कोविड काल में मदद के कीर्तिमान स्थापित करने के बाद ग्राफिक एरा ने दूरस्थ राज्यों के छात्र छात्राओं को विमान से उनके घर सुरक्षित भेजने की व्यवस्था करके एक नई शुरूआत कर दी. आज करीब सौ छात्र-छात्राओं को विभिन्न विमानों से उनके घर भेजा गया. सुबह हॉस्टल से निकले ऐसे अधिकांश छात्र-छात्राएं शाम से पहले ही अपने घर पहुंच गए.
ऑफलाइन कक्षाएं शुरू होने पर ये छात्र-छात्राएं विभिन्न राज्यों से यहां पहुंचे थे. कोविड की दूसरी लहर के चलते कई स्थानों पर लॉकडाउन होने और राज्य सरकार की ऑफलाइन कक्षाएं बंद करने की घोषणा के बाद ग्राफिक एरा ने यह कदम उठाया है. आज देहरादून से विभिन्न विमान सेवाओं के जरिये सौ से अधिक छात्र छात्राएं आंध्र प्रदेश, असम, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, वाराणसी और लखनऊ भेजे गए. ये सभी छात्र छात्राएं ग्राफिक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के हैं और यहां विश्वविद्यालय के हॉस्टल में थे.
ग्राफिक एरा की इस पहल का विभिन्न राज्यों में अपने बच्चों की चिंतित अभिभावकों ने व्यापक स्तर पर स्वागत किया है. काफी छात्राएं तो विश्वविद्यालय की अपने खर्च पर उन्हें घर तक भेजने की घोषणा के बाद बहुत भावुक हो उठीं. अधिकांश छात्र कोविड काल में सुरक्षित घर पहुंचने की राह खुलते देख खुशी से झूम उठे. आज सुबह हौस्टल से विदाई के समय ऐसी अनेक छात्राओं की आंखें गीली हो गईं. हैदराबाद की वत्या पांडेय और आरुषि चोपड़ा ने कहा कि ये तो वे सोच भी नहीं सकती थीं कि कोई यूनिवर्सिटी इतना ख्याल भी रख सकता है. विमान सेवाओं के जरिये भेजे जाने वाले काफी छात्र-छात्राओं के लिए यह पहला हवाई सफर है. ग्राफ़िक एरा डीम्ड यूनिवर्सिटी और ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में ऑफलाइन क्लास बंद करने के साथ ही छात्र-छात्राओं को हॉस्टल में रहने या अपने घर जाने का विकल्प दिया था. घर जाने का विकल्प चुनने वालों को यह सुविधा दी गई. मुरादाबाद, दिल्ली, मेरठ, मुजफ्फरनगर, हल्द्वानी, काशीपुर, बिजनौर, सहारनपुर आदि के बच्चों को बसों और कारों से उनके घर भेजा गया हैI उनके साथ विश्वविद्यालय के अधिकारी भी भेजे गए हैं.
ग्राफिक एरा ग्रुप के अध्यक्ष डॉ कमल घनशाला ने आज कहा कि जैसे शरीर में खून होता है, उसी तरह छात्र छात्रायें विश्वविद्यालय की सबसे महत्वपूर्ण कड़ी हैं. उन्हें सुरक्षित रखना हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है. कुछ ही समय पहले ऑफलाइन कक्षाएं शुरू की गई थीं. देश के विभिन्न राज्यों से ये बच्चे आये थे. डॉ. कमल घनशाला ने बताया कि ऑफलाइन कक्षाएं बंद होने के बाद बच्चों को खुद जाने को कहा जाता, तो काफी अभिभावक उन्हें लेने यहां आते और खुद अभिभावकों के लिए भी संक्रमण का खतरा होता. इसलिए ग्राफिक एरा ने खुद यह व्यवस्था की. छात्र-छात्राएं केवल हमारा परिवार ही नहीं हैं, बल्कि हमारी प्रथम प्राथमिकता हैं. कई राज्यों में एंट्री के लिए कोविड की निगेटिव रिपोर्ट आवश्यक घोषित कर दी गई है. ऐसे राज्यों के छात्र छात्राओं का टेस्ट कराकर भेजा गया है.