देहरादून: प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के लिये इस वर्ष ई-रक्तकोष पोर्टल पर डेढ़ लाख रक्तदाताओं के पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने को कहा गया है।
प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के लिये युवा पीढ़ी को प्रेषित करने के उद्देश्य से प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल कॉलेज बनाये जायेंगे। इसी प्रकार सभी 13 जनपदों में एक-एक गांव भी गोद लिये जायेंगे, जहां प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति का रक्तदान के लिये पंजीकरण किया जायेगा। विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तदान में सहयोग करने वाले विभिन्न सामाजिक संस्थाओं एवं शिक्षण संस्थानों के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया।
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने आज विश्व रक्तदाता दिवस के मौके पर आई.आर.डी.टी. सभागार देहरादून में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत उत्तराखंड राज्य एड्स नियंत्रण समिति एवं राज्य रक्त संचरण परिषद द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। ‘खून दो, प्लाज्मा दो, जीवन साझा करो, अक्सर साझा करो’ थीम पर आयोजित राज्य स्तरीय गोष्ठी में डा. रावत ने बताया कि प्रदेश में स्वैच्छिक रक्तदान के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है, जो कि अच्छे संकेत हैं। इसके अलावा रक्तदाताओं द्वारा बड़े पैमाने पर ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्तदान के लिये भी अपना पंजीकरण करवाया है। विभागीय मंत्री ने बताया कि सूबे में अधिक से अधिक लोग रक्तदान के लिये प्रेरित हो सके इसके लिये प्रत्येक जनपद में एक-एक मॉडल कॉलेज व मॉडल विलेज बनाये जायेंगे।
इन मॉडल कॉलेजों में शत-प्रतिशत रक्तदान किया जायेगा जबकि मॉडल विलेज में प्रत्येक परिवार से कम से कम एक व्यक्ति का पंजीकरण रक्तदान के लिये किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि सूबे में रक्त की कोई कमी न हो इसके लिये इस वर्ष स्वैच्छिक रक्तदान के लिये केन्द्र एवं राज्य सरकार के विभिन्न पोर्टलों पर डेढ़ लाख रक्तदाताओं का पंजीकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के उच्चाधिकारियों, मुख्य चिकित्साधिकारियों एवं नोडल अधिकारियों को लक्ष्य के अनुरूप अभी से काम करने को कहा गया है।
डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश में वर्ष 2016-17 में जहां महज 29 रक्तकोष थे वहीं अब इनकी संख्या 57 कर दी गई है। जिसमें राजकीय रक्तकोषों की संख्या 23, केन्द्रीय/निजी रक्तकोषों की संख्या 34 है। इसी प्रकार सूबे में 37 बल्ड कम्पोनेंट सेपरेशन यूनिट स्थापित की गई है, जहां पर बल्ड के अलग-अलग काम्पोनेंट तैयार कर जरूरत के मुताबिक रोगियों को बल्ड उपलब्ध कराया जाता है।
आपातकालीन समय में रोगी को आसानी से रक्त उपलब्ध कराया जा सके इसके लिये प्रदेश के विभिन्न स्थानों पर 19 रक्त संग्रहण केन्द्र भी स्थापित किये गये हैं। इसी प्रकार सूबे के 22 रक्तकोषों में अफेरेसिस की सुविधा है जहां पर रक्तदाता से वही बल्ड कम्पोनेंट लिया जाता है जिसकी रोगी को आवश्यकता होती है। उन्होंने बताया कि विगत वर्ष 17 सितम्बर से 01 अक्टूबर 2022 को प्रदेशभर में चलाये गये रक्तदान अमृत महोत्सव में रिकॉर्ड 8171 रक्त यूनिट एकत्रित की गई, जो कि देश में दूसरा सर्वाधिक रक्त संग्रहण है जबकि इस दौरान 81188 लोगों द्वारा ई-रक्तकोष पोर्टल पर रक्तदान के लिये पंजीकरण कराया गया।
विश्व रक्तदाता दिवस पर रक्तवीरों को किया सम्मानित
विश्व रक्तदाता दिवस पर चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने समय-समय पर रक्तदान अभियान संचालित करने वाले विभिन्न सामाजिक व शैक्षणिक संस्थाओं के प्रतिनिधियों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी के कुलपति डा. संजय जसोला, संत निरंकारी चैरिटेबल फाउंडेशन के संयोजक नरेश विरमानी, उत्तरांचल विश्वविद्यालय के प्राचार्य डा. राजेश बहुगुणा, डॉलफिन इंस्टीट्यूट ऑफ बायोमेडिकल एंड नेचुरल साइंस के डीन विपुल गर्ग, रक्त मित्र उत्तराखंड के मोहित सेठी, उत्तराखंड डिप्लोमा इंजीनियर महासंघ देहरादून के जिला सचिव आशीष यादव, एकुम्स ड्रग्स एंड फार्मासिटीकल्स लि0 के डा. एस.जे. सिंह, दीपक शर्मा व के.डी. शर्मा, लाल बहादूर शास्त्री प्रशिक्षण एकेडमी के डा. जगदीश, रक्त केन्द्र दून चिकित्सालय के डा. नितिश, राज्य आदोलनकारी एम.एस.खत्री को उनके रक्तदान में सहयोग के लिये स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। विश्व रक्तदान दिवस के अवसर पर प्रदेशभर में 40 से अधिक विभिन्न स्थानों पर रक्तदान शिविर लगाये गये हैं जहां पर रक्तदान के लिये लोगों द्वारा बढ़-चढ़ कर भाग लिया गया।