देश में कोरोना से बिगड़े हालात को काबू में करने के लिए सरकार का पूरा अमला जी-जान से जुटा हुआ है. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के खिलाफ जंग में सरकार के साथ सेना और आम लोग भी अपनी भूमिका निभाने में लगे हैं. डीआरडीओ ने भी अपने वैज्ञानिकों को कोरोना से निपटने के लिए और इसकी दवा पर शोध करने के लिए पहले दिन ही लगा दिया था. तकरीबन एक साल के शोध और क्लिनिकल ट्रायल के बाद डीआरडीओ के वैज्ञानिकों ने दवा बनाकर दी. दवा का नाम 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज (drug 2-deoxy-D-glucose (2-DG)है.
सबसे पहले दिल्ली के डीआरडीओ कोविड अस्पताल के मरीजों को मिलेगी दवा
डीआरडीओ द्वारा बनाई गई 2-डीऑक्सी-डी-ग्लूकोज दवा को कोरोना को फैलने से रोकने के लिए अत्यंत प्रभावी माना जा रहा है. सफल ट्रायल के बाद इस दवा को सबसे पहले दिल्ली के डीआरडीओ कोविड अस्पतालों (DRDO Covid Hospital) में दिया जाएगा. अधिकारियों के मुताबिक अगले एक-दो दिन में 2 डीजी को कोरोना पीड़ितों के इलाज के लिए अस्पताल में भेजा जाएगा. डीआरडीओ के वैज्ञानिकों के अनुसार ये दवा एक पाउडर के रूप में होगी, जिसका इस्तेमाल भी बहुत आसान होगा.
डीआरडीओ ने डॉ. रेड्डीज लैब के साथ मिलकर तैयार की है दवा
आपको बता दें, डीआरडीओ की प्रयोगशाला इनमास ने हैदराबाद की एक निजी कंपनी डॉ. रेड्डीज लैब के साथ मिलकर ये दवा तैयार की है. क्लिनिकल रिसर्च के दौरान 2 डीजी दवा के 5.85 ग्राम के पाउच तैयार किये गये थे, जिन्हें सुबह शाम को एक-एक पाउच पानी में घोलकर रोगी को दिया गया और उसके परिणाम काफी बेहतर आए. जिन मरीजों पर इस दवा का ट्रायल किया गया, उनमें तेजी से कोविड संक्रमण से रिकवरी देखी गई. इसी आधार पर ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया ने इसके इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी है.
फिलहाल सिर्फ डॉक्टरों की सलाह पर दी जाएगी ये दवा
देशभर के जिन 27 कोविड अस्पतालों में इस दवा के अंतिम (फाइनल) ट्रायल किए गए थे, वहां से बचा हुआ स्टॉक भी इकट्ठा कर लिया गया है और जल्द ही इसे दिल्ली के डीआरडीओ के कोविड अस्पताल में रोगियों को देने का काम शुरू होगा. बताया जा रहा है कि इन दवाओं को दिल्ली लाने का काम तेजी से चल रहा है. इस दवा के इस्तेमाल और बाजार में इसकी उपलब्धता के बारे में लोगों की जिज्ञासा बहुत है, लेकिन डीआरडीओ के अधिकारियों की मानें तो इस दवा को फिलहाल इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंज़ूरी मिली है यानी की ये दवा फिलहाल अस्पतालों में डॉक्टर की सलाह पर दी जाएगी.
सामान्य अनुमति मिलते ही बाजार में उपलब्ध होगी दवा
डॉ. रेड्डीज लैब बड़ी तादाद में इस दवा को बनाने के काम में लगा हुआ है और माना जा रहा है कि अगले 10 से 15 दिनों में व्यावसायिक इस्तेमाल के लिए दवा को अस्पतालों में भेजा जाना भी शुरू किया जाएगा. हालांकि बाजार में बिकने के लिए सबसे पहले इसे DCGI से हरी झंडी की जरूरत होगी क्योंकि ये ड्रग अभी फिलहाल इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूर की गई है. जब तक इस दवा को सामान्य इस्तेमाल की मंजूरी नहीं मिलती है तब तक इसका बाजार में आना आसान नहीं है.