23.3 C
Dehradun
Monday, December 15, 2025


SSP की फोटो के साथ विज्ञापन देने वाले प्रॉपर्टी डीलर पर मुक़दमा दर्ज

देहरादून: राजधानी के नवनियुक्त पुलिस कप्तान की फोटो को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के साथ विज्ञापन में छापने वाले प्रॉपर्टी डीलर की मुश्किलें बढ़ने वाली है। इस मामले में एसएसपी के निर्देश पर नेहरू कॉलोनी पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। दर्ज मुकदमे में आरोपी को तीन से सात साल तक सजा हो सकती है। ऐसे में पुलिस आरोपी की गिरफ्तारी कर सकती है।

राजधानी से प्रकाशित हिंदी समाचार पत्रों में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन की बधाई के साथ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और देहरादून के कप्तान अजय सिंह की फ़ोटो प्रॉपर्टी डीलर ने प्रकाशित कराई। यह विज्ञापन देख हर कोई हैरान रह गया। इस मामले का संज्ञान एसएसपी पीआरओ सेल ने लिया तो कप्तान ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। वहीं सोशल मीडिया में यह विज्ञापन जमकर वॉयरल हो रहा है। इसे लेकर कई तरह की चर्चाएं हैं। खासकर प्रॉपर्टी डीलर ने एसएसपी का पद भी बढ़ा चढ़ाकर आईजी यानी पुलिस महानिरीक्षक प्रकाशित कराया गया। इससे स्पष्ट है कि प्रॉपर्टी डीलर ने एसएसपी के पद और नाम का फायदा अपने बिजनेस में उठाने का कुचक्र रचा है। लेकिन अब इस विवादित विज्ञापन से प्रॉपर्टी डीलर खुद फंसता जा रहा है।

नेहरू कॉलोनी पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार आज दिनांक 17/09/23 को प्रव्या डेवलपर्स के प्रोपराइटर के द्वारा अपने व्यक्तिगत एवं व्यापारिक हितों के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून के फोटो को सोशल मीडिया से निकालकर उसे एडिट करते हुए कूटरचित तरीके से विज्ञापन के माध्यम से राष्ट्रीय दैनिक समाचार पत्रों पर प्रकाशित कराया गया। जिसका संज्ञान लेते हुए थाना नेहरू कॉलोनी पर उपनिरीक्षक हेमंत खंडूरी, पीआरओ शाखा (एसएसपी कार्यालय देहरादून) द्वारा मु ०अ०स० 370/230 धारा 468/469 ipc का अभियोग प्रोपराइटर प्रव्या डेवलपर के विरुद्ध पंजीकृत कराया गया।

ये है सजा का प्रवाधान

वरिष्ठ अधिवक्ता विलियम अकबर चंद कहते हैं कि आईपीसी की धारा 468 में जालसाजी के दोषी पाए गए व्यक्तियों के लिए अधिकतम सात साल के कारावास और जुर्माने का प्रावधान है। सरल शब्दों में, जालसाजी में दूसरों को धोखा देने या नुकसान पहुँचाने के इरादे से एक झूठे दस्तावेज़ बनाना शामिल है। इसी तरह भारतीय दंड संहिता की धारा 469 के अनुसार, जो कोई कूटरचना इस आशय से करेगा कि वह दस्तावेज या इलैक्ट्रानिक अभिलेख, जिसकी कूटरचना की जाती है, किसी पक्षकार की ख्याति की अपहानि करेगी, या यह सम्भाव्य जानते हुए करेगा कि इस प्रयोजन से उसका उपयोग किया जाए, वह दोनों में से किसी भांति के कारावास से, जिसकी अवधि तीन वर्ष तक की हो सकती है।

spot_img

Related Articles

Latest Articles

ट्रंप की नई सख्ती, H-1B वीजा संकट से हजारों भारतीयों की नौकरी दांव पर

0
नई दिल्ली। अमेरिका में काम करने वाले हजारों भारतीय H-1B वीजा धारकों के लिए एक आम यात्रा अब बड़ी मुसीबत बन गई है। जो...

नितिन नबीन बने भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष

0
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने फिर से सबको चौंकाते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में 45 साल के युवा के हाथों पार्टी की...

कश्मीर में साजिश बेनकाब, ट्रेनिंग लेने पाकिस्तान गए 40 आरोपियों पर चार्जशीट दाखिल

0
श्रीनगर: एड्रेस एंड इंटरनल मूवमेंट कंट्रोल ऑर्डिनेंस के तहत अवंतिपोरा थाने में दर्ज एक मामले में 40 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई...

अगले दो दिन सांसों पर भारी: गैस चैंबर बनी दिल्ली, इस साल का सबसे...

0
नई दिल्ली: हवा की धीमी गति और खराब मौसम ने दिल्ली को गैस चैंबर बना दिया है। रविवार को लगातार दूसरे दिन हवा गंभीर...

सशक्तीकरण के लिए महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता अनिवार्यः ऋतु खंडूड़ी

0
देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने कहा कि महिलाओं का वास्तविक सशक्तीकरण तभी संभव है जब वे आर्थिक रूप से स्वतंत्र हों।...