देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर उत्तराखण्ड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में गुरुवार को चारधाम यात्रा को लेकर एनडीएमए और यूएसडीएमए द्वारा संयुक्त रूप से मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। चारधाम यात्रा से जुड़े सात जनपदों में यह मॉक ड्रिल आयोजित की गई। मॉक ड्रिल के जरिये विभिन्न विभागों की चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियों को परखा गया तथा जिन क्षेत्रों में कुछ कमियां दिखीं, उन्हें दुरुस्त करने के लिए एनडीएमए के अधिकारियों द्वारा अहम सुझाव दिए गए।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निकट पर्यवेक्षण में संचालित यह मॉक ड्रिल चारधाम यात्रा के मुख्य जनपद उत्तरकाशी, चमोली और रुद्रप्रयाग तथा ट्रांजिट जनपद देहरादून, हरिद्वार, पौड़ी और टिहरी में आयोजित की गई। घटना प्रतिक्रिया प्रणाली यानी आईआरएस के तहत आयोजित इस मॉक ड्रिल में चारधाम यात्रा को लेकर विभिन्न विभागों की तैयारियों का धरातल पर परीक्षण किया गया। मॉक ड्रिल का समन्वय राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया गया।
इस अवसर पर उपाध्यक्ष, राज्य सलाहकार समिति, आपदा प्रबंधन विभाग विनय कुमार रुहेला ने कहा कि मॉक ड्रिल एक ऐसी एक्सरसाइज है, जिसके माध्यम से चारधाम यात्रा की तैयारियों को और अधिक पुख्ता करने का अवसर मिला है। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी लगातार चारधाम यात्रा को लेकर प्रत्येक विभाग की तैयारियों की समीक्षा कर रहे हैं। सभी विभागों द्वारा आवश्यक व्यवस्थाएं की गईं हैं ताकि यात्रियों को किसी प्रकार की कोई परेशानी न हो।
इस अवसर पर सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विनोद कुमार सुमन ने कहा कि चारधाम यात्रा के सुगम तथा सुव्यवस्थित संचालन के लिए माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एनडीएमए के साथ मिलकर मॉक ड्रिल आयोजित करने के लिए निर्देशित किया था। मुख्यमंत्री के निर्देश थे कि चारधाम यात्रा के लिए विभिन्न विभागों की तैयारियों को परखने के लिए एनडीएमए के साथ मिलकर मॉक अभ्यास किया जाए ताकि यात्रा से पहले व्यवस्थाओं को और चाक-चौबंद किया जा सके। विनोद कुमार सुमन ने कहा कि मॉक ड्रिल का उद्देश्य सभी रेखीय विभागों को एक मंच पर लाना था ताकि चारधाम यात्रा के दौरान किसी भी आपदा तथा आकस्मिक स्थिति से प्रभावी तरीके से निपटा जा सके। उन्होंने कहा कि इस उद्देश्य में हम काफी हद तक सफल हुए हैं। विभिन्न विभागों के बीच अच्छा समन्वय और तालमेल देखने को मिला। कहीं जो कुछ भी कमियां मिली हैं, उन्हें चारधाम यात्रा प्रारंभ होने से पहले दुरुस्त करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि इस मॉक ड्रिल का उद्देश्य कुछ नया सीखना और कहीं किसी प्रकार के गैप्स रह गए हैं तो उन्हें दूर करना था ताकि चारधाम यात्रा के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि माननीय मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशन में आपदा प्रबंधन विभाग सुरक्षित चारधाम यात्रा के लिए संकल्पबद्ध है तथा विभिन्न रेखीय विभागों के साथ बेहतर समन्वय से कार्य किया जा रहा है।
इस अवसर पर एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन आनंद स्वरूप, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी राजकुमार नेगी, अपर सचिव विनीत कुमार, 15वीं बटालियन एनडीआरएफ के कमांडेंट एसके दराल, वित्त नियंत्रक अभिषेक कुमार आनंद, संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो0 ओबैदुल्लाह अंसारी, शांतनु सरकार आदि मौजूद थे।
स्कूल और अस्पताल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश
देहरादून। एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल के दिशा-निर्देशन में मॉक ड्रिल का संचालन राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र से किया गया। बारी-बारी मॉक ड्रिल की सभी साइट्स पर तैनात इंसीडेंट कमांडरों से जानकारी ली गई कि उनके द्वारा संबंधित आपदा का किस प्रकार सामना किया गया। उपलब्ध संसाधनों की जानकारी ली गई। रिस्पांस टाइम के बारे में पूछा गया। इस दौरान मेजर जनरल सुधीर बहल ने जहां अच्छा किया गया उसके लिए जनपदों की पीठ भी थपथपाई और जहां कमियां रहीं, उन पर सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए।
इस दौरान एनडीएमए की टीम ने रेसकोर्स स्थित बन्नू स्कूल का निरीक्षण भी किया। मेजर जनरल सुधीर बहल ने स्कूल के प्रधानाचार्य को स्कूल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान तथा निकासी प्लान बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि भूकंप तथा अन्य आपदाओं को लेकर हर माह स्कूल में मॉक ड्रिल आयोजित की जानी चाहिए। बच्चों को फर्स्ट एड प्रदान करने का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि बच्चे आपात स्थिति में दूसरों की मदद कर सकें। साथ ही उन्होंने स्कूल में भूकंप का सायरन लगाए जाने के भी निर्देश दिए। इस दौरान उन्होंने कोरेनेशन अस्पताल का भी दौरा किया और अस्पताल का डिजास्टर मैनेजमेंट प्लान बनाने के निर्देश दिए।
चारधाम यात्रा को लेकर एनडीएमए ने दिए महत्वपूर्ण सुझाव
देहरादून। एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने मॉक ड्रिल के बाद शाम को डिब्रीफिंग कर चारधाम यात्रा के लिए अहम सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि राज्य व जनपद आपातकालीन परिचालन केंद्र में पुलिस तथा पर्यटन विभाग के कंट्रोल रूम की फीड होनी चाहिए ताकि मॉनीटरिंग का दायरा बढ़ाया जा सके। उन्होंने कहा कि यात्रियों से अधिक से अधिक संख्या में चारधाम यात्रा एप को डाउनलोड कराया जाए। इस एप में यात्रियों को वेदर फोरकास्ट, वेदर एलर्ट देने की व्यवस्था की जाए। टै्रफिक मैनेजमेंट प्लान की जानकारी भी इस एप के जरिये यात्रियों को दी जाए ताकि उन्हें जाम तथा वैकल्पिक मार्गों की स्थिति पता चल सके। भूस्खलन क्षेत्र की जानकारी भी इस ऐप के जरिये मुहैया कराई जाए। भूस्खलन अथवा टै्रफिक जाम की वजह से अधिक संख्या में यात्रियों को परेशानी न हो इसके लिए होल्डिंग ऐरिया को चिन्हित किया जाए, जहां वाहनों को रोका जा सके।
उन्होंने कहा कि आपदा के लिहाज से संवेदनशील क्षेत्रों तथा डेंजर जोन में साइनेज अनिवार्य रूप से लगाए जाने चाहिए ताकि यात्री संभलकर यात्रा करें। इसके साथ ही उन्होंने होटल तथा धर्मशालाओं का फायर सेफ्टी आडिट भी अनिवार्य रूप से कराने को कहा। लैंडस्लाइड जोन के दो किमी के दायरे में जेसीबी तथा अन्य उपकरण तैनात किए जाएं, ताकि समय पर मार्ग को खोला जा सके। नो नेटवर्क जोन में संबंधित विभाग को वैकल्पिक व्यवस्था करने के निर्देश दिए, ताकि किसी आपात स्थिति में यात्री मदद के लिए बात कर सकें। उन्होंने कहा कि जो यात्री हेलीकॉप्टर से सीधे उच्च हिमालयी क्षेत्रों में जाते हैं, उन्हें हाई एल्टीट्यूड सिकनेस की समस्या हो सकती है। उन्हें संभावित खतरे से बचाने के लिए भी स्वास्थ्य विभाग को पुख्ता व्यवस्था करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर तथा हेलीपैड की सुरक्षा भी बहुत जरूरी है। इसके लिए उन्होंने यूकाडा को एसओपी बनाने के निर्देश दिए।
बदरीनाथ धाम में व्यवस्थाओं पर जिलाधिकारी के प्रयासों को सराहा
देहरादून। बदरीनाथ धाम में भगदड़ के परिदृश्य पर मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल सुधीर बहल ने भगदड़ का प्रभावी तरीके से सामना करने के लिए प्रशासन द्वारा की गई व्यवस्थाओं की सराहना की। इसके लिए उन्होंने चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी को बधाई दी। जिलाधिकारी ने बताया कि बदरीनाथ धाम में यात्रियों के लिए मैटिंग की व्यवस्था की गई है। रेलिंग को मजबूत किया गया है ताकि वे टूटे नहीं। कतार में लगे बुजुर्ग यात्रियों के बैठने के लिए बीच-बीच में बैंच की व्यवस्था की गई है। अधिक संख्या में शौचालयों का निर्माण किया गया है।