देहरादून: राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड द्वारा राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला का आयोजन स्वास्थ्य विभाग से जुड़े विभिन्न हितधारकों, सरकारी एवं गैर-सरकारी संस्थाओं के साथ सामंजस्य स्थापित कर तंबाकू के प्रति जन जागरुकता को बढ़ावा देने एवं उत्तराखंड को तंबाकू मुक्त बनाने हेतु भविष्य रणनीति को तैयार करने हेतु चर्चा की गई।
तंबाकू नियंत्रण विषय पर आधारित कार्यक्रम के दौरान डॉ. सरोज नैथानी, निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एन.एच.एम.) ने कार्यशाला में मौजूद विभिन्न प्रतिनिधियों को राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.के.एस.के.) व राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर.बी.एस.के.) के काउंसलर्स को तंबाकू नियंत्रण किये जाने हेतु अहम बताया। उन्होंने कहा कि, तंबाकू का सेवन सर्वाधिक युवाओं द्वारा किया जाता है। इस श्रृंखला में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की आऱ.के.एस.के. की टीमों द्वारा शिक्षण संस्थानों में तंबाकू विषय पर आधारित जागरुकता को बढ़ावा दिया जा रहा है।
डॉ. नैथानी द्वारा चार धाम यात्रा में भी तंबाकू मुक्त जन जागरुकता संदेशों के व्यापक प्रचार-प्रसार पर बल दिए जाने हेतु चर्चा की गई साथ ही उन्होंने सभी हितधारकों के आपसी समनवय स्थापित कर तंबाकू मुक्त उत्तराखंड बनाने हेतु भागीदारी दिये जाने पर चर्चा की।
कार्यक्रम में तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम के अतंर्गत उत्तराखंड में तंबाकू के सेवन एवं प्रभावित आयु वर्ग से संबंधित आंकड़ों का प्रस्तुतिकरण दिया गया। कार्यशाला में एम्स ऋषिकेश के विशेषज्ञों द्वारा कोटपा 2003 अधिनियम के महत्व तथा तंबाकू सेवन से होने वाले दुष्प्रभावों के बारे में बताया साथ ही हुक्का-बार, ई-सिगरेट अधिनियम व एफ.सी.टी.सी. (फ्रेमवर्क कन्वेंशन ऑफ टोबैको कंट्रोल) के बारे में बताया।
कार्यशाला के दौरान सभी विभागों से अपेक्षा की गई वह अपने विभाग से संबंधित गैर सरकारी संगठनों की सहभागिता सुनिश्चित करें साथ ही राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन द्वारा गैर सरकारी संगठनों के क्षमता विकास किए जाने हेतु सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही स्वास्थ्य विभाग से जुड़ी विभिन्न इकाइयों, संस्थानों के प्रतिनिधियों को अपने स्तर पर तंबाकू मुक्त उत्तराखंड की ओर अग्रसर किए जाने के लिए सशक्त आई.ई.सी. माध्यमों द्वारा जन जागरुकता कैंपेन, तंबाकू मुक्त लघु फिल्मों के निर्माण किए जाने पर बल दिया।