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Tuesday, July 22, 2025

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ का इस्तीफा, राष्ट्रपति को सौंपा त्यागपत्र, स्वास्थ्य का दिया हवाला

नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। धनखड़ ने अपने इस्तीफे में लिखा, ‘मैं स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए और डॉक्टरों की सलाह का पालन करते हुए भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा देता हूं। यह इस्तीफा संविधान के अनुच्छेद 67(ए) के अनुसार है। मैं भारत की माननीय राष्ट्रपति को हार्दिक धन्यवाद देता हूं, जिन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुझे लगातार सहयोग और एक शांतिपूर्ण कार्य संबंध प्रदान किया। यह मेरे लिए बेहद सुखद अनुभव रहा।’
उन्होंने आगे कहा, ‘मैं माननीय प्रधानमंत्री और मंत्रिपरिषद का भी आभार प्रकट करता हूं। प्रधानमंत्री का सहयोग मेरे लिए बेहद मूल्यवान रहा है और मैंने अपने कार्यकाल के दौरान उनसे बहुत कुछ सीखा है। धनखड़ ने कहा, मुझे माननीय सांसदों से जो स्नेह, विश्वास और अपनापन मिला, वह मेरे लिए सदा अमूल्य रहेगा और मेरी स्मृति में अंकित रहेगा। मैं इस महान लोकतंत्र में उपराष्ट्रपति के रूप में मिले अमूल्य अनुभवों और ज्ञान के लिए अत्यंत आभारी हूं।’
उन्होंने आगे लिखा कि इस महत्वपूर्ण कालखंड में भारत की अभूतपूर्व आर्थिक प्रगति और असाधारण विकास का साक्षी बनना और उसमें सहभागी होना मेरे लिए गर्व और संतोष की बात रही है। हमारे राष्ट्र के इस परिवर्तनकारी युग में सेवा करना मेरे लिए एक सच्चा सम्मान रहा है। जब मैं इस प्रतिष्ठित पद को छोड़ रहा हूं, तो मैं भारत के वैश्विक उत्थान और उसकी अद्भुत उपलब्धियों पर गर्व से भर जाता हूं, और उसके उज्ज्वल भविष्य में मेरी पूर्ण आस्था है।
भारत के उपराष्ट्रपति के एक्स हैंडल से धनखड़ की तस्वीर को हटा दिया गया है। देश के इतिहास में यह दूसरा मामला है, जब किसी उपराष्ट्रपति ने अपना कार्यकाल पूरा करने से पहले उस पद से इस्तीफा दिया है। इससे पहले वीवी गिरि ने 20 जुलाई, 1969 को स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। पिछले महीने उत्तराखंड के तीन दिवसीय दौरे पर गए थे। कुमाऊं विश्वविद्यालय में कार्यक्रम खत्म होने के बाद उनकी अचानक तबीयत खराब हो गई थी। मौके पर चिकित्सकों की टीम ने उन्हें प्राथमिक उपचार दिया था। जिसके बाद वह राज्यपाल गुरमीत सिंह के साथ राजभवन को रवाना हो गए थे। इससे पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा था कि ईश्वर की कृपा रही तो वह अगस्त, 2027 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। 14वें उपराष्ट्रपति के रूप में धनखड़ का पांच साल का कार्यकाल 10 अगस्त, 2027 को समाप्त हो रहा है। पेशे से वकील धनखड़ उपराष्ट्रपति चुने जाने से पहले पश्चिम बंगाल के राज्यपाल थे। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के अचानक इस्तीफे ने उनके उत्तराधिकारी के लिए सत्तारूढ़ खेमे में विमर्श का दौर शुरू कर दिया है। सत्तारूढ़ भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के पास लोकसभा और राज्यसभा के निर्वाचक मंडल में बहुमत है। आने वाले दिनों में एनडीए संभावित उम्मीदवारों पर विचार करेगा। धनखड़ पहले प. बंगाल के राज्यपाल रह चुके हैं। संभव है कि एनडीए किसी अन्य राज्यपाल, अनुभवी संगठनात्मक नेता या केंद्रीय मंत्रियों में से किसी एक का चुनाव इस पद के लिए करे। धनखड़ के पूर्ववर्ती एम. वेंकैया नायडू भाजपा के पूर्व अध्यक्ष और नरेंद्र मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। उन्हें 2017 में इस सांविधानिक पद के लिए चुना गया था। राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश जनता दल (यूनाइटेड) के सांसद हैं और 2020 से इस पद पर हैं। उनको भी संभावित उम्मीदवार माना जा रहा है, क्योंकि उन्हें सरकार का विश्वास प्राप्त है।

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