देहरादून: शहर में ट्रैफिक व्यवस्था की अधिकतम जिम्मेदारी सीपीयू के पास रहती है। नीली ड्रेस में बाईकों पर घूमती सीपीयू ही लोगों को नियमों के प्रति जागरूक करती है। अब सीपीयू के लिए डीजीपी अशोक कुमार ने एक बड़ा आदेश जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक अब सीपीयू के जवानों को उनके गृह जनपदों में ड्यूटी नहीं मिल सकेगी।
सीपीयू का गठन साल 2013 में किया गया था। तब पुलिस में सीपीयू का एक अलग से गठन करना, यातायात को सुचारू रूप से चलाने का एक प्रयास था। हो ना हो, सीपीयू की वजह से कई शहरों में लोगों ने नियमों को पालना तो शुरू की है। खासकर हेलमेट पहनने में लोग जरा बेहतर हो गए हैं। चालान भी लोगों के नियम मानने का एक बड़ा कारण कहा जाता है।
मगर सफलता के साथ साथ सीपीयू हमेशा विवादों में घिरी रही। कई बार सीपीयू के जवानों की आम लोगों से झड़प की खबरें सामने आई। ऐसे में अब उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक अशोक कुमार ने सीपीयू कर्मियों की तैनाती को लेकर नए आदेश जारी कर दिए हैं। आदेशों के अनुसार सीपीयू को अब उनके गृह जनपदों में तैनाती नहीं मिलेगी।
गौरतलब है कि जब 2013 में सीपीयू का गठन हुआ था। तब से ही होम डिस्ट्रिक्ट पोस्टिंग की व्यवस्था को लागू किया गया था। अब पुलिस मुख्यालय से जारी आदेशों के मुताबिक किसी सीपीयू के जवान या सिपाही को गृह जिलों में पोस्टिंग नहीं मिलेगी। अगर वर्तमान में कोई सिपाही पुरानी व्यवस्था के अनुसार अपने जिले में तैनात है तो उसको पोस्टिंग कहीं और की जाएगी।