उत्तराखंड पुलिस को कल 17 नए पुलिस अधिकारी मिल चुके हैं. पीटीसी नरेंद्र नगर में पासिंग आउट परेड के बाद इन सभी 17 पुलिस अधिकारियों को अलग-अलग जिलों में बतौर प्रशिक्षु अधिकारी तैनाती मिल गई है. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत बतौर मुख्य अथिति शामिल हुए. दीक्षांत परेड में परेड कमाण्डर प्रथम, सुमित पाण्डेय, परेड कमाण्डर द्वितीय, सुश्री रीना राठौर एवं परेड एड्ज्यूडेण्ट, अभिनय चौधरी नियुक्त रहे.
माननीय मुख्यमंत्री द्वारा प्रशिक्षण में सर्वांग सर्वोत्तम एवं अन्तः कक्ष में प्रथम स्थान आने पर रीना राठौर एवं बाहय कक्ष में प्रथम आने पर अभिनय चौधरी को सम्मानित किया गया. पीटीसी नरेंद्र नगर में हुई वाले पासिंग आउट परेड में कोरोना संक्रमण के चलते कोविड गाइडलाइन का विशेष ध्यान रखा गया था. साल 2019 में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर ये अफ़सर पिछले 12 महीनों से कड़ा प्रशिक्षण करने के बाद पास आउट हुए. उत्तराखंड पुलिस के इस डिप्टी एसपी के बैच में 18 ट्रेनीज हैं. पासिंग आउट परेड के बाद 17 पास आउट हुए, एक किसी कारण से नहीं हो पाया. इस पूरे बैच में 7 महिला अफ़सर भी शामिल हैं.
दीक्षांत समारोह के मुख्य अतिथि तीरथ सिंह रावत ने बधाई देते हुए कहा कि किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए दी जाने वाली शिक्षा ही प्रशिक्षण है. प्रशिक्षण कोई एक दिन में पूर्ण होने वाला वन टाइम टास्क नहीं है, अपितु उसके अनुरूप खुद को बदलना पड़ता है. प्रशिक्षण ही वह माध्यम है जिसके द्वारा हम अपने पेशेवर कार्यों को तेजी व दक्षता से करने में सक्षम होते हैं. उन्होंने कहा कि पी.टी.सी प्रशिक्षुओं को कानूनों की जानकारी के अलावा शस्त्र संचालन आदि अनेक प्रकार के जरूरी कौशल का प्रशिक्षण भी दिया गया होगा, परंतु क्षमताओं का वास्तविक आकलन तो तभी होगा जब हम अपने सीखे हुए ज्ञान एवं कौशल को अपने व्यवहारिक जीवन सही व सहज तरीके से प्रयोग करेंगे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की कई विविधताएं हैं, कठिन भौगोलिक परिस्थिति एक सबसे बड़ी चुनौती है जहां – बाढ़, बादल फटना, भू-स्खलन, भूकम्प जैसी प्राकृतिक आपदाओं के अतिरिक्त सड़क दुर्घटनाओं का यदा-कदा सामना करना पड़ता है, ऐसे में हमारी राज्य पुलिस की भूमिका अन्य राज्यों की तुलना में और भी चुनौतीपूर्ण होजाती है. उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड एक पर्यटक एवं धार्मिक स्थल बहुल राज्य है, यहां बाहर से प्रतिवर्ष उसकी कुल आबादी दोगुने से भी अधिक पर्यटक एवं श्रद्धालु आते हैं. पर्यटन उद्योग राज्य की आय का प्रमुख स्रोत भी है, ऐसे में राज्य पुलिस की भूमिका अत्यन्त ही महत्वपूर्ण हो जाती है. पुलिस को न केवल पर्यटकों के आवागमन को सुदृढ़ एवं सुरक्षित बनाने में अहम भूमिका निभानी है, अपितु पर्यटकों को सुरक्षित भी महसूस करवाना होता है.