देहरादून। गांवों के सुनियोजित विकास के लिए प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गांवों को आदर्श ग्राम बनाने की दिशा में कार्य किये जाएं। देश के शीर्ष 100 आदर्श गांवों की श्रेणी में उत्तराखण्ड के 10 गांवों के नाम भी शामिल हों, इसके लिए गावों के समग्र विकास के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किये जाएं। ग्राम चैपाल के आयोजन में शासन के वरिष्ठ अधिकारियों और जनपदों में जिलाधिकारियों द्वारा प्रतिभाग किया जाए तथा ग्राम पंचायतों के प्रबुद्धजनों के साथ बैठकर गांवों की विकास योजनाओं पर कार्य किया जाए। ग्राम सभाओं के स्थापना दिवस उत्सव के रूप में मनाये जाए, इनमें उन गांवों के प्रवासी लोगों को प्रतिभाग करने के लिए विशेष रूप से प्रतिभागी बनाया जाए। यह बात मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को सचिवालय में पंचायतीराज विभाग की समीक्षा के दौरान कही।
मुख्यमंत्री ने बैठक में अधिकारियों को निर्देश दिये कि मानक तय कर पंचायत भवनों का निर्माण किया जाए। ग्राम पंचायतों में जो भी पंचायत भवन बनाये जा रहे हैं, वे पर्वतीय शैली में बनाये जाय, जिसमें उत्तराखण्ड की विरासत की झलक हो। पंचायत भवनों के लिए उचित स्थलों का चयन किया जाए, ताकि उनका ग्राम पंचायतों में पूर्णतः उपयोग हो सके। पंचायत भवनों के निर्माण के लिए राज्य सरकार द्वारा स्वीकृत की जा रही 10 लाख की धनराशि को बढ़ाकर 20 लाख रूपये करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिये। गांवों में सड़क निर्माण के समय नालियां भी बनाई जाय, ताकि जल निकासी की समस्या न हो। ग्राम पंचायतों में ओपन जिम और पार्कों की व्यवस्थाएं सुनिश्चित की जाए। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि सेना और अर्द्धसैन्य बलों के शहीदों के नाम पर उनके गांवों में द्वार, स्कूल और पंचायत भवनों के नाम रखे जाएं और गांवों में शिलापटों पर शहीदों के नाम अंकित करने की व्यवस्था बनाई जाए।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि गांवों के विकास के लिए 15वें वित्त आयोग से राज्य को प्राप्त धनराशि का योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाए। स्वच्छता, कूड़ा निस्तारण पर विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि यह सुनिश्चित किया जाए कि गांवों के विकास के लिए जो भी योजनाएं बनाई जाए, धरातल पर पहले उसका आंकलन किया जाए। सभी ग्राम पंचायतों में कम्प्यूटर और हाई स्पीड इन्टरनेट कनेक्टिविटी की व्यवस्था की जाए।
कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि गांवों के विकास के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार को बढ़ावा दिया जाए। ग्राम पंचायतों में हो रहे कार्यों की वरिष्ठ अधिकारी नियमित मॉनिटरिंग करें। उन्होंने सभी पंचायतों की परिसम्पतियों की जी.आई.एस मैपिंग करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि मल्टी-लेवल पार्किंग के निर्माण से पूर्व यह सुनिश्चित किया जाए कि उनका उचित इस्तेमाल और देख-रेख हो। उन्होंने कहा कि 15वें वित्त आयोग से प्राप्त धनराशि से गांवों के विकास के लिए निर्धारित मानकों के हिसाब से तेजी से कार्य किये जाएं। बैठक में मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्द्धन, प्रमुख सचिव आर. के सुधांशु, सचिव पंचायतीराज चन्द्रेश यादव, अपर सचिव आलोक कुमार पाण्डेय, निदेशक पंचायतीराज निधि यादव, निदेशक सेतु डॉ. मनोज पंत उपस्थित थे।
प्रत्येक विकासखण्ड में 5-5 गांवों को बनाया जाए आदर्श ग्रामः मुख्यमंत्री
Latest Articles
पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन, सात दिन का राष्ट्रीय शोक घोषित
नई दिल्ली। देश में आर्थिक सुधारों के प्रणेता माने जाने वाले पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह का गुरुवार रात निधन हो गया। वह लंबे...
सीधी में 70 फीट ऊंचा ट्रांसमिशन टावर टूटकर गिरा, काम कर रहे पांच मजदूरों...
सीधी: मध्य प्रदेश के सीधी जिले के रामपुर नैकिन तहसील के आमडाड गांव में गुरुवार को एक 400 केवी ट्रांसमिशन लाइन टावर गिरने से...
भारत जोड़ो यात्रा’ के बाद अब कांग्रेस शुरू करेगी ‘संविधान बचाओ पदयात्रा’, 26 जनवरी...
नई दिल्ली: कांग्रेस की कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक में गुरुवार को कई अहम फैसले लिए गए। इस कार्यसमिति की बैठक में कांग्रेस की...
हल्द्वानी पहुंचते ही मुख्यमंत्री ने सुशीला तिवारी अस्पताल पहुंचकर जाना घायलों का हाल
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी गुरुवार को एक दिवसीय कार्यक्रम हेतु हल्द्वानी पहुंचे। सर्वप्रथम उन्होंने डॉ. सुशीला तिवारी अस्पताल में जाकर बुधवार को भीमताल...
38वें राष्ट्रीय खेलों की मशाल यात्रा हल्द्वानी से रवाना की गयी
हल्द्वानी। 38वें राष्ट्रीय खेलों की ऊर्जा और उमंग से देवभूमि को प्रकाशित करने के लिए खेल मशाल तेजस्विनी गुरुवार को हल्द्वानी के गौलापार स्टेडियम...