टिहरी: सोशल मीडिया पर एक वीडियो बहुत तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें युवक ने दावा किया कि यह वीडियो भरपूर गांव (प्रतापनगर) में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम का है। इस गांव और आसपास के कुछ गांव के कुछ लोगों पर मुस्लिम देवता पीर बाबा, पठान और सह देवता अवतरित होता है। यह देवता उनके साथ रुड़की और मेरठ से यहां आए हैं। युवक ने यह भी दावा किया कि लोग इन मुस्लिम देवताओं पर भारी आस्था और विश्वास प्रकट करते हैं।
वही युवक के वॉयरल वीडियो का सच टिहरी पुलिस ने भी अपने सोशल पेज पर शेयर किया है। जी हां उत्तराखंड में मुस्लिम वेषधारी लोगों पर हिंदू देवताओं के अवतरित होने का सच टिहरी पुलिस ने सामने ला दिया है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड के एक पहाड़ी परिवेश के गांव में कुछ लोग मुस्लिम वेशभूषा में देवताओं के रूप में मंडाण(पांडव नृत्य)जैसा नृत्य कर रहे हैं। इस वीडियो को कोई पौड़ी, कोई चमोली तो कोई टिहरी का बता रहा है। इस वीडियो में पांच लोग पहाड़ी ढोल पर नृत्य कर रहे हैं। ऐसे नृत्य पांडव नृत्य कहलाता है। लेकिन मुस्लिम रूप में यह नृत्य किसी के गले नहीं उतर रहा है।
पिछले दो दिनों से वॉयरल वीडियो को लेकर खूब बहस और कमेंटबाजी सोशल प्लेटफार्म पर चल रही है। लेकिन आज टिहरी के भरपूर गांव निवासी युवक हिमांशु कालूडा के दावे पर टिहरी पुलिस ने सोशल पेज पर इस तरह वीडियो को लेकर खंडन किया है। युवक का दावा है कि 2018 में उसने यह वीडियो गांव में आयोजित धामिक कार्यक्रम के दौरान बनाई थी। छह माह अपने अपने फेसबुक, इंस्टाग्राम और यूट्यूब चैनल पर अपलोड किया था। युवक ने बताया कि उनके गांव के लोग मुस्लिम देवता पीर बाबा, पठान देवता और सह देवता पर अटूट विश्वास करते हैं। इन देवताओं की हर साल पूजा होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वीडियो में सभी लोग स्थानीय हिंदू हैं, जो मुस्लिम देवताओं के रूप के अवतरित हो रहे हैं। वीडियो में कुछ लोग रुड़की और मेरठ की बात कह रहे हैं। युवक का कहना है कि यह देवता उनके क्षेत्र के लोगों के साथ मेरठ और रुड़की से यहां आए हैं। इसके अलावा युवक ने अपनी खंडन वाली वीडियो में कई अनसुलझी बातें कही है। टिहरी पुलिस के फेसबुक पेज पर वीडियो का खंडन इस तरह डाला गया है।
टिहरी पुलिस ने किया खंडन
विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर मण्डान नृत्य सम्बन्धी एक वीडियो प्रचारित है। जिस पर कतिपय व्यक्तियों द्वारा भरपूर टिहरी गढ़वाल क्षेत्र में रूड़की से आये कुछ लोगों द्वारा पहाड़ों में पीर बाबा के नाम पर संस्कृति से खिलवाड़ करने सम्बन्धी उल्लेख किये जा रहे हैं। इस सम्बन्ध में अवगत कराना है कि हिमांशु कलूड़ा नामक स्थानीय व्यक्ति द्वारा उक्त वीडियो को लगभग 06 माह पूर्व अपने यूट्यूब_चैनल पर प्रचारित किया गया था। हिमांशु कलूड़ा द्वारा वीडियो से सम्बन्धित तथ्यों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराते हुए एक खंडन वीडियो भी जारी किया गया है। आप सभी से अनुरोध है, कृपया विभिन्न सोशल मीडिया सूचनाओं की वास्तविकता जानने का बाद ही उन्हे अग्रसारित करें।