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Thursday, October 17, 2024

आंध्र प्रदेश में बारिश का कहर, सात लोगों की मौत; गुजरात में बाढ़ से जनजीवन अस्त-व्यस्त

नई दिल्ली। देश में बारिश से कई राज्यों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हैं, तो कई राज्यों में बारिश से जुड़ी घटनाओं से जनहानि की भी घटनाएं सामने आ रही है। आंध्र प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में सात लोगों की मौत हो गई है।
उत्तर-पश्चिम से लेकर मध्य और दक्षिण भारत में बारिश का कहर जारी है। आंध्र प्रदेश में बारिश से जुड़ी घटनाओं में कुल सात लोगों की मौत हो गई हैं, इसमें विजयवाड़ा में भूस्खलन के कारण चार लोगों की मौत भी शामिल हैं। जानकारी के मुताबिक भूस्खलन की घटना विजयवाड़ा के मोगलराजपुरम इलाके में हुई है, जहां भारी बारिश के कारण एक घर पर बड़ा पत्थर गिर गया।
वहीं इस हादसे पर आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने शोक जताते हुए भूस्खलन में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 -लाख रुपये अनुग्रह राशि देने का एलान किया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे भूस्खलन की आशंका वाले स्थानों से लोगों को दूर ले जाएं, क्योंकि अगले दो से तीन दिनों तक भारी बारिश का अनुमान है।
गुंटूर जिले के पुलिस अधीक्षक एस सतीश ने बताया, ये घटना दोपहर करीब 12:30 बजे हुई। बारिश के कारण कक्षाएं स्थगित होने के बाद शिक्षक ने स्कूल से करीब 3 किलोमीटर दूर एक गांव में लौटने के लिए दो छात्रों को साथ लिया और एक नाले को पार करते समय कार बह गई। हालांकि नाला बहुत बड़ा नहीं था, लेकिन हल्की कार होने के कारण हादसा हो गया। उन्होंने कहा कि पुलिस तीनों शवों को खोजने में सफल रही। अधिकारियों ने बताया कि पिछले 24 घंटों में विजयवाड़ा समेत आंध्र प्रदेश के कई स्थानों पर लगातार बारिश हुई।
गुजरात में भारी बारिश के कारण कई जिलों में आम जनजीवन अस्त-व्यस्त है, वहीं राज्य के जामनगर जिले में बाढ़ की स्थिति में सुधार होने के बाद स्थानीय प्रशासन ने साफ-सफाई अभियान शुरू कर दिया है। वहीं अकेले जामनगर से पिछले दो-तीन दिन में बाढ़ग्रस्त इलाकों में फंसे 15,000-20,000 हजार से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।

हिमाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश की वजह से जगह-जगह भूस्खलन होने से 72 सड़कें बंद हैं। शिमला में अधिकारियों ने बताया कि भूस्खलन की वजह से राज्य में 72 सड़कों को यातायात के लिए बंद करना पड़ा है। मलबा हटाने का काम तेजी से चल रहा है। लेकिन मौसम खराब होने से बाधा आ रही है। 10 बिजली और 32 जल आपूर्ति की परियोजनाएं भी ठप पड़ी हैं। मौसम विभाग ने 2 सितंबर तक राज्य के अलग-अलग क्षेत्रों में भारी से लेकर बहुत भारी बारिश होने की संभावना जताई है और यलो अलर्ट जारी किया है। इस दौरान तेज गरज के साथ हवाएं भी चल सकती हैं।
जम्मू कश्मीर में सितंबर के पहले पखवाड़े में दो चरणों में भारी बारिश की संभावना है। मौसम विभाग के मुताबिक, 3 और 3 सितंबर और फिर 7 और 8 सितंबर को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश हो सकती है। इस बीच, राजोरी जिले में ऊफनती नदी में डूबे युवक की तलाश तेज कर दी गई है। एसडीआरएफ की टीम शनिवार सुबह से ही उसकी तलाश में जुटी हुई हैं, लेकिन आखिरी सूचना मिलने तक युवका का कुछ पता नहीं चल पाया था।
बंगाल की खाड़ी में पैदा हुआ कम दबाव का क्षेत्र शनिवार को अवदाब में बदल गया है। शनिवार और रविवार की दरम्यानी रात इसके उत्तरी आंध्र प्रदेश और दक्षिण ओडिशा के बीच से गुजरने की संभावना है। इसके प्रभाव से ओडिशा के गजपति, मल्कानगिरी, कोरापट इत्यादि तटवर्ती जिलों में भारी बारिश हो रही है और इसके रविवार को भी जारी रहने की संभावना है। आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भी इसके प्रभाव से भारी बारिश होने के साथ ही तेज हवाएं चलने की संभावना है।
गुजरात पर मंडराता चक्रवात असना का खतरा टल गया है। चक्रवात पिछले 6 घंटों के दौरान 15 किमी प्रति घंट की गति से पश्चिम की ओर बढ़ गया है। अगले 24 घंटे के दौरान इसके पश्चिम और उत्तर पश्चिम की तरफ से बढ़ने की संभवना है। फिलहाल यह गुजरात के नलिया से 460 किमी पश्चिम, पाकिस्तान के कराची से 310 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम इलाके में स्थित है। 1 सितंबर की सुबह तक इसकी तीव्रता बरकरार रहेगी। इसके बाद, अगले 24 घंटों में इसके पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर बढ़ने और धीरे-धीरे कमजोर होकर एक दबाव में तब्दील होने की संभावना है।
राजस्थान के चुरू, गंगानगर, बाड़मेर, जयपुर, धौलपुर, दौसा, झालवाड़ और करौली जिलों में लगातार मूसलाधार बारिश हो रही है। दौसा जिले के रहुवास में सबसे अधिक 101 मिमी बारिश दर्ज की गई है। जयपुर स्थित मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि राज्य में अगले हफ्ते फिर मानसून के मजबूत होने की संभावना है। इसके प्रभाव से कई जिलों में गरज के साथ भारी बारिश हो सकती है और तेज हवाएं चल सकती हैं।
त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक शाहा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के बाढ़ पीड़ितों के लिए आर्थिक मदद की घोषणा की है। मृतकों के परिजनों के लिए दो-दो लाख रुपये और प्रत्येक घायल को 50,000 रुपये की मदद की घोषणा की गई है। 19-24 अगस्त के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के चलते 32 लोगों की मौत हो गई थी और दो लोग घायल हुए हैं और व्यक्ति लापता है। केरल के वायनाड जिले में 30 जुलाई को हुए भूस्खलन का केंद्र रहे पंचिरीमट्टम के ठीक ऊपर शनिवार को भी पहाड़ से भारी मलबा गिरा। पिछले भूस्खलन में 200 से अधिक लोगों की जान चली गई और 78 लोग अभी भी लापता हैं। जिला प्रशासन ने कहा कि राहत और बचाव कार्य में लगे लोगों को उसने बहुत ही सावधानी के साथ काम करने को लेकर आगाह किया है।

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