देहरादून: उत्तराखंड के हल्द्वानी उप कारागार में विचाराधीन कैदी की मौत मामले में सीबीआई ने चार बंदी रक्षकों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया है। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने इस मामले में सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। अब मुकदमा दर्ज करने के बाद सीबीआई ने जांच भी शुरू कर दी है।
आपको बता दें कि 26 मई को भारती निवासी कुंडेश्वरी, काशीपुर ने हल्द्वानी थाने में तहरीर दी थी कि उनका पति प्रवेश कुमार के साथ झगड़ा होता रहता था। तीन मार्च को झगड़ा होने पर उसने थाने में शिकायत दर्ज करवाई थी। इस पर पुलिस प्रवेश कुमार को थाने ले गई। महिला ने बताया कि पुलिस ने उसके पति को कोर्ट के समक्ष पेश किया, जहां से उन्हें उप कारागार हल्द्वानी भेज दिया गया। छह मार्च की शाम को उन्हें कुंडेश्वरी पुलिस चौकी से सूचना मिली कि प्रवेश की बीमारी के कारण मौत हो गई। सात मार्च को वह उप कारागार हल्द्वानी पहुंचीं, जहां से उन्हें मोर्चरी बुलाया गया और शव को उनके सुपुर्द कर दिया। महिला ने जब मृत्यु का कारण पूछा तो पुलिसकर्मियों ने कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया।
महिला ने आरोप लगाया कि छह मार्च को प्रवेश जेल में शोर मचा रहा था। इस दौरान उप कारागार, हल्द्वानी के चार बंदी रक्षकों ने उसकी डंडे व लात-घूसों से पिटाई कर दी। इस पर महिला ने कोतवाली हल्द्वानी में शिकायत की, लेकिन उसे लौटा दिया गया। 18 मार्च को महिला ने मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी नैनीताल, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग व एसएसपी नैनीताल को शिकायती पत्र भेजा, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
वही अब हल्द्वानी के उप कारागार में बंदी की न्यायिक अभिरक्षा में मौत के मामले में हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआइ ने चार बंदी रक्षकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। पूर्व में मृतक की पत्नी की शिकायत पर हल्द्वानी थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर ही सीबीआइ जांच करेगी। महिला की ओर से हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया गया, जिसके बाद हल्द्वानी थाने में बंदीरक्षक देवेंद्र प्रसाद, कृति नैनवाल, देवेंद्र रावत व हरीश रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। जब पुलिस ने कार्रवाई नहीं की तो महिला ने हाईकोर्ट में याचिका दायर कर सीबीआइ जांच की मांग की थी।