24.1 C
Dehradun
Monday, September 9, 2024

आपदा में ‘अवसर’ का इंतजार नहीं करते मुख्यमंत्री धामी

भारी बारिश और उसके बाद भू- स्खलन के बाद केदारनाथ धाम में हजारों यात्री फंस गए….जाहिर है बारिश के मौसम में पहाड़ों में रेस्क्यू बहुत मुश्किल काम है लेकिन इसके बावजूद घटना के तुरंत बाद टीम धामी एक्टिव हो गई और स्वयं मुख्यमंत्री के नेतृत्व में रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया गया। करीब पांच हजार लोगों को 2 दिन के भीतर निकाल लिया गया। कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने पुष्कर सिंह धामी की इस तत्परता को देखते हुए उनकी पीठ थपथपाई।

प्राकृतिक आपदा को टालना मुश्किल होता है लेकिन दिक्कतें तब आती हैं जब सरकारों का रवैया ढीला हो और समय पर आपदा से निबटने की तैयारी ना हो। केदार धाम में भारी बारिश और उसके बाद भूस्खलन, हजारों तीर्थयात्रियों के लिए विकट संकट लेकर आया, रास्ते क्षतिग्रस्त हो गए जिसकी वजह से अलग-अलग पड़ावों पर तीर्थ यात्री फंस गए। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस मामले में काफी एक्टिव सीएम माने जाते हैं और ऐसे मामलों में वो खुद काफी एक्टिव दिखाई देते हैं। लिहाजा, आपदा तो आई है, लेकिन लोगों को सुरक्षित निकाले जाने का काम भी उतनी ही तेजी से हो रहा है। मुख्यमंत्री खुद मौके पर पहुंच कर लोगों का हालचाल ले रहे हैं और उन्हें हर संभव मदद कर रहे हैं। जोकि अपने आप में बड़ी बात है। धामी उन मुख्यमंत्रियों में से हैं जो सिर्फ रिपोर्ट कार्ड नहीं देखते बल्कि स्वयं परीक्षा में हिस्सा लेने में विश्वास करते हैं। इससे ना सिर्फ राहत और बचाव कार्य सही से हो पा रहा है बल्कि मौके पर मौजूद अधिकारियों और रेस्क्यू टीम का भी मनोबल बढ़ता है। ऐसे मौकों पर राज्य के सबसे बड़े नेता का इस तरह से एक्टिव होना बचाव कार्य में जुटे लोगों में एक अलग स्तर का रोमांच तो भरता ही है, राज्य के युवाओं के बीच अपने मुख्यमंत्री को लेकर भरोसा भी बढ़ता है।

बाढ़, भूस्खलन जैसी आपदाओं से कई राज्य पीडित रहते हैं लेकिन हमने आजतक यही देखा है कि इतनी तत्परता से शायद ही कोई नेता या मुख्यमंत्री मौके पर डटे रहे। यहां तो मीडिया में दुनिया भर की फज़ीहत के बाद भी कोई मुख्यमंत्री नहीं जागते, ऐसे धामी की ये तत्परता बेहतरी का संकेत तो करती ही है। इस दृष्टि से देखा जाए तो राजनीति में युवाओं का आगमन एक बेहतर संकेत है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी शायद नया रिवाज लिख रहे हैं। जो भले ही उत्तराखंड से शुरू हो लेकिन देश के लिए एक नज़ीर बनेगी।

कुछ यात्रियों से हुई बातचीत के आधार पर ये कहने में कोई गुरेज नहीं है कि ऐसी आपदा में फंस जाने के बाद छोटी-मोटी मदद भी बहुत बड़ी बात होती है और जब खुद मुख्यमंत्री मदद के लिए सामने खड़े हों तो भय का तो दूर-दूर तक कोई अता-पता नहीं रह जाता।बहरहाल, दो दिन पहले आई इस आपदा में अब तक 5 हजार लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है और राहत और बचाव कार्य जारी है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की कई टुकड़ियां मौके पर तैनात हैं। पहाड़ी रास्तों के लगातार क्षतिग्रस्त होने के बाद टीम ने नदी के किनारे-किनारे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया है। गौरतलब है कि यहां सीएम का केंद् सरकार से शानदार तालमेल भी देखने को मिल रहा है…केंद्र ने सेना अत्याधुनिक M17 एवं चिनुक जहाज को रेस्क्यू में लगाया है जिससे उम्मीदतन ऑपरेशन सफलता की तरफ गोचर कर रही है।

spot_img

Related Articles

spot_img

Latest Articles

नक्सलवादियों का होगा खात्मा, छत्तीसगढ़ भेजे जाएंगे 4000 से ज्यादा सीआरपीएफ जवान

0
नई दिल्ली : केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) छत्तीसगढ़ के बस्तर के सबसे अधिक नक्सल-हिंसा प्रभावित क्षेत्र में 4,000 से अधिक कर्मियों की चार...

सीएम योगी ने खोल दिया पिटारा, यूपी के दो लाख युवाओं को सरकारी नौकरी...

0
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के हीड़ी पकड़िया गांव के बुढ़वा बाबा कुटी के मैदान पर विकास समेत जनकल्याण वाली 12...

रंगारंग समारोह के साथ पैरालंपिक का समापन, भारत की झोली में रिकॉर्ड 29 पदक

0
पेरिस/नई दिल्ली: पेरिस पैरालंपिक के समापन समारोह में परेड के दौरान भारतीय दल की तरफ से तीरंदाज हरविंदर और स्प्रिंट रनर प्रीति पाल ध्वजवाहक...

आकाशीय बिजली की चपेट में आने से सात लोगों की मौत, तीन घायल; पेड़...

0
छत्तीसगढ़:छत्तीसगढ़ के बालौदाबाजार जिले में आकाशीय बिजली की चपेट में आकर सात लोगों की मौत हो गई। वहीं, तीन लोग घायल हो गए। बलौदाबाजार जिले...

धामी सरकार खोल रही नौकरी का पिटारा, 4400 पदों पर इसी माह से भर्ती

0
देहरादून। उत्तराखंड में सरकारी नौकरी की राह देख रहे युवाओं के लिए खुशखबरी है। सरकार 11 विभागों में रिक्त समूह ग के 4405 पदों...