स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग, शिक्षा मंत्रालय कल यानी 5 जुलाई, 2021 को समझ और संख्या के साथ पढ़ने में प्रवीणता के लिए राष्ट्रीय पहल, निपुण भारत शुरू करेगा. इसे केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ द्वारा लॉन्च किया जाएगा. शिक्षा मंत्रालय ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.
लघु वीडियो, गान और क्रियान्वयन दिशानिर्देश भी किए जाएंगे लॉन्च
इस कार्यक्रम के दौरान निपुण भारत पर एक लघु वीडियो, गान और क्रियान्वयन दिशानिर्देश भी लॉन्च किए जाएंगे. इस कार्यक्रम में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, विभाग के वरिष्ठ अधिकारी और संस्थानों के प्रमुख भी शामिल होंगे. राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के लिए किए गए उपायों की एक श्रृंखला के तहत निपुण भारत एक महत्वपूर्ण कदम है. राष्ट्रीय शिक्षा नीति का शुभारंभ स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा 29 जुलाई 2020 को किया गया था.
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 भारत की तीसरी शिक्षा नीति
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में शिक्षा की पहुंच, समानता, गुणवत्ता, वहनीय शिक्षा और उत्तरदायित्व जैसे मुद्दों पर विशेष ध्यान दिया गया है. नई शिक्षा नीति के निर्माण के लिये जून 2017 में पूर्व इसरो प्रमुख डॉ. के. कस्तूरीरंगन की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया था. इस समिति ने मई 2019 में ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मसौदा’ प्रस्तुत किया था. ‘राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020’ वर्ष 1968 और वर्ष 1986 के बाद स्वतंत्र भारत की तीसरी शिक्षा नीति है. नई शिक्षा नीति में वर्तमान में सक्रिय 10+2 के शैक्षिक मॉडल के स्थान पर शैक्षिक पाठ्यक्रम को 5+3+3+4 प्रणाली के आधार पर विभाजित करने की बात कही गई है. तकनीकी शिक्षा, भाषाई बाध्यताओं को दूर करने, दिव्यांग छात्रों के लिये शिक्षा को सुगम बनाने आदि के लिये तकनीक के प्रयोग को बढ़ावा देने पर बल दिया गया है.
एक सक्षम वातावरण बनाना है इसका उद्देश्य
निपुण भारत मिशन का उद्देश्य आधारभूत साक्षरता और संख्यात्मकता के सार्वभौमिक अधिग्रहण को सुनिश्चित करने के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है, ताकि प्रत्येक बच्चा 2026-27 तक ग्रेड 3 के अंत तक पढ़ने, लिखने और अंकगणित में जरूरत की चीजें सीखने की क्षमता प्राप्त कर सके. निपुण भारत को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग द्वारा लागू किया जाएगा और केंद्र प्रायोजित योजना के तहत सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में राष्ट्रीय-राज्य-जिला-ब्लॉक-स्कूल स्तर पर समग्र शिक्षा का एक पांच स्तरीय क्रियान्वयन तंत्र स्थापित किया जाएगा.