देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक परीक्षा के पेपर लीक प्रकरण में सख्त रुख अपनाया है। आयोग की जिन परीक्षाओं में गड़बड़ी के साक्ष्य मिले हैं, उन्हें निरस्त कर नए सिरे से चयन प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश उन्होंने दिए गए हैं। परीक्षाओं में गड़बड़ी के दोषियों की गिरफ्तारी के साथ उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करने और गैंगस्टर व पीएमएलए में कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने बुधवार को सचिवालय में अपने कार्यालय कक्ष में आयोग में भर्ती घोटाले के संबंध में उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक की। मुख्यमंत्री ने कहा कि आयोग की भर्ती परीक्षाओं की शुचिता पर सवाल खड़े होने का मामला गंभीर है। भर्ती प्रक्रिया में उजागर हुई कमियों पर कड़ा रुख अपनाते हुए मुख्यमंत्री ने सभी दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलवाने पर जोर दिया। कहा कि दोषियों को चिन्हित कर उनकी गिरफ्तारी हो और उनकी अवैध संपत्ति को जब्त करें, गैंगस्टर एक्ट भी लगाए।
उन्होंने कहा कि जिन परीक्षाओं के माध्यम से दागी व्यक्तियों को नियुक्ति मिली, उनकी नियुक्ति रद की जाए । साथ ही गड़बड़ी कर नौकरी पाने वालों के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाए।उन्होंने सभी विभागों में खाली पदों को स्वच्छ एवं पारदर्शी तरीके से यथाशीघ्र भरने के भी निर्देश दिए। बैठक में मुख्य सचिव डॉ. सुखबीर सिंह संधू, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार, विशेष प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री अभिनव कुमार व सचिव मुख्यमंत्री शैलेश बगोली उपस्थित रहे।
इन परीक्षाओं के भी रद्द होने का खतरा
ग्राम पंचायत अधिकारी परीक्षा- विजिलेंस में मुकदमा दर्ज है
वन आरक्षी भर्ती परीक्षा-नकल के मुकदमे दर्ज हुए थे, लेकिन बंद हो चुके हैं
सचिवालय रक्षक भर्ती परीक्षा- हाल ही में डीजीपी के आदेश पर एसटीएफ जांच में जुटी है
न्यायिक कनिष्ठ सहायक भर्ती परीक्षा- एसटीएफ जांच कर रही है।