चंद्रमा पर भारत से पहले पहुंचने की कोशिशों में लगे रूस को झटका लगा है। रूस के अंतरिक्ष यान में तकनीकी खराबी आ गई है। इसके चलते इसकी कक्षा नहीं बदली जा सकी।
रूसी वैज्ञानिक कर रहे हालात का विश्लेषण
रूस की अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस ने कहा कि वैज्ञानिक हालात का विश्लेषण कर रहे हैं। इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी गई है। लूना-25 को सोमवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरना था। इसके लिए लैंडिंग से पहले कक्षा बदली जानी थी, लेकिन तकनीकी दिक्कत के कारण नहीं बदली जा सकी।
लैंडिंग के लिए चंद्रमा की कक्षा में पहुंचा लूना-25
दरअसल, रूस का लूना-25 चांद पर लैंडिंग के लिए चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया था। 1976 में तत्कालीन सोवियत संघ के दौरान लूना-24 मिशन के लगभग पांच दशकों बाद पहली बार 10 अगस्त को लूना-25 अंतरिक्ष में भेजा गया। इसने चंद्रमा पर पहुंचने के लिए अधिक सीधा रास्ता अपनाया है।
दूसरी डिबूस्टिंग से सफलतापूर्वक गुजरा लैंडर मॉड्यूल
बता दें कि चंद्रयान-3 की दूसरी डीबूस्टिंग (गति घटाने की प्रक्रिया की प्रक्रिया) सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई है। इस प्रक्रिया के बाद यान को और निचली कक्षा में उतारा जाएगा। इसके बाद 23 अगस्त को लैंडर विक्रम चंद्रमा का स्पर्श करेगा।