14.2 C
Dehradun
Sunday, February 16, 2025

राहत :- उत्तराखंड में अब ब्लैक फंगस का अटल आयुष्मान योजना में मिलेगा कैशलेस इलाज |Postmanindia

देहरादून: उत्तराखंड में कोरोना के साथ ही ब्लैक फंगस संक्रमण से ग्रसित मरीजों का भी केंद्र व राज्य सरकार की अटल आयुष्मान योजना में कैशलेस इलाज किया जाएगा. इसके लिए राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को केंद्र सरकार की अनुमति मिलने का इंतजार है. योजना में सूचीबद्ध अस्पतालों में ब्लैक फंगस इलाज की दरें भी तय की जाएगी. हालांकि प्राधिकरण ने सरकार की अनुमति मिलने तक ब्लैक फंगस पीड़ित मरीज की जान बचाने के लिए आयुष्मान में इलाज कराने का अनंतिम निर्णय लिया है.

केंद्र व प्रदेश सरकार की ओर से आयुष्मान योजना के गोल्डन कार्ड धारक मरीजों का सूचीबद्ध अस्पतालों में कोरोना मुफ्त इलाज किया जा रहा है, लेकिन अभी तक ब्लैक फंगस संक्रमण आयुष्मान योजना के दायरे में नहीं है. प्रदेश में आयुष्मान योजना को संचालित कर रही राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण को केंद्र व प्रदेश सरकार की अनुमति का इंतजार है. जिसके बाद अन्य बीमारियों की तरह ब्लैक फंगस के इलाज की दरें तय की जाएगी.

राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डीके कोटिया का कहना है कि प्राधिकरण की ओर से सभी सूचीबद्ध अस्पतालों को राज्य की ओर से जारी ब्लैक फंगस इलाज की गाइडलाइन जारी कर दी है. उन्होंने कहा कि ब्लैक फंगस का इलाज अभी आयुष्मान योजना में शामिल नहीं है.

जब तक सरकार की ओर से कोई आदेश जारी नहीं होते हैं तब तक मरीजों की जान बचाने के लिए प्राधिकरण ने ब्लैक फंगस मरीजों का उपचार कराने का अनंतिम निर्णय लिया है. ब्लैक फंगस से पीड़ित एक मरीज को इलाज की पूर्व अनुमति दी गई है. केंद्र व राज्य सरकार की अनुमति के बाद ही आयुष्मान योजना में ब्लैक फंगस मरीजों के निशुल्क इलाज को लागू किया जाएगा.

कोरोना से मौत होने पर मिलेगा सात लाख का इंश्योरेंस क्लेम

कोरोना संकट के इस समय में वित्तीय मदद लोगों के लिए वरदान साबित हो रही है. ऐसे ही कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को राहत देते हुए ईडीएलआई (इंप्लाइज डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम) के तहत बीमा कवर की राशि छह लाख रुपये से बढ़ाकर सात लाख रुपये कर दी है.

आपको बता दिया जाए कि सरकार ने निजी क्षेत्र के कर्मचारियों की सामाजिक सुरक्षा का लाभ देने के लिए 1976 में ईडीएलआई योजना शुरू की गई थी. योजना के तहत संगठित क्षेत्र में काम करने वाले किसी व्यक्ति की कोरोना से मौत हो जाती है तो उसके परिजनों को अधिकतम सात लाख रुपये तक लाइफ इंश्योरेंस मिल सकता है.

यह मृतक की बेसिक सैलरी के हिसाब से मिलता है. इस राशि का क्लेम नॉमिनी की ओर से पीएफ खाताधारक की मृत्यु होने पर किया जाता है. इसका लाभ लेने के लिए नॉमिनी ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं.

यह भी पढ़ें: कोविड से सुरक्षा के लिए पंचायतों को 85 करोड़ की पहली किश्त जारी

spot_img

Related Articles

spot_img

Latest Articles

कांग्रेस सांसद थरूर बोले-देश हित में की थी PM मोदी-राष्ट्रपति ट्रंप की मुलाकात की...

0
तिरुवनंतपुरम। कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को कहा कि उन्होंने देश हित में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मुलाकात...

‘सरकार बनाएगी डिरेगुलेशन कमीशन, सरकारी दखल और कम करने पर जोर’, पीएम मोदी ने...

0
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कहा कि सरकार एक डिरेगुलेशन कमीशन (नियमों में ढील देने वाला आयोग) बनाएगी, जिससे शासन के...

तमिलनाडु सरकार ने कब्जे में ली पूर्व सीएम की संपत्तियां; सोने-चांदी समेत हजारों एकड़...

0
बंगलूरू: तमिलनाडु सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री जे. जयललिता की जब्त संपत्तियों को आधिकारिक रूप से अपने कब्जे में ले लिया है। बंगलूरू की एक...

शानदार खेल इंफ्रास्ट्रक्चर का इस्तेमाल खेल प्रतिभा निखारने में होः मुख्यमंत्री

0
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने, 38वें राष्ट्रीय खेलों में राज्य के खिलाड़ियों के शानदार प्रदर्शन पर बधाई देते हुए कहा है कि, अब...

ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण परिक्षेत्र के स्थाई विकास पर मुख्यमंत्री धामी की पैनी नजर

0
देहरादून। ग्रीष्मकालीन राजधानी परिक्षेत्र का स्थाई विकास करना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की प्राथमिकता में शामिल है। विगत नवंबर माह में मुख्यमंत्री ने गैरसैंण...