बीते 8 साल में स्टार्टअप Startup की दुनिया में भारत Indian ने नया मुकाम हासिल किया है। देश आज जिस मुकाम पर पहुंचा है उसका श्रेय पीएम मोदी PM Modi के नेतृत्व में बनी केंद्र सरकार को जाता है। याद हो वर्ष 2015 में लाल किले से पीएम मोदी ने ‘स्टार्ट अप इंडिया’ का जो का नारा दिया था आज वह सार्थक साबित हो रहा है।
सरकार के प्रयासों से जागरूक हुई युवा पीढ़ी
पीएम मोदी के वक्तव्य से देश की युवा पीढ़ी में एक अलख जगी और फिर देखते ही देखते स्टार्टअप का कारवां बनता चला गया। पीएम मोदी के प्रधानमंत्री बनने से पूर्व देश में महज 300 से 400 स्टार्टअप हुआ करते थे लेकिन सत्ता में उनकी सरकार आने के पश्चात महज 8 वर्षों के कार्यकाल में 70 हजार स्टार्टअप देश में तैयार हुए।
भारत ने लगाया शतक
वाकयी पीएम मोदी के नेतृत्व में स्टार्टअप की दुनिया में भारत ने एक नया मुकाम हासिल कर लिया है। भारत में यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या बढ़कर अब पूरी 100 हो गई है, इसलिए कहा जा सकता है कि भारत यूनिकॉर्न स्टार्टअप की संख्या में शतक जड़ चुका है।
अब नहीं थमने वाली स्टार्टअप की यात्रा
ऐसे में भारत के इन यूनिकॉर्न स्टार्टअप की यात्रा अब थमने वाली नहीं है। स्टार्टअप इंडिया के जरिए देश के युवाओं को जॉब सीकर से जॉब क्रिएटर बनाया गया। युवाओं में जहां-जहां सरकारी नौकरी की मानसिकता थी स्टार्टअप के जरिए उससे मुक्ति मिली है। पीएम मोदी ने स्टार्टअप को विशेष प्राथमिकता दी है जिसका असर यह हुआ कि आज कॉर्पोरेट सेक्टर की नौकरी छोड़कर युवा वर्ग स्टार्टअप का कार्य शुरू कर रहे हैं।
दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम
आज भारत के पास दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इकोसिस्टम है। पीएम मोदी के नेतृत्व में सरकार ने नियंत्रक के बजाय स्टार्टअप्स के लिए उत्प्रेरक का काम किया है। तभी यह यात्रा आज 300 से 400 स्टार्टअप से शुरू होकर 640 से अधिक जिलों में करीब 70 हजार से अधिक स्टार्टअप तक पहुंची है। यदि केंद्र की ओर से इस दिशा में ठोस प्रयास यूं ही जारी रहे तो देश में और अधिक स्टार्टअप का पंजीकरण हो सकता है।
युवाओं को किया प्रोत्साहित
केंद्र सरकार के द्वारा स्टार्टअप के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने की दिशा में भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। स्टार्टअप क्या चीज है और इसकी शक्ति क्या है, इसका सही आभास युवाओं को कराना बहुत जरूरी हो गया था क्योंकि नौकरी के अभाव में देश का युवा बेरोजगारी के दलदल में फंस रहा था। ऐसे में केंद्र सरकार ने युवाओं को वह हौसला दिया जिसकी उसे सही मायनों में जरूरत थी। सरकार ने युवाओं को देश में अपना स्टार्टअप शुरू करने का प्रोत्साहन दिया। इसी कड़ी में आगे चलकर संपर्क, सहयोग और उत्प्रेरक के आदर्श वाक्यों के साथ, सरकार द्वारा स्टार्टअप इनोवेशन चुनौतियां, राष्ट्रीय स्टार्टअप पुरस्कार, राज्यों की रैंकिंग, एससीओ स्टार्टअप फोरम और प्रारंभ आदि जैसी पहलों की शुरूआत की गई। इन सबसे देश में स्टार्टअप क्रांति को आगे बढ़ाने में बहुत मदद मिली है। डीपीआईआईटी ने भारत में स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र में तकनीकि बदलाव लाने की दिशा में बहुत कठिन परिश्रम किया है। सरकार का यह विभाग अपने खुले विचार, मुक्त हस्त और खुले दिमाग के साथ, अभिनव गतिविधियों में युवाओं की भागीदारी के स्तर को बड़े पैमाने पर प्रोत्साहित करते हुए एक सहायता प्रदानकर्ता के रूप में काम कर रहा है।
स्टार्टअप के लिए गांवों पर फोकस
आज भारत के द्वि-स्तरीय और त्रि-स्तरीय शहरों में भी एक मजबूत स्टार्टअप पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करने की दिशा में तेजी से काम जारी है। ये वो शहर हैं जो प्रायः आवश्यक धन से वंचित रह जाते हैं। ऐसे में विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के इनोवेटर्स को आगे ले जाने और इस योजना का लाभ उठाने के लिए सरकार उन्हें भी प्रोत्साहित करना चाहती हैं। यह बात किसी से नहीं छुपी है कि असली आइडिया जेनरेशन जिसे हम देशी आइडिया या कई बार जुगाड़ का नाम भी देते हैं, गांव की मिट्टी में ही जन्म लेता है। केंद्र सरकार भी इस बात से भलि-भांति परिचित है। यही कारण है कि सरकार ने ऐसे स्टार्टअप को आगे ले जाने के लिए गांवों की ओर रुख किया है।