देहरादून: विधानसभा चुनाव में मतगणना के लिए 7 दिन ही शेष बचे हैं 10 मार्च को होने वाली मतगणना में अंतिम राउंड के बाद प्रत्येक विधानसभा में पांच-पांच बूथ से भी वीवीपीएट पर्चियां के रेंडम जांच की जाएगी। प्रत्याशी भी किसी बूथ से वीवीपीएट पर्चियां की जांच की मांग कर सकते हैं।
ईवीएम को लेकर बीते कुछ चुनावो में विवाद देखने को मिले हैं, इस कारण अब आयोग सभी ईवीएम के साथ वीवीपीएट जोड़ चुका है। जिसमें प्रत्येक मत की पर्चियां जमा होती हैं।पिछले लोकसभा चुनाव के समय कुछ दलों ने ईवीएम के साथ वीवीपीएट में दर्ज सभी मत गिने जाने की मांग उठाई थी, लेकिन आयोग ने इस प्रक्रिया में अनावश्यक समय लगने का तर्क देते हुए प्रत्येक सीट पर किन्ही पांच बूथ की पर्चियां की गिनने की व्यवस्था लागू की गई थी।
यही नियम मौजूदा विधानसभा चुनाव में भी लागू होंगे। इसके तहत मतगणना के दौरान ईवीएम और वीवीपीएट में दर्ज मतों की संख्या का ही मिलना मिलान किया जाएगा। अंतिम राउंड समाप्त होने के बाद रिटर्निंग अधिकारी किन्ही पांच बूथों की वीवीपीएट पर्चियो की रैंडम जांच करवाएंगे। इसमें सभी पांच वीवीपीएट में कुल दर्ज मतों के साथ ही प्रत्याशी वार मिले मतों का मिलान संबंधित ईवीएम से किया जाएगा।
सहायक मुख्य निर्वाचन अधिकारी मस्तू दास के मुताबिक पूरी मतगणना प्रक्रिया सीसीटीवी निगरानी में संपन्न होगी। इस बार मॉक पोल का समाधान यदि किसी बूथ पर वीवीपीएट और ईवीएम में मॉक पोल मत भूलवश दर्ज रह जाते हैं तो इस बार उन मतों को कुल मतों को हटा दिया जाएगा।