नई दिल्ली। प्रयागराज और काशी के साथ ही पटना में गंगा नदी खतरे के निशान को पार कर गई है। इतना ही नहीं तेजी से बढ़ रहा इसका जलस्तर आने वाली मुसीबत की ओर संकेत कर रहा है।
केन-बेतवा में उफान से प्रयागराज में यमुना नदी भी खतरे के निशान को नीचे छोड़ गई है। ऐसे में कई लाख लोगों की आबादी प्रभावित हुई है। बुंदेलखंड से लेकर पूर्वांचल तक नदियों के उफान से जिंदगी दहशत में है।
लाखों की आबादी बाढ़ के पानी में घिरी है। कई गांवों को संपर्क कट चुका है। फसलें जलमग्न हैं। बनारस में गंगा, तो प्रयागराज में गंगा-यमुना दोनों ही खतरे के निशान के ऊपर बह रही हैं। ग्रामीण से लेकर कई शहरी क्षेत्र जलमग्न हैं। प्रयागराज के दारागंज में श्मशान घाट गंगा में समा चुका है और अंतिम संस्कार सड़क पर किया जा रहा है। पानी में डूबी शहर की सड़कों पर नावें चल रही हैं। उधर, बनारस में भी गंगा और वरुणा नदी में आई बाढ़ के कारण पानी अब गलियों और सड़कों पर बह रहा है।
मंदिर और घाट डूब चुके हैं। मणिकर्णिका घाट पर छतों के ऊपर शवदाह किया जा रहा है। इस बीच बारिश और बाढ़ की वजह से जान जाने का क्रम भी जारी है। फतेहपुर में नोन नदी की बाढ़ में डूबने से बच्ची की मौत हो गई।
कौशांबी में तेज बरसात के दौरान कच्चा मकान ढहने की दो घटनाओं में मां-बेटी समेत तीन लोगों की मौत हो गई। उधर, हमीरपुर में छह बीघा बाजरा की फसल बाढ़ में डूबने से आहत गया प्रसाद ने फंदा लगाकर जान दे दी।
बिहार में बाढ़ का संकट गहरायाहालिया वर्षा के कारण बिहार की नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। खगडि़या जिले में गंगा नदी खतरे के निशान से छह सेंटीमीटर ऊपर बह रही है। बूढ़ी गंडक एनएच-31 ब्रिज के पास खतरे के निशान से चार सेंटीमीटर नीचे है।
सहरसा में कोसी नदी कटाव कर रही है, जबकि पटना और बक्सर में गंगा का जलस्तर भी बढ़ गया है। मधुबनी में भुतही बलान नदी में बाढ़ आई है, जिससे गोरगामा-परसा सड़क पर दो फीट पानी बह रहा है। सीतामढ़ी और शिवहर में बागमती नदी का जलस्तर बढ़ रहा है।जमुई में महादलित बस्ती के कई घर ध्वस्त हो गए हैं। बक्सर में गंगा का जलस्तर 60.49 मीटर तक पहुंच गया है, जिससे बाढ़ का पानी संपर्क मार्गों पर बहने लगा है। भोजपुर में भी बाढ़ का पानी तेजी से फैल रहा है।
हिमाचल प्रदेश में हो रही वर्षा से पंजाब में बने बांधों पर जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। होशियारपुर जिले के तलवाड़ा में ब्यास दरिया पर बने पौंग बांध में रविवार सायं चार बजे जलस्तर 1366.04 फीट तक पहुंच गया। बांध की क्षमता 1390 फीट की है और बांध में 1365 फीट तक पानी पहुंचने के बाद इसके फ्लड गेट खोलने का फैसला लिया जा सकता है।
उत्तर भारत के कई राज्यों में बाढ़ का कहर, गंगा खतरे के निशान के पार; तेजी से बढ़ रहा जलस्तर
Latest Articles
सहकारिता ही सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिलाः मुख्यमंत्री
देहरादून। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा...
विश्व धरोहर फूलों की घाटी 31 अक्टूबर को होगी शीतकाल के लिए बंद
चमोली। विश्व धरोहर फूलों की घाटी इन दिनों बर्फ से लकदक बनी है। आलम यह है कि विभिन्न प्रजाति के फूलों के लिए प्रसिद्ध...
हर जिले में ऐसे स्वास्थ्यकर्मी तैयार होंगे जो आपदाग्रस्त लोगों के मन के घाव...
देहरादून। पिछले कुछ समय से उत्तराखंड लगातार प्राकृतिक आपदाओं की मार झेल रहा है । कहीं भूस्खलन, कहीं बादल फटना तो कहीं अत्यधिक वर्षा...
ग्राफिक एरा में मीडिया, समाज और विज्ञान पर राष्ट्रीय सम्मेलन, विशेषज्ञों ने मीडिया...
देहरादून। ग्राफिक एरा में प्राकृतिक आपदाओं में प्रभावी संचार और सामुदायिक सहयोग की निर्णायक भूमिका पर गहन मंथन हुआ। विशेषज्ञों ने न केवल मीडिया...
राज्य कैबिनेट की बैठक में आठ अहम प्रस्तावों पर लगी मुहर
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में आठ महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर मुहर लगाई गयी। बैठक में महिला...