देहरादून: बदरीनाथ धाम के कपाट शीतकाल के लिए 20 नवबंर को शाम 6 बजकर 45 मिनट पर बंद किए जाएंगे। आज विजयादशमी पर्व पर बदरीनाथ धाम बंद होने की तिथि तय की गई। वहीं, केदारनाथ धाम के कपाट भैयादूज पर्व पर छह नवंबर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। जबकि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर पांच नवंबर को सुबह 11 बजकर 45 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जाएंगे। यमुनोत्री धाम के कपाट बंद होने का मुहूर्त एक सप्ताह के अंतराल में निकाला जाएगा।
उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि विजयादशमी पर बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने की तिथि के साथ पंच पूजाओं का कार्यक्रम, उद्धवजी व कुबेरजी की उत्सव डोली का पांडुकेश्वर और आदि शंकराचार्य की गद्दी के नृसिंह मंदिर जोशीमठ आने का कार्यक्रम भी तय होगा। इस अवसर पर आगामी यात्राकाल के लिए हक हक-हकूकधारियों को पगड़ी भी भेंट की जाएगी।
विश्व प्रसिद्ध गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने का शुभ मुहूर्त निकाला गया। विजयादशमी के पर्व पर गंगोत्री धाम में तीर्थ पुरोहितों ने हवन पूजन कर मुहूर्त तय किया। गंगोत्री मंदिर समिति के सचिव दीपक सेमवाल ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट अन्नकूट पर्व पर 5 नवंबर को दोपहर 11 बजकर 45 मिनट पर श्रद्धालुओं के लिए बंद किए जाएंगे। जिसके बाद गंगा की डोली शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा के लिए रवाना होगी। रात्रि विश्राम के लिए गंगा की डोली चंदोमति माता के मंदिर में पहुंचेगी है। छह नवंबर की सुबह गंगा की डोली यात्रा मुखवा स्थित गंगा मंदिर में पहुंचेगी। अगले वर्ष कपाट खुलने तक गंगा की पूजा-अर्चना मुखवा में होगी।
द्वितीय केदार भगवान मद्महेश्वर के कपाट शीतकाल के लिए 22 नवंबर को प्रात: साढे आठ बजे वृश्चिक लग्न में बंद हो जायेंगे। जबकि डोली आगमन पर मद्महेश्वर मेला 25 नवंबर को आयोजित होगा। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट शनिवार 30 अक्टूबर को दोपहर एक बजे शीतकाल के लिए बंद हो जाएंगे।
पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ में पुजारी-आचार्यगणों एवं पंचगाई हक-हकूकधारियों तथा देवस्थानम बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों की उपस्थिति में विधि-विधान पूर्वक पंचाग गणना के पश्चात कपाट बंद होने की तिथि तय की गई। तृतीय केदार तुंगनाथ के कपाट बंद होने की तिथि शीतकालीन गद्दीस्थल मार्कंडेय मंदिर मक्कूमठ में तय हुई है। कपाट बंद होने के पश्चात भगवान मद्महेश्वर की चलविग्रह डोली 22 नवंबर को गौंडार, 23 नवंबर को रांसी, 24 नवंबर को गिरिया प्रवास करेगी। 25 नवंबर को चल विग्रह डोली ओंकारेश्वर मंदिर उखीमठ पहुंचेगी। 25 नवंबर को मद्महेश्वर मेला आयोजित किया जायेगा।