देहरादून: अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के कार्मिकों को पत्रावलियों के त्वरित निस्तारण तथा अनावश्यक आपत्तियां ना लगाने की कड़ी हिदायत दी है। एसीएसी रतूड़ी ने कार्मिकों से स्पष्ट कहा कि राज्य में ई ऑफिस व्यवस्था को सरकारी कामों के सरलीकरण व जन-समस्याओं के प्रभावी समाधान के लिए ही लागू किया गया है। अधिकारी-कार्मिक जनसामान्य की शिकायतों के निस्तारण के लिए नियमों के तहत सरल रास्ता निकालने का प्रयास करें न कि अनावश्यक आप्पतियां लगाये।
उन्होंने निर्देश दिए कि मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से जरूरतमंदों को दी जानी वाली आर्थिक सहायता डीबीटी की तरह सीधे एवं जल्द से जल्द लाभार्थियों को मिले इसके लिए आवेदन का एक स्टेडंर्ड फोर्मट जल्द तैयार किया जाना चाहिए।
मुख्यमंत्री के निर्देश पर सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय के कार्मिकों की बैठक लेते हुए एसीएस राधा रतूड़ी ने स्पष्ट किया कि मुख्यमंत्री कार्यालय पूरे प्रदेश में सबसे महत्वपूर्ण कार्यालय है। यह सभी कार्यालयों के लिए पथप्रर्दशक है। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप कार्मिक ऑनरशिप की भावना से कार्य करें। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जी के कड़े निर्देश हैं कि मुख्यमंत्री कार्यालय के अधिकारी व कार्मिकों की कार्यशैली पर किसी भी प्रकार का प्रश्नचिह्न नही लगना चाहिए। यहां पर कार्यरत अधिकारियों एवं कार्मिकों से सर्वोच्च निष्ठा की अपेक्षा की जाती है। कार्मिकों को संवेदनशीलता के साथ जनसामान्य से भी अच्छा व्यवहार बनाये रखना चाहिए व पूरी ईमानदारी से कार्य करना चाहिए।
एसीएस राधा रतूड़ी ने सीएम कार्यालय के सभी अधिकारियों व कार्मिकों को उनके नाम से किए जा सकने वाले साइबर फ्रोर्ड से भी सर्तक रहने तथा किसी भी प्रकार के साइबर फ्रोर्ड की शिकायत एसएसपी (एसटीएफ) को करने की सलाह दी है। उन्होंने मुख्यमंत्री कार्यालय में रिकॉर्ड कीपिंग की बेहतर व्यवस्था करने, पत्रावलियों के कुशल रखरखाव करने, वीडिंग के माध्यम से पुराने अनावश्यक सामान को हटाने, कार्यालयों में स्वच्छता रखने, आधुनिकतम कम्पयूटर हार्डवेयर व अन्य सामानों की व्यवस्था के भी निर्देश दिए। एसीएस श्रीमती रतूड़ी ने मुख्यमंत्री कार्यालय के समस्त छः अनुभागों के मध्य बेहतर कार्य आवंटन पर बल दिया।