पीएम मोदी बाली में होने वाले 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए सोमवार को इंडोनेशिया के तीन दिवसीय दौरे पर रवाना हुए। जानकारी के मुताबिक पीएम मोदी बाली में सम्मेलन सहित 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे और लगभग 10 देशों के वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करेंगे। वहीं, सम्मेलन के अंतिम सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रतीकात्मक रूप से जी-20 की अध्यक्षता पीएम मोदी को सौंपेंगे। इस सम्मेलन में पीएम मोदी प्रमुख वैश्विक मुद्दों, वैश्विक विकास, खाद्य व ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन को पुनर्जीवित करने के लिए जी20 के अन्य नेताओं के साथ व्यापक चर्चा करेंगे।
इस दौरे को लेकर क्या बोले PM मोदी ?
बाली में होने वाले 17वें जी-20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए रवाना होने से पहले पीएम मोदी ने बताया कि मैं इंडोनेशिया की अध्यक्षता में होने वाले 17वें जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए 14-16 नवंबर 2022 को बाली, इंडोनेशिया का दौरा करूंगा। इस बारे में आगे की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि बाली शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं वैश्विक चिंता के प्रमुख मुद्दों, जैसे वैश्विक विकास, खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, पर्यावरण, स्वास्थ्य और डिजिटल परिवर्तन को पुनर्जीवित करने के लिए अन्य जी 20 नेताओं के साथ व्यापक चर्चा करूंगा। G20 शिखर सम्मेलन के दौरान, मैं कई अन्य भाग लेने वाले देशों के नेताओं से मिलूंगा, और उनके साथ भारत के द्विपक्षीय संबंधों में प्रगति की समीक्षा करूंगा। मैं 15 नवंबर 2022 को एक स्वागत समारोह में बाली में भारतीय समुदाय को संबोधित करने के लिए उत्सुक हूं।
‘वसुधैव कुटुम्बकम’ पर आधारित होगी भारत की अध्यक्षता
यात्रा के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने बताया कि हमारे देश और नागरिकों के लिए इस महत्वपूर्ण क्षण में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो बाली शिखर सम्मेलन के समापन समारोह में भारत को जी20 प्रेसीडेंसी सौंपेंगे। भारत आधिकारिक तौर पर 1 दिसंबर 2022 से जी20 की अध्यक्षता ग्रहण करेगा। मैं अगले साल जी20 शिखर सम्मेलन में जी20 सदस्यों और अन्य आमंत्रित लोगों को भी अपना व्यक्तिगत निमंत्रण दूंगा। पीएम मोदी ने कहा कि जी20 शिखर सम्मेलन में अपनी बातचीत के दौरान मैं भारत की उपलब्धियों और वैश्विक चुनौतियों का सामूहिक रूप से समाधान करने की हमारी अटूट प्रतिबद्धता पर प्रकाश डालूंगा। भारत की जी20 की अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ या ‘एक पृथ्वी एक परिवार एक भविष्य’ विषय पर आधारित होगी, जो सभी के लिए समान विकास और साझा भविष्य के संदेश को रेखांकित करती है।
‘साथ बढे़ं, सशक्त बनें’ थीम
‘साथ बढे़ं, सशक्त बनें’ थीम पर आधारित इस सम्मेलन में प्रमुख वैश्विक समस्या से जुड़े मुद्दों पर विस्तारपूर्वक चर्चा होगी। शिखर सम्मेलन के तीन सत्र होंगे। इन सत्रों में खाद्य और ऊर्जा सुरक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, महिला नेतृत्व विकास और डिजिटल परिवर्तन पर विचार-विमर्श होगा। यह सम्मेलन भारत के लिए खास माना जा रहा है।
20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे पीएम मोदी
पीएम मोदी इंडोनेशिया में लगभग 45 घंटे तक प्रवास करेंगे। इस दौरान पीएम मोदी जी-20 शिखर सम्मेलन सहित 20 कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। इसके अलावा वे लगभग 10 वैश्विक नेताओं के साथ द्विपक्षीय बैठकें और डायस्पोरा में भारतीय प्रवासियों से मुलाकात भी करेंगे। डायस्पोरा में पीएम मोदी के अभिनंदन के लिए एक स्वागत समारोह भी आयोजित किया गया है। इस शिखर सम्मेलन में भारत, चीन और अमेरिका समेत अन्य देशों के राष्ट्र प्रमुख शामिल होंगे। इस दौरान रूस-यूक्रेन संघर्ष और इसके प्रभावों समेत वैश्विक चुनौतियों पर व्यापक विचार-विमर्श होने की संभावना है।
2023 में भारत करेगा मेजबानी
भारत औपचारिक रूप से इस वर्ष 1 दिसम्बर से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। यह कार्यकाल अगले वर्ष सितम्बर तक रहेगा। सम्मेलन के अंतिम सत्र में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रतीकात्मक रूप से जी-20 की अध्यक्षता का भार पीएम मोदी को सौंपेंगे। उन्होंने बताया कि जी-20 की अध्यक्षता के दौरान भारत-इंडोनेशिया-ब्राजील की एक तिकड़ी बनेगी। जी-20 में यह पहली बार होगा कि तीन विकासशील देशों और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का एक गुट बनेगा।
क्या है G-20 ग्रुप?
G20 ग्रुप का गठन 1999 के दशक के अंत के वित्तीय संकट की पृष्ठभूमि में किया गया था, जिसने विशेष रूप से पूर्वी एशिया और दक्षिण-पूर्व एशिया को प्रभावित किया था। इसका उद्देश्य मध्यम आय वाले देशों को शामिल कर वैश्विक स्थिरता को सुरक्षित करना है। G20 देशों में दुनिया की 60% आबादी, वैश्विक जीडीपी का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% शामिल है। G20 ग्रुप में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, यूरोपियन यूनियन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, कोरिया गणराज्य, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका शामिल हैं। G-20 सम्मेलन में स्पेन को स्थायी अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता है।