देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में डैटोल स्कूल हाईजीन एजुकेशन प्रोग्राम उत्तराखण्ड का शुभारंभ किया। डैटोल स्कूल हाईजीन एजुकेशन प्रोग्राम उत्तराखण्ड के सभी 13 जनपदों के 13 हजार प्राथमिक स्कूलों में चलाया जायेगा। इसके लिए शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी एवं डायरेक्टर एक्सटर्नल अफेयर्स एवं पार्टनरशिप, एसओए, रेकिट रवि भटनागर के मध्य एमओयू भी हस्ताक्षरित किया गया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि डैटोल स्कूल हाईजीन एजुकेशन प्रोग्राम से बच्चों में स्वच्छता के प्रति एवं दैनिक व्यवहार में परिवर्तन आयेगा। उन्होंने कहा कि बच्चों में व्यक्तिगत, स्कूलों, घरों एवं आस-पास के क्षेत्रों में स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जन्म से 06 वर्ष की आयु तक बच्चों का मानसिक एवं शारीरिक विकास सबसे तेज होता है। जीवन के शुरूआती चरण में बच्चों को जो अनुशासन मिलता है, उसी का अनुसरण कर बच्चे आगे बढ़ते हैं। आने वाले 25 साल देश का अमृतकाल के होंगे, आज के ये बच्चे 25 साल बाद देश के कर्णधार होंगे। इनको सही दिशा देना जरूरी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन के लिये राज्य में 4457 को-लोकेटेड आंगनवाड़ी केन्द्रों में बाल वाटिकायें प्रारम्भ हो चुकी हैं। ‘प्रवेशोत्सव’, ‘आरोही’, ‘कौशलम’, ‘आनन्दम’, ‘विद्या सेतु’ जैसे नए कार्यक्रम संचालित किये जा रहे हैं। ऑनलाइन शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए केन्द्रीय स्टूडियो तथा राज्य के समस्त 13 जनपदों के 500 विद्यालयों में वर्चुअल कक्षाओं की स्थापना की जा चुकी है। उच्च शिक्षा में विद्यार्थियों को भारतीय संस्कृति व इंडियन नॉलेज सिस्टम से परिचित कराने के उद्देश्य से वैदिक विज्ञान, वैदिक गणित व भगवत गीता से प्रबन्धन परिचय जैसे विषयों को सह-पाठ्यक्रम के रूप में लागू किया गया है। उच्च शिक्षण संस्थानों में रिसर्च और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्टार्ट-अप पॉलिसी लागू की गयी है।