इस साल अक्टूबर में पीएम मोदी ने देश में 5G की शुरुआत की। 5G की शुरुआत होते ही देश में 6G की तैयारी शुरू हो गई है। 6G को लेकर केंद्र सरकार क्या तैयारी कर रही है और 6G आने से क्या फायदा होगा ये सब हम इस लेख में जानेंगे।
इनोवेशन ग्रुप का गठन
दूरसंचार विभाग ने 6G पर एक प्रौद्योगिकी इनोवैशन ग्रुप (Technology innovation group TIG-6G) का गठन किया है। इस ग्रुप के सदस्य 6G के लिए विज़न, मिशन और लक्ष्यों को निर्धारित करेंगे। इस ग्रुप में विभिन्न मंत्रालयों/विभागों, अनुसंधान और विकास संस्थानों, शिक्षाविदों, मानकीकरण निकायों, दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और उद्योग के सदस्य शामिल है। इस ग्रुप का काम भारत में 6G के लिए रोडमैप और कार्य योजनाएं विकसित करना।
टास्क फोर्स भी गठित
प्रौद्योगिकी इनोवैशन ग्रुप (TIG-6G) ने 6 टास्क फोर्स का भी गठन किया है। इस टास्क फोर्स में उद्योग, शिक्षा, अनुसंधान एवं विकास संस्थानों और सरकार के लोग शामिल है। ये सदस्य मल्टी-डिसिप्लिनरी इनोवेटिव सॉल्यूशंस, मल्टीप्लेटफॉर्म नेक्स्ट जेनरेशन नेटवर्क,नेक्स्ट जेनरेशन की आवश्यकताओं के लिए स्पेक्ट्रम, डिवाइस,अंतर्राष्ट्रीय मानक योगदान और वित्त पोषण अनुसंधान और विकास पर सदस्यों के रूप में शामिल है। भारत 6G visioning exercise में अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ (आईटीयू) में भी योगदान दे रहा है।
क्या है 6G
6G में G का अर्थ जनरेशन होता है। यह दरअसल, सेल्युलर नेटवर्क टेक्नोलाजी की छठी जेनरेशन है, इसलिए इसे 6G कहा जाता है। जब जेनरेशन अपडेट होती है तो उसमें तकनीकी सुधार हो जाता है। जैसे-जैसे सेल्युलर मोबाइल नेटवर्क तकनीक आगे बढ़ती है डाटा स्पीड में सुधार होता है। इसके अतिरिक्त सिक्योरिटी समेत दूसरे फीचर्स अपग्रेड हो जाते हैं।
6G से फायदा
6G प्रौद्योगिकी वैश्विक स्तर पर एक आर्थिक और तकनीकी महाशक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करेगी। इससे स्टार्ट-अप के लिए मौजूदा चुनौतियों को हल करने, नौकरियां पैदा करने और देश की वर्तमान समस्याओं लिए इनोवेटिव समाधान के नए अवसर मिलेंगे। 6G 5G नेटवर्क की तुलना में उच्च आवृत्तियों का उपयोग करने में सक्षम होगा। इसकी क्षमता काफी अधिक होगी और कनेक्ट होने में भी कम समय लेगा। इससे पैरामेडिक्स, शिक्षकों और कृषि तकनीशियनों को डॉक्टरों, प्रोफेसरों और कृषि विशेषज्ञों की ऑन-साइट उपस्थिति की बहुत कम या सीमित आवश्यकता के साथ गांव के पारिस्थितिक तंत्र को शुरू करने में मदद मिलेगी। 6G के उपयोग से रेल, वायु और सड़क नेटवर्क को फायदा होगा और ये परिवहन को और अधिक कुशल बना देगा। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और बड़े पैमाने पर समानांतर कंप्यूटिंग आर्किटेक्चर परिवहन और शेड्यूलिंग संचालन अनुसंधान समस्याओं को हल करने में मदद करेंगे।
कोविड काल के दौरान जब लोगों ने सोचा था कि जीवन और अर्थव्यवस्था लगभग रुक जाएगी, भारत ने एक बटन के एक क्लिक पर जरूरतमंदों को आवश्यक सहायता प्रदान की। तकनीक की मदद से दूर रहते हुए भी डॉक्टरों ने रोगियों का इलाज किया किया। इंटरनेट के माध्यम से जहां एक ओर बच्चों ने स्कूली शिक्षा घर पर ली तो वहीं दूसरी ओर कार्यालय जाने वालों के लिए घर से काम करन संभव हो पाया। डिजिटल इंडिया ने देश के लोगों को एक मंच और बाजार प्रदान किया है, जिसमें वे अपने उत्पादों का प्रदर्शन कर सकते हैं और नए बाजारों तक पहुंच सकते हैं। 6G विकास उच्च तकनीक प्रौद्योगिकी के साथ भारत के लिए विशाल संभावनाओं को खोलता है और कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, परिवहन, स्मार्ट शहरों, उद्योग और वित्तीय समावेशन आदि सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में परिवर्तन लाने का मार्ग प्रशस्त करता है।