराया गया। केदार सभा के अध्यक्ष राजकुमार तिवारी ने कहा कि अगर 15 अक्टूबर तक लिखित आश्वासन के अनुसार कार्रवाई नहीं होती है, तो 16 अक्टूबर से फिर तीर्थ पुरोहित आमरण अनशन के लिए बाध्य होंगे।