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Monday, March 24, 2025
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दिल्ली विधानसभा उपचुनावः केजरीवाल-सिसोदिया से भारद्वाज तक सब ढेर

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली में भाजपा 27 साल बाद वापसी करने में सफल रही। वहीं अन्ना आंदोलन से निकली आम आदमी पार्टी (आप) को करारी हार का सामना करना पड़ा है। साफ सुथरी राजनीति करने का वादा कर सत्ता में आए अरविंद केजरीवाल को भी चुनाव में हार का सामना करना पड़ा है। 2025 के विधानसभा चुनावों में आप के संयोजक अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सौरभ भारद्धज समेत कई दिग्गज नेता हार गए हैं।
2020 चुनाव में 62 सीटों पर बंपर जीत हासिल कर आप तीसरी बार सत्ता में आई थी। लेकिन 2025 में आप 23 सीटों पर सिमट कर रह गई है। आप की हार के पीछे शराब घोटाला, यमुना का गंदा पानी जैसे मुद्दों का बड़ा असर माना जा रहा है। लेकिन आप की हार में एक बड़ी वजह कांग्रेस का मजबूती से लड़ना भी माना जा रहा है। कई सीटों पर आप को मिली हार की वजह कांग्रेस को माना जा रहा है।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के कई नेता की हार पर कांग्रेस पार्टी द्वारा काटे गए वोटों का असर देखने को मिल रहा है। 2025 के विधानसभा चुनावों में जहां आप को 43.79 फीसदी वोट मिले। जिसमें पिछले विधानसभा चुनाव को मुकाबले लगभग 11 फीसदी की गिरावट हुई है। वहीं भाजपा के 2025 के चुनाव में 45.78 फीसदी वोट शेयर मिला है। भाजपा को 2020 के विधानसभा चुनाव में 38.51 फीसदी वोट मिला था। भाजपा को इस बार मिले 7.2 फीसदी मतों ने उसे आठ सीटों से सीधे 48 सीटों पर पहुंचा दिया।
वहीं कांग्रेस के वोट शेयर में इस बार इजाफा देखेने को मिला है। इजाफा भले ही मामूली हो लेकिन कांग्रेस को मिले इस वोट शेयर ने आप के कई दिग्गजों को हरानें में अहम भूमिका निभाई। 2020 में कांग्रेस को दिल्ली विधानसभा चुनाव में 4.26 फीसदी वोट शेयर मिली था। इस बार यह बढ़कर 6.37 फीसदी पर पहुंच गया। कांग्रेस ने इस बार पिछले चुनाव की अपेक्षा मजबूती से चुनाव लड़ था। जिसका नतीजा चुनाव परिणामों पर देखा जा सकता है।
आम आदमी पार्टी के कई अहम नेताओं को जिस अंतर से हार मिली है। लगभग उतने फीसदी वोट कांग्रेस के उम्मीदवारों को मिले हैं। संगम विहार, त्रिलोकपुरी, जंगपुरा, तिमारपुर, राजेंद्र नगर, महरौली सीट पर जीत हार का अंतर दो हजार से कम रहा है। ये सभी सीटें भाजपा ने जीती हैं। सभी सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवारों को जीत हार के अंतर से ज्यादा वोट मिले हैं। वहीं नई दिल्ली, ग्रेटर कैलाश ऐसी सीटें हैं। जहां पर कांग्रेस उम्मीदवार को मिले वोट सीधे तौर पर हार जीत के लिए जिम्मेदार रहे। अगर बात नई दिल्ली सीट की करें तो इस सीट पर अरविंद केजरीवाल मैदान में थे। उन्हें भाजपा के प्रवेश वर्मा ने 4089 के अंतर से हराया है। वहीं इस सीट पर कांग्रेस की ओर से संदीप दीक्षित मैदान में थे। संदीप को 4568 वोट मिले हैं। इससे साफ है कि इस चुनाव कांग्रेस खुद जीतने से अधिक आप को हराने के लिए मैदान में थी। इसका एक दूसरा उदाहारण ग्रेटर कैलाश की सीट की है। जहां से आप के मंत्री सौरभ भारद्धज हारे हैं। उन्हें कांग्रेस की शिखा रॉय ने 3188 मतों के अंतर से हराया। इस सीट पर कांग्रेस ने गर्वित संघवी को उतारा था। गर्वित को 6711 वोट मिले। जो सीधे-सीधे सौरभ भारद्धज की हार की वजह बने।

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