20.3 C
Dehradun
Friday, October 31, 2025

गाजा संघर्ष विराम को इस्राइल की मंजूरी: सुरक्षा कैबिनेट से प्रस्ताव पर मुहर, कैबिनेट करेगी अंतिम फैसला

यरूशलम: गाजा में 15 महीनों से जारी संघर्ष पर विराम लगना लगभग तय हो गया है। इस्राइल की सुरक्षा कैबिनेट ने उस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है, जिसमें तहत गाजा में संघर्ष विराम व बंधकों की रिहाई का प्रावधान रखा गया है। अब इस प्रस्ताव को पूर्ण कैबिनेट में रखा जाएगा, जहां से मंजूरी मिलने के बाद संघर्ष विराम रविवार को लागू हो सकता है। इसके बाद हमास बंधकों को रिहा कर सकता है।
इस्राइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने इससे पहले खुद यह जानकारी साझा की थी कि छह हफ्ते के गाजा संघर्ष विराम समझौते पर सहमति बन चुकी है। हालांकि, उन्होंने समझौता मंजूरी में देरी के लिए हमास के साथ अंतिम समय में हुए विवाद को जिम्मेदार ठहराया। नेतन्याहू ने कहा कि उन्होंने विशेष कार्यबल को बंधकों की अगवानी के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है। बंधकों के परिवारों को भी बता दिया गया है कि समझौता हो चुका है। नेतन्याहू की यह घोषणा उनके कार्यालय की तरफ से यह कहे जाने के एक दिन बाद आई है कि गाजा में संघर्ष विराम व फलस्तीनी कैदियों की रिहाई के बदले बंधकों को मुक्त करने के लिए वार्ता में अंतिम समय में रुकावटें आई गई हैं। इस्राइल ने लंबे समय से बहुप्रतीक्षित युद्धविराम समझौते पर बृहस्पतिवार को मंत्रिमंडल में होने वाला मतदान टाल दिया था। इस समझौते के तहत गाजा पट्टी में युद्ध रोका जाएगा और दर्जनों बंधकों की रिहाई सुनिश्चित हो सकेगी। एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन व प्रमुख मध्यस्थ कतर ने समझौता पूरा होने की घोषणा की थी।
इस्राइल के छह अस्पतालों को बंधकों को रखने के लिहाज से तैयार किया गया है। इस्राइल के चिकित्सा निदेशालय के प्रमुख डॉ. हगर मिजराही ने कहा, हमारी मुख्य चिंता लंबे समय से बंधकों को रखे जाने की है… उन्हें संभवतः बहुत ही खराब परिस्थितियों, पोषण व स्वच्छता की कमी में रखा गया है। करीब 100 बंधकों में थाइलैंड, नेपाल व तंजानिया के नागरिक शामिल हैं। संघर्ष विराम समझौते के तहत रविवार को 33 बंधकों की रिहाई हो सकती है। इनमें सभी महिलाएं, बच्चे व 50 वर्ष से अधिक उम्र के पुरुष शामिल होंगे। बाकी बधकों की रिहाई अगले दौर में होगी, जिनमें सैनिक भी होंगे। इसके बदले अगले छह हफ्तों के दौरान इस्राइल सैकड़ों फलस्तीनी बंदियों को छोड़ेगा। कैदियों से संबंधित हमास कार्यालय के प्रमुख जाहेर जबरीन ने शुक्रवार को कहा कि इस्राइली जेलों से रिहा होने वाले लोगों के नाम प्रकाशित किए जाएंगे।
समझौते के तहत गाजा के कई इलाकों से इस्राइली सेना की वापसी होगी। इसके बाद फलस्तीनी नागरिक अपने घरों को लौट सकेंगे, जो युद्ध की शुरुआत के बाद ही शरणार्थी शिविरों में दिन बिताने के लिए मजबूर हो गए थे। उधर, हमास ने कहा है वह सभी बधकों को तब तक नहीं छोड़ेगा, जब तक संघर्ष पूरी तरह खत्म नहीं हो जाता।
हमास ने सात अक्तूबर, 2023 को इस्राइल पर हमला कर दिया था। इसमें 1,200 लोग मारे गए थे। उसने करीब 250 लोगों को बंधक बना लिया था। इनमें से कई की मौत हो चुकी है, जबकि कुछ रिहा भी कराए जा चुके हैं। गाजा युद्ध में अब तक 46 हजार से अधिक लोग मारे जा चुके हैं।
मिस्र ने इस्राइल व हमास से बिना देर किए संघर्ष विराम समझौते को लागू करने का आह्वान किया है। विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने यह संदेश ऐसे संवेदनशील समय पर दिया जब 15 महीने से चल रहे विनाशकारी संघर्ष को समाप्त करने के प्रयास चल रहे हैं। उन्होंने कहा, अब हम बिना किसी देरी के अंतिम अनुमोदन व कार्यान्वयन के लिए प्रयास कर रहे हैं।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

PM मोदी ने एकता नगर में ई-बसों को दिखाई हरी झंडी, 1220 करोड़ की...

0
अहमदाबाद: प्रधानंमत्री दो दिन के गुजरात दौरे पर हैं। पीएम मोदी सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर दो दिन के दौरे...

जस्टिस सूर्यकांत होंगे देश के अगले सीजेआई; 24 नवंबर को ग्रहण करेंगे पदभार

0
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति सूर्यकांत को बृहस्पतिवार को भारत का 53वां मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और वह 24 नवंबर को पदभार ग्रहण करेंगे। वह...

दिल्ली-NCR की जहरीली हवा से सांसों पर संकट, हर चार में से तीन परिवार...

0
नई दिल्ली: दिवाली के बाद दिल्ली-एनसीआर की हवा और अधिक जहरीली बन गई है। इस कारण इन क्षेत्रों में रहने वाले चार में से...

मंडलायुक्त व डीजी सूचना ने एफआरआई में पीएम के भ्रमण कार्यक्रम की व्यवस्थाओं को...

0
देहरादून। देवभूमि उत्तराखंड की रजत जयंती समारोह में प्रधानमंत्री के प्रस्तावित भ्रमण कार्यक्रम की तैयारियां जोरों पर है। गढ़वाल आयुक्त विनय शंकर पांडे एवं...

महालेखाकार उत्तराखंड ने जीपीएफ अदालत का किया आयोजन

0
देहरादून। महालेखाकार (लेखा एवं हकदारी), उत्तराखंड, देहरादून के कार्यालय गुरुवार को कौलागढ़ स्थित ऑडिट भवन में सामान्य भविष्य निधि (जी.पी.एफ.) अदालत का आयोजन किया...