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Wednesday, March 12, 2025
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पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति को दिए उत्तराखंड से ले गए ये खास तोहफा

अमेरिका दौरे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखण्ड में उत्पादित होने वाले प्रसिद्ध लंबे दाने के चावलों को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बिडेन को उपहार स्वरूप भेंट किए।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आदरणीय प्रधानमंत्री जी का उत्तराखण्ड के प्रति विशेष लगाव है और आज उन्होंने उत्तराखण्ड के किसानों और समस्त प्रदेशवासियों को गौरवान्वित महसूस कराते हुए देवभूमि में उत्पादित लंबे चावल व उत्तराखण्ड को विश्व पटल पर एक नई पहचान दी है। समस्त प्रदेशवासियों की ओर से कोटि-कोटि आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी !

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने व्हाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन और प्रथम महिला जिल बाइडन को बेहद ही खास उपहार दिए हैं। उन्हें दिए गए सभी उपहारों में भारत की झलक दिखी।

सबसे पहले पीएम मोदी ने अमेरिका की प्रथम महिला जिल बाइडन को एक हीरा दिया है। ये हीरा कोई मामूली हीरा नहीं है। दरअसल, पीएम मोदी ने जिल को एक 7.5 कैरेट का हरा हीरा दिया है। ये प्रयोगशाला में विकसित हुआ है।

इस खास हीरे को ऐसे ही किसी बॉक्स में नहीं रख सकते, बल्कि एक बेहद ही सुंदर डिब्बा इसके लिए तैयार किया है। इस बॉक्स का नाम पपीयर माचे है। इसमें ही ये हरा हीरा रखा जाता है। इसे कार-ए-कलमदानी के नाम से भी जाना जाता है। वहीं, ये हरा डायमंड जिम्मेदार विलासिता का एक प्रतीक है, जो भारत की 75 वर्षों की स्वतंत्रता और टिकाऊ अंतरराष्ट्रीय संबंधों का प्रतीक है।

एक विशेष चंदन का डिब्बा किया भेंट

इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को एक विशेष चंदन का डिब्बा भेंट किया है। इसे जयपुर के एक शिल्पकार द्वारा हाथ से बनाया गया है। इसपर मैसूर से प्राप्त चंदन में जटिल रूप से नक्काशीदार वनस्पतियों और जीवों के पैटर्न हैं। इतना ही नहीं इस बॉक्स के अंदर काफी ऐसे सामान हैं, जो हमारी भारतीय संस्कृति के लिए काफी खास हैं।

भारतीय पीएम ने देश की संस्कृति से अवगत कराने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति को ये खास उपहार दिए हैं। इस बॉक्स के अंदर भगवान गणेश जी की मूर्ति है, जो एक हिंदू देवता हैं, जिन्हें बाधाओं का विनाशक माना जाता है। इनकी सभी देवताओं में सबसे पहले पूजा की जाती है। मूर्ति को कोलकाता के पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के एक परिवार द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।

इतना ही नहीं, इसमें एक दीया (तेल का दीपक) भी है, जो हर हिंदू घर में एक पवित्र स्थान रखता है। इस चांदी के दीये को भी कोलकाता में पांचवीं पीढ़ी के चांदी कारीगरों के परिवार के कारीगरों द्वारा हस्तनिर्मित किया गया है।

पीएम मोदी द्वारा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दिए गए बॉक्स में 99.5 फीसदी शुद्ध और हॉलमार्क वाला चांदी का सिक्का भी है। इसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा सौंदर्यपूर्ण ढंग से तैयार किया गया है। इसे रौप्यदान (चांदी का दान) के रूप में पेश किया गया है। लवंदन (नमक का दान) के लिए गुजरात का लवन या नमक भेंट किया गया है।

इस खास बॉक्स में दस दान राशि हैं। गाय के दान के लिए गाय के स्थान पर पश्चिम बंगाल के कुशल कारीगरों द्वारा एक नाजुक हस्तनिर्मित चांदी का नारियल दिया गया है। भूदान (भूमि का दान) के लिए भूमि के स्थान पर मैसूर, कर्नाटक से प्राप्त चंदन का एक सुगंधित टुकड़ा दिया गया है। तिलदान (तिल के बीज का दान) के लिए तमिलनाडु से लाए गए तिल या सफेद तिल के बीज दिए हैं। इसके अलावा, राजस्थान में हस्तनिर्मित, 24 कैरेट शुद्ध और हॉलमार्क वाला सोने का सिक्का हिरण्यदान (सोने का दान) के रूप में पेश किया है।

पीएम मोदी ने एक और उपहार दिया है। उन्होंने बेहद ही चार अलग डिब्बे दिए हैं। ये कोई मामूली डिब्बे नहीं हैं, बल्कि इन डिब्बों में वो खास चीज है, जो भारत के लोगों के लिए बेहद खास मानी जाती है। ये भारतीयों के बीच बेहद ही प्रसिद्ध है। इन चार डिब्बों में अलग- अलग राज्यों को देखा जा सकता है।

चार खास डिब्बों में से पहले में पंजाब का घी या मक्खन है, जो सभी को पता है कि कितना खास माना जाता है। वहीं, दूसरे में झारखंड से प्राप्त हाथ से बुना हुआ बनावट वाला टसर रेशम का कपड़ा। तीसरे में उत्तराखंड से प्राप्त लंबे दाने वाला चावल। इसके अलावा, चौथे बॉक्स में गुड़ है, जो महाराष्ट्र से मंगाया गया है।

इसके अलावा, साल 1937 में, WB येट्स ने पुरोहित स्वामी के साथ सह-लेखक, भारतीय उपनिषदों का एक अंग्रेजी अनुवाद प्रकाशित किया। दोनों लेखकों के बीच अनुवाद और सहयोग पूरे 1930 के दशक में हुआ और यह येट्स के अंतिम कार्यों में से एक था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लंदन के फेबर एंड फेबर लिमिटेड द्वारा प्रकाशित और यूनिवर्सिटी प्रेस ग्लासगो में मुद्रित पुस्तक ‘द टेन प्रिंसिपल उपनिषद’ के पहले संस्करण की एक प्रति राष्ट्रपति जो बाइडन को उपहार में दी।

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