इस महीने यानि मई में उत्तराखंड के चारधाम के कपाट खुलेंगे. कपाट खुलने की तिथि पहले ही तय की जा चुकी है. मंगलवार को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के रावल, पुजारीगण और मंदिरों से जुड़े स्थानीय हक हकूक धारी, पंडा पुरोहित, कर्मचारी व अधिकारी के लिए एसओपी जारी की गई. पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों की सुरक्षा उत्तराखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है. देश-विदेश के तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसओपी तैयार की गई है. ऐसे में व्यापारियों की आर्थिकी को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिए सुरिक्षत ढंग से होम स्टे उपलब्ध कराए जा रहे हैं. प्रदेश के सभी होम स्टे में पर्यटक वर्क फ्रॉम होम भी कर सकते हैं.
पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि उत्तराखंड चारधाम यात्रा लाखों लोगों का रोजगार और आजीविका का साधन है. यात्रा को जल्द सुरक्षित ढंग से शुरू करने के लिए अधिकारियों, मंदिर समिति के पदाधिकारियों और स्थानीय व्यापारियों के सुझाव लिए जा रहे हैं. इससे पहले कोरोना की जंग जीतने के लिए विशेषज्ञों की देखरेख में प्रदेश भर में टीकाकरण अभियान तेजी से चलाया जा रहा है. कोरोना की वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित और असरदार है. सरकार की ओर से टीके के लिए जागरूक भी किया जा रहा है.
पर्यटन मंत्री ने कहा कि उत्तराखंड में आकर वर्क फ्रॉम होम करने वालों के लिए प्रदेश के सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में कई ऐसे पर्यटक स्थल हैं, जो कि अपनी नैसर्गिक छटा एवं सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुये हैं. जहां बने हुए होम स्टे में पर्यटकों के लिए उचित आवास एवं खान-पान की सुविधा के साथ संचार व्यवस्था को भी मजबूत किया गया है. उत्तराखंड के होम स्टे में रहकर वर्क फ्रॉम होम करने वालों को सिर्फ 72 घंटे पहले वाली कोरोना की आरटीपीसीआर रिपोर्ट साथ लानी होगी.
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि कोरोना के चलते उत्तराखंड पर्यटन उद्योग को हो रहे नुकसान को रोकने के लिए हम प्रयासरत हैं. पर्यटन उद्योग के नुकसान को कम करने के लिए हम लगातार वैकल्पिक व्यवस्थाओं को तलाश रहे हैं. तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसओपी तैयारी की गई है.
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी व गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि बोर्ड ओर से एसओपी जारी की गई है. जिसके तहत मंदिरों के कपाट प्रातः 7 बजे से शाम 7 बजे तक ही खोले जाएंगे. मंदिरों के प्रवेश द्वारों पर हाथों को सेनेटाइज करना होगा और सभी की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी. सभी प्रवेश करने वाले व्यक्ति विशेषों को फेस कवर (मास्क) का प्रयोग करना अनिवार्य होगा. काेरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच देवस्थानम परिसर के अंदर एवं बाहर सोशल डिस्टेसिंग का कड़ाई से पालन करना अनिवार्य होगा. जिन व्यक्ति विशेषों में कोई लक्षण प्रदर्शित नहीं होगा, केवल उन्हें ही देवस्थान परिसर में प्रवेश की अनुमति होगी.