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Tuesday, October 14, 2025

शाह ने गिनाए कांग्रेस शासन में देश से भागे आतंकियों के आंकड़े

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। शाह ने पहलगाम आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर को लेकर सरकार पर उठाए जा रहे सवालों के जवाब में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में आतंकियों पर की जाने वाली कार्रवाई को ही कठघरे में खड़ा कर दिया। इस दौरान गृह मंत्री ने कुछ मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के कांग्रेस के शासनकाल के दौरान देश छोड़कर भागने का मुद्दा भी उठा दिया। उन्होंने इस दौरान दाऊद इब्राहिम से लेकर 2010 में भागे इकबाल कासकर तक का नाम ले लिया।
देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर विपक्ष की तरफ से सरकार पर उठाए सवालों को लेकर शाह ने कहा, “ये पूछ रहे थे कि बायसरन घाटी के जो गुनहगार हैं, वे पाकिस्तान भाग गए। ये कहते थे कि गृह मंत्री क्या करते हैं, जिम्मेदारी लें। हमारी तो सेना और सीआरपीएफ ने ठोंक दिया। अब न तो मेरा जवाब देना बनता है, न उनका मांगना बनता है। लेकिन मैं उनसे कुछ पूछना चाहता हूं।”
दाऊद इब्राहिम का इतिहास मुंबई से जुड़ा रहा है। उसका जन्म दिसंबर 1955 में रत्नागिरी जिले में हुआ था। भारत में आपराधिक और आतंकी घटनाओं को अंजाम देने के बाद भारत और अमेरिका ने उसे 2003 में वैश्विक आतंकी घोषित किया था। 1993 मुंबई बम धमाकों के मामले में उस पर 2.5 करोड़ डॉलर का इनाम भी रखा गया था। हालांकि, इसके बावजूद वह पाकिस्तान में छिपा रहा और भारत में कई और आतंकी घटनाओं में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से शामिल रहा है।
सैयद सलाउद्दीन का जन्म 1946 में जम्मू-कश्मीर में हुआ था। उसका असल नाम- यूसुफ शाह है। 1987 में चुनाव हारने के बाद कश्मीरियों के खिलाफ हिंसक प्रदर्शनों से जुड़ा। बाद में आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन का सरगना बना। घाटी में आतंकियों की ट्रेनिंग में शामिल रहा। 26 जून 2017 को अमेरिका के विदेश मंत्रालय ने उसे विशेष नामित वैश्विक आतंकवादी घोषित किया था। इसके बावजूद वो अलग-अलग मौकों पर पाकिस्तान में खुलेआम घूमता और भारत-अमेरिका के खिलाफ बयान देता नजर आया।
टाइगर मेमन का असली नाम मुश्ताक इब्राहिम मेमन है। मुंबई के माहिम से आने वाले टाइगर ने दाऊद इब्राहिम के साथ चांदी की तस्करी के बाद हथियारों की तस्करी की। 1993 में बम धमाकों के लिए विस्फोटक और हथियारों की सप्लाई और इन्हें लगाने वालों को प्रशिक्षण देने में शामिल। आईएसआई की मदद से ब्लास्ट से ठीक पहले दुबई भागा, फिर पाकिस्तान के कराची पहुंचा। परिवार के कई लोग भी देश से फरार। अमेरिका ने प्रतिबंध लगाए। भारत की जांच एजेंसी- सीबीआई और वैश्विक एजेंसी- इंटरपोल को भी तलाश।
अनीस इब्राहिम कासकर का जन्म 1960 में मुंबई में हुआ था। दाऊद इब्राहिम के साथ रहते हुए उसने डी-गैंग में कई आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया। गैंगवॉर से लेकर हत्याओं तक में अनीस पर केस दर्ज। फिल्म स्टार्स के लिए पार्टी आयोजित करने के साथ कई बड़ी हस्तियों का करीबी रहा। बताया जाता है कि भागने के बाद अनील को एक बार बहरीन और एक बार अबु धाबी में पकड़ा गया। हालांकि, दाऊद की वजह से वह बच निकला। पाकिस्तान में रहकर डी-कंपनी की ड्रग्स तस्करी के नेटवर्क का सरगना।रियाज भटकल का असल नाम शाह रियाज अहमद मोहम्मद इस्माइल शाहबंडारी है। वह मूलतः कर्नाटक के उत्तर कन्नड़ में स्थित भटकल से है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का कार्यकर्ता बना। बाद में साथी छात्रों के साथ जिहादी संगठन इंडियन मुजाहिद्दीन की स्थापना की और इसका सरगना बना। 2005 के बाद से भारत में अधिकतर बम ब्लास्ट में नाम जुड़ा। भाई इकबाल भटकल के साथ मुंबई, अहमदाबाद से लेकर पुणे तक धमाकों को अंजाम दिया। बाद में पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की मदद से कराची पहुंचा। लश्कर-ए-तैयबा के साथ भारत में दहशत फैलाने के लिए कराची प्रोजेक्ट शुरू किया। भारत ने यूएपीए के तहत आतंकी घोषित किया।
इकबाल भटकल का असल नाम इकबाल शाहबंडारी है। अपने भाई से उलट इकबाल पढ़ाई 18 बार कंस्ट्रक्शन टेक्नोलॉजी में दाखिला लेने में असफल रहा। यूनानी चिकित्सा पढ़ने के दौरान तब्लीगी जमात का कार्यकर्ता बना और जाकिर नाइक को फॉलो करना शुरू किया। इसके जरिए कई मुस्लिम युवाओं से संपर्क में आया। बाद में भाई के साथ जिहाद को बढ़ावा देने के लिए इंडियन मुजाहिद्दीन शुरू किया। 2005 से आतंकी घटनाओं में शामिल रहा। कई हमलों की जिम्मेदारी लेने वाले प्रकाशन भी किए। भाई की तरह ही आईएसआई-लश्कर के संपर्क में आया और भारत के खिलाफ दहशतगर्दी फैलाने की जिम्मेदारी ली। यूएपीए के तहत आतंकी घोषित।
मिर्जा शादाब बेग के बारे में जो जानकारी मौजूद है, उसके मुताबिक वह आजमगढ़ का रहने वाला है। इंडियन मुजाहिद्दीन से जुड़ने के बाद उसने उत्तर प्रदेश, दिल्ली, गुजरात और राजस्थान तक में बम धमाकों को अंजाम दिया। शादाब के बाटला हाउस एनकाउंटर में भाग निकलने के बाद शुरुआत में उसके सऊदी अरब में छिपे होने की खबरें आई थीं। इसका पूरा खुलासा उसके साथी हाकिम अब्दुल करीम ने यूपी एटीएस द्वारा पकड़े जाने के बाद किया था। खुलासा हुआ था कि मिर्जा शादाब बेग खुद भी इंजीनियर है और उसके पास उत्तर प्रदेश के इंजीनियरिंग संस्थानों से लड़कों को कट्टरपंथी बनाने और उन्हें आईएम में शामिल कराने की जिम्मेदारी मिली थी।

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