अल्मोड़ा: उत्तराखंड में कुमाऊं की रामगंगा नदी में जैनल के निकट होमगार्ड राकेश किरौला का शव मिला है। राकेश किरौला 27 जुलाई को नागाड़ गधेरे को पार करते समय बह गए थे। उस दौरान एनडीआरएफ व एसडीआरएफ द्वारा सर्च ऑपरेशन भी चलाया गया था, लेकिन शव का कुछ पता नहीं चल पाया था। रविवार को रामगंगा के पास से गुजर रहे खच्चर वाले कि नजर शव पर पड़ी तो उसने लोगों को इसकी जानकारी दी। पुलिस ने बताया कि उनके बदन पर कमीज भी नहीं थी। लेकिन किरौला की पहचान बेल्ट व यूनिफॉर्म की पेंट से की गई। इस खबर से होमगार्ड के परिवार में कोहराम मच गया है।
जानकारी मिली है कि सौनगांव राकेश किरौला (24) ड्यूटी पूरी करने के बाद स्कूटी से घर की ओर निकला था। रातभर भारी बारिश से नागाड़ गदेरा उफान पर था। अंधेरा होने के कारण राकेश तेज बहाव का अनुमान नहीं लगा पाया। गदेरा पार करते वक्त तेज बहाव में बह गया था। ग्रामीणों की सूचना पर तहसीलदार हेमंत कुमार मेहरा और एसओ अशोक कांडपाल राहत व अचाव दल लेकर पहुंचे थे। राकेश सिंह 8 माह पूर्व ही होमगार्ड में भर्ती हुआ। वह परिवार में सबसे छोटा है।
बड़ा भाई उमेश सिंह किरौला बीएसएनएल अल्मोड़ा में कार्यरत है। सुबह करीब साढ़े पांच बजे आसपास ही रहने वाले राजेंद्र कुमार व चंदन प्रसाद रोज की तरह दौड़ के लिए निकले। रामगंगा क्षेत्र में दूर उन्होंने जलमग्न स्कूटी की बैकलाइट जली देखी। जोखिम उठाकर दोनों मौके पर पहुंचे। स्कूटी का नंबर पहचाना तो ग्रामीणों को बताया। तब राकेश की तलाश शुरू की गई।