पंखों से कुछ नहीं होता मंज़िल उन्हीं को मिलती है जिनके हौसलों में उड़ान होती है जी हाँ, ये बात फिट बैठती है व्हीलचेयर क्रिकेट टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और वर्तमान में उत्तराखंड व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान राजेन्द्र धामी पर. राजेन्द्र व्हील चेयर क्रिकेट में एक सफल खिलाडी रह चुके हैं और उनके नाम अनेक उपलब्धियाँ शामिल हैं. इन दिनों धामी आर्थिक संकट से जूझते हुए मनरेगा में मज़दूरी करने पर मजबूर थे. इसी बीच पिछले महीने बतौर डीएम जिम्मेदारी संभालने पंहुचे ज़िलाधिकारी डॉ आशीष चौहान ने को इस बात की जानकारी मिली, तो उन्होंने इस बात को लेकर हैरानी जाहिर की.
वहीँ जिलाधिकारी डॉ चौहान देश पैरालम्पिक में स्वर्णिम एतिहासिक प्रदर्शन को देखते हुए जिले में भी दिव्यांग प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का विजन रखा. इस टास्क को अंजाम तक पहुचाने के लिए डीएम ने धामी को उनकी योग्यता के अनुसार नौकरी दिलवाने की ठानी. राजेन्द्र धामी को कोच की जिम्मेदारी दी गई है. जब धामी को नियुक्ति पत्र मिला तो उन्होने डीएम का आभार जताते हुए कहा कि “ मैं जिलाधिकारी महोदय का शुक्रगुज़ार हूँ जिन्होंने व्यक्तिगत संज्ञान लेते हुये मेरी वर्षों की पीड़ा को समझा, मेरे पास शब्द नहीं है कृतज्ञता व्यक्त करने के लिये. मैं कोच के तौर पर अपनी नई भूमिका में अपना बेहतरीन देने का भरसक प्रयास करूँगा.”