उत्तराखंड राज्य के मुख्यमंत्री अपने बयानों को लेकर चर्चाओं में रहते रहे हैं मुख्य रूप से बात करें तो पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत अपने शासनकाल के दौरान एक ऐसा बयान दिया था जिसमें काफी सुर्खियां बटोरी थी. हालांकि, बातों ही बातों में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा था कि गाय ऑक्सीजन छोड़ती है. तो वही एक बार फिर पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने वैश्विक महामारी कोरोनावायरस को लेकर बड़ा बयान दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वायरस एक प्राणी है और उससे भी जीने का अधिकार है.
त्रिवेंद्र ने कहा कि मैं एक दार्शनिक बात कर रहा हु, कि कोरोना वायरस भी एक प्राणी है और उसे भी जीने का अधिकार है. लिहाजा, तू भी चल और हम भी चलते रहें. बस हमें अपनी चाल तेज करनी होगी. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने कहा कि ये एक दार्शनिक बात है. ये कोरोना वायरस भी एक प्राणी है. हम भी एक प्राणी है. लेकिन हम अपने आप तो ज्यादा बुद्धिमान समझते हैं. लेकिन कोरोना वायरस को भी जीने का अधिकार है. हम लोग उसके पीछे पड़ गए तो वह बहुरूपिया हो गया है.
कोरोना वायरस रोज अपना रूप बदल रहा है. मैं दार्शनिक बात करता हूं कि को वायरस को भी जीने का अधिकार है. हमें इससे दूरी बनाकर चलना होगा. उसका भी जीवन है. वो भी अपने जीने के लिए तमाम रूप बदल रहा है. ये दार्शनिक पक्ष है कि कोरोना वायरस तू भी चल और हम भी चलते रहें. हां, हमें अपनी चाल तेज रखनी होगी. ताकि हम वायरस से आगे निकल जाएं.
हालांकि, इस तरह के बयान उत्तराखंड राज्य में पहली बार नहीं देखे गए हैं बल्कि इससे पहले भी वर्तमान मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने भी ऐसे अटपटे बयान देकर सुर्खियों में बने रहे हैं. आपको बता दें कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सत्ता पर काबिज होने के कुछ दिनों बाद ही फटी जींस, भारत देश अमेरिका का रहा गुलाम, ज्यादा बच्चा पैदा करने वाले को मिला ज्यादा राशन जैसे तमाम बयान सामने आए थे जिसके बाद न सिर्फ राज्य स्तर बल्कि विदेशों से भी इन बयानों को लेकर मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की काफी आलोचना हुई थी.