प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस के अवसर पर पांच हजार आठ सौ करोड़ रुपये से अधिक की कई वैज्ञानिक परियोजनाओं की आधारशिला रखी और राष्ट्र को समर्पित किया।
एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी किया जारी
नई दिल्ली में एक समारोह के दौरान, पीएम मोदी ने एक स्मारक डाक टिकट और सिक्का भी जारी किया और हाल के दिनों में भारत में की गई वैज्ञानिक और तकनीकी प्रगति को प्रदर्शित करने वाले एक्सपो का उद्घाटन भी किया।
इन परियोजनाओं की रखी गई आधारशिला
प्रधानमंत्री द्वारा जिन परियोजनाओं की आधारशिला रखी गई उनमें लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेव ऑब्जर्वेटरी- इंडिया (LIGO-इंडिया), हिंगोली, होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, ओडिशा में जटनी और टाटा मेमोरियल अस्पताल, मुंबई का प्लेटिनम जुबली ब्लॉक शामिल हैं।
LIGO-India दुनिया में मुट्ठी भर लेजर इंटरफेरोमीटर ग्रेविटेशनल-वेब वेधशालाओं में से एक होगी। यह संयुक्त राज्य अमेरिका में संचालित ऐसी दो वेधशालाओं के साथ तालमेल बिठाकर काम करेगा।
इनके अलावा समारोह के दौरान, मुंबई में फिजन मोलिब्डेनम-99 उत्पादन सुविधा, दुर्लभ पृथ्वी स्थायी चुंबक संयंत्र और विशाखापत्तनम में होमी भाभा कैंसर अस्पताल और अनुसंधान केंद्र, नवी मुंबई में राष्ट्रीय हैड्रॉन बीम थेरेपी सुविधा और महिला और बच्चों के कैंसर अस्पताल भवन से संबंधित परियोजनाओं को राष्ट्र को समर्पित किया गया।
‘ये दिन भारत के इतिहास के सबसे गौरवमयी दिनों में से एक’
इस अवसर पर पीएम मोदी ने कहा, आज 11 मई का ये दिन भारत के इतिहास के सबसे गौरवमयी दिनों में से एक है। आज भारत के वैज्ञानिकों ने पोखरण में वो उपलब्धि हासिल की थी जिसने मां भारती की हर संतान का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया था। मैं वो दिन कभी भूल नहीं सकता, जब अटल जी ने भारत के सफल परमाणु परीक्षण की घोषणा की थी।
पोखरण परमाणु परीक्षण ने भारत के वैश्विक कद को दी थी एक नई ऊंचाई
उन्होंने आगे कहा, पोखरण परमाणु परीक्षण के जरिए भारत ने न केवल अपने वैज्ञानिक सामर्थ्य को साबित किया बल्कि भारत के वैश्विक कद को एक नई ऊंचाई भी दी थी। उन्होंने कहा, अटल जी के शब्दों में ही कहूं तो ”अपनी धेय यात्रा में हम कभी रुके नहीं है, किसी चुनौती के समक्ष कभी झुके नहीं हैं।” इन्हीं शब्दों के साथ पीएम मोदी ने सभी देशवासियों को नेशनल टेक्नोलॉजी डे की शुभकामनाएं भी दी।
‘हमें 2047 के लिए एक विशिष्ट लक्ष्य मिला है’
पीएम ने कहा कि इस समय में हम आजादी के ‘अमृतकाल’ के शुरुआती महीनों में हैं। हमें 2047 के लिए एक विशिष्ट लक्ष्य मिला है, हमें अपने देश को विकसित और आत्मनिर्भर बनाने की आवश्यकता है। चाहे वह देश की आर्थिक वृद्धि हो या सतत विकास लक्ष्य हो या नवाचार के लिए एक समावेशी पारिस्थितिकी तंत्र बनाना हो, प्रौद्योगिकी हर कदम पर महत्वपूर्ण है। इसलिए आज भारत एक नई सोच के साथ, 360 डिग्री समग्र दृष्टिकोण के साथ इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है।
‘भारत, प्रौद्योगिकी को देश की प्रगति को गति देने का एक साधन मानता है’
पीएम मोदी ने कहा कि एक समय था, जब प्रौद्योगिकी सामान्य भारतीय की पहुंच से बाहर थी लेकिन भारत का यूपीआई आज अपनी सादगी की वजह से नया सामान्य बन गया है। आज रेहड़ी-पटरी वालों से लेकर रिक्शे वाले तक, डिजिटल पेमेंट का इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत, प्रौद्योगिकी को अपना दबदबा कायम करने का माध्यम नहीं मानता बल्कि देश की प्रगति को गति देने का एक साधन मानता है।
‘प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण का एक बहुत बड़ा माध्यम’
उन्होंने कहा कि जब हम प्रौद्योगिकी के सामाजिक संदर्भ को समझकर और पहचान कर आगे बढ़ते हैं, तो प्रौद्योगिकी सशक्तिकरण का एक बहुत बड़ा माध्यम बन जाती है। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी सामाजिक न्याय सुनिश्चित करने और समाज में असमानताओं को दूर करने में एक बड़ी भूमिका निभाती है।
‘युवाओं को प्रेरित करने के लिए बीते 9 वर्षों में देश में एक मजबूत बुनियाद बन चुकी है’
पीएम मोदी ने कहा कि भारत के युवा दिमाग को नवाचार की तरफ प्रेरित करने के लिए बीते 9 वर्षों में देश में एक मजबूत बुनियाद बन चुकी है। कुछ साल पहले शुरू की गई अटल टिंकरिंग लैब्स आज देश की नवाचार नर्सरी बन रही हैं। उन्होंने कहा कि हमने जो स्टार्टअप इंडिया अभियान शुरू किया, जो डिजिटल इंडिया अभियान शुरू किया, जो राष्ट्रीय शिक्षा नीति बनाई, उसने भी तकनीकी क्षेत्र में भारत की सफलता को नई ऊंचाई दी है। 2014 में, देश में लगभग 100 स्टार्टअप थे, जबकि आज यह संख्या लगभग 1 लाख है।