सिक्कम में ल्होनक झील के ऊपर बादल फटने के बाद तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है। तीस्ता नदी में बाढ़ आने के बाद सेना के 23 जवान लापता होने की खबर है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने के लिए कहा है।बादल फटने के बाद सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग सिंगतम पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। गुवाहाटी में रक्षा PRO ने कहा कि सेना के 23 जवानों के लापता होने और 41 गाड़ियों के डूबे होने की खबर है।
सिक्किम में जो अचानक बाढ़ आई है, उसकी कहानी 2013 में केदारनाथ में आई आपदा जैसी ही है। उत्तरी सिक्किम में जिला है मंगन। मंगन का ऊंचाई वाला इलाका है चुंगथांग। चुंगथांग के हिमालय में बना है साउथ ल्होनक लेक, यह एक झील है जो ल्होनक ग्लेशियर पर बनी है यानी यह एक ग्लेशियल लेक है।
इसी ग्लेशियल लेक के ऊपर बादल फटे। तेज गति से पानी गिरा। तेज बहाव और दबाव से लेक की दीवारें टूट गईं। ऊंचाई पर होने की वजह से पानी तेजी से निचले इलाकों में बहकर गया। तीस्ता नदी उफान पर आ गई। यह ग्लेशियर 17,100 फीट की ऊंचाई पर मौजूद है। करीब 260 फीट गहरी, 1.98 किलोमीटर लंबी और आधा किलोमीटर चौड़ी। कुल मिलाकर यह 1.26 वर्ग किलोमीटर में फैली है।
इस झील से जब पानी नीचे आया होगा, तब वो अपने साथ ढेर सारा मलबा और पत्थर लेकर नीचे आया। हरे रंग में दिखने वाली तीस्ता नदी पीले और मटमैले रंग में बहने लगी।उत्तरी सिक्किम में झील के फटने की वजह से तीस्ता का पानी बढ़ गया है। इस वजह से गजोलड्बा, डोमोहानी, मेखालीगंज, घीश और बांग्लादेश का कुछ इलाका प्रभावित हो सकता है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए रेड और ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।