नई दिल्ली/पेरिस: पीएम नरेंद्र मोदी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने पेरिस में मुलाकात की। इस दौरान दोनों नेताओं के बीच विभिन्न मुद्दों पर बात हुई। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने अपने द्विपक्षीय सहयोग और अंतरराष्ट्रीय साझेदारी के साझा दृष्टिकोण और वैश्विक चुनौतियों के समाधान पर बात की। विदेश मंत्रालय ने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों ने जनवरी 2024 में राष्ट्रपति मैक्रों की भारत की राजकीय यात्रा की थी। इससे पहले जुलाई 2023 में प्रधानमंत्री मोदी की फ्रांस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों पर सहमति बनी। वार्ता के दौरान 2047 रोडमैप पर चर्चा हुई। यह रणनीतिक साझेदारी की 25वीं वर्षगांठ के अवसर पर बैस्टिल दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में होगा। उन्होंने अपने द्विपक्षीय सहयोग में हासिल की गई प्रगति की सराहना की और इसे तेज करने की प्रतिबद्धता जताई।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने एक न्यायसंगत और शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने, वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने और तकनीकी, आर्थिक क्षेत्रों सहित उभरते विकास के लिए दुनिया को तैयार करने के लिए प्रभावी बहुपक्षवाद के आह्वान को दोहराया। दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सुधार की आवश्यकता पर जोर दिया। यूएनएससी मामलों सहित बहुपक्षीय मंचों में समन्वय पर सहमति व्यक्त की। फ्रांस ने यूएनएससी में भारत की स्थायी सदस्यता के लिए समर्थन दोहराया। दोनों नेताओं ने सामूहिक अत्याचारों के मामले में वीटो के उपयोग के विनियमन पर बातचीत को मजबूत करने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने वैश्विक चुनौतियों और वर्तमान अंतरराष्ट्रीय विकास पर व्यापक चर्चा की। साथ ही बहुपक्षीय पहलों और संस्थानों के माध्यम से अपने वैश्विक और क्षेत्रीय जुड़ाव को तेज करने पर सहमति व्यक्त जताई।
दोनों नेताओं ने वैज्ञानिक ज्ञान, अनुसंधान और नवाचार को आगे बढ़ाने के महत्व को स्वीकार किया। दोनों नेताओं ने भारत और फ्रांस के बीच लंबे और स्थायी जुड़ाव को याद करते हुए राष्ट्रपति मैक्रों और प्रधानमंत्री मोदी ने मार्च 2026 से नई दिल्ली में होने वाले भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष का लोगो लॉन्च करके भव्य उद्घाटन की घोषणा की।
दोनों नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर भी बात की। इसमें पश्चिम एशिया और यूक्रेन में युद्ध भी शामिल है। वे नियमित आधार पर समन्वय और निकटता से जुड़े रहने के अपने प्रयासों को जारी रखने पर सहमत हुए। पीएम मोदी और मैक्रों ने सीमा पार आतंकवाद सहित सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद की निंदा की। उन्होंने आतंकवाद की फंडिंग करने वाले नेटवर्क और सुरक्षित ठिकानों को नष्ट करने का आह्वान किया। वे इस बात पर भी सहमत हुए कि किसी भी देश को उन लोगों को सुरक्षित पनाह नहीं देनी चाहिए जो आतंकवादी कृत्यों को फंडिंग, योजना, समर्थन या अंजाम देते हैं। नेताओं ने सभी आतंकियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई का आह्वान किया। इसमें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद 1267 प्रतिबंध समिति द्वारा सूचीबद्ध समूहों से जुड़े व्यक्तियों को नामित करना भी शामिल है। दोनों पक्षों ने वित्तीय कार्रवाई कार्य बल की सिफारिशों के अनुरूप धन शोधन विरोधी और आतंकवाद के वित्तपोषण का मुकाबला करने के अंतरराष्ट्रीय मानकों को बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। दोनों देशों ने नो मनी फॉर टेरर (NMFT) और अन्य बहुपक्षीय मंचों पर एक साथ काम करने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति मैक्रों ने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) पर भारत-फ्रांस का रोडमैप लॉन्च किया। यह सुरक्षित, संरक्षित और भरोसेमंद आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के विकास पर ध्यान केंद्रित करने पर आधारित है। उन्होंने फ्रेंच स्टार्टअप इनक्यूबेटर स्टेशन एफ में भारतीय स्टार्टअप को शामिल करने का स्वागत किया। उन्होंने फ्रांस में भारत की यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) का उपयोग करने की विस्तारित संभावनाओं का भी स्वागत किया। दोनों नेताओं ने साइबरस्पेस के रणनीतिक महत्व और अंतरराष्ट्रीय कानून के अनुप्रयोग और साइबरस्पेस में जिम्मेदार राज्य व्यवहार के लिए ढांचे के कार्यान्वयन के संबंध में संयुक्त राष्ट्र में अपने समन्वय को मजबूत करने की अपनी इच्छा को दोहराया। साथ ही दुर्भावनापूर्ण साइबर उपकरणों और प्रथाओं के प्रसार से उत्पन्न होने वाले मुद्दों को संबोधित करने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने 2025 में होने वाले अगले भारत-फ्रांस रणनीतिक साइबर सुरक्षा और साइबर कूटनीति वार्ता की प्रतीक्षा की।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं के बीच व्यक्तिगत तालमेल को दर्शाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने फ्रांसीसी राष्ट्रपति विमान में पेरिस से मार्सिले के लिए एक साथ उड़ान भरी। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों और प्रमुख वैश्विक, क्षेत्रीय मुद्दों के पूर्ण स्पेक्ट्रम पर चर्चा की। इसके बाद मार्सिले पहुंचने के बाद प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता हुई। नेताओं ने भारत-फ्रांस रणनीतिक साझेदारी के लिए अपनी मजबूत प्रतिबद्धता की पुष्टि की, जो पिछले 25 वर्षों में लगातार एक बहुआयामी संबंध में विकसित हुई है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने कहा कि पीएम मोदी ने भारत-फ्रांस सीईओ फोरम को संबोधित किया। इसके अलावा पीएम मोदी और मैक्रों ने एआई पर बात की। अगले वर्ष 2026 को भारत-फ्रांस नवाचार वर्ष के रूप में मनाने पर सहमति बनी है। इसके अलावा नेताओं ने यूरोप, पश्चिम एशिया, इंडो-पैसिफिक में हाल के भू-राजनीतिक घटनाक्रमों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और वैश्विक और क्षेत्रीय महत्व के कई मुद्दों पर चर्चा की।
पीएम मोदी और मैक्रों की मुलाकात, द्विपक्षीय संबंधों की मजबूती और वैश्विक चुनौतियों के समाधान पर हुई बात
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