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Tuesday, October 7, 2025


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स्वास्थ्य मंत्री ने किया दून अस्पताल में कैथ लैब का शिलान्यास, अधिकारियों को दिये ये निर्देश

देहरादून: हृदय संबंधी रोगों की जांच एवं उपचार के लिये मरीजों को अब निजी अस्पतालों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे, शीघ्र ही राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में कैथ लैब बनकर तैयार हो जायेगी और रियायती दरों पर हृदय रोगियों को सस्ता इलाज मिल सकेगा। सूबे में स्वास्थ्य सेवाओं को और बेहत्तर बनाने के लिये प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में ‘लाइफ स्टाइल क्लीनिक’ का नया विभाग खोला जायेगा, जहां पर संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किये जायेंगे। इसके अलावा प्रदेश में सुपर स्पेशिलिस्ट चिकित्सकों का पृथक कैडर बना कर नया वेतनमान तय किया जायेगा।

यह बात सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज राजकीय दून मेडिकल कॉलेज में कार्डियक कैथ लैब के शिलान्यास कार्यक्रम में कही। डॉ0 रावत ने बताया कि अब हाईटेक तकनीकी से हृदय संबंधी रोगों की जांच एवं उपचार दून अस्पताल में किया जा सकेगा। जिसके लिये चार माह के भीतर अस्पताल में कैथ तैयार कर ली जायेगी, जिसके लिये सरकार ने 5 करोड़ की धनराशि स्वीकृत कर ली गई है। विभागीय मंत्री ने अधिकारियों को लैब निर्माण का कार्य शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिये ताकि आगामी 9 नवम्बर को राज्य स्थापना दिवस के अवसर पर इसका शुभारम्भ किया जा सके।

डॉ0 रावत ने बताया कि यह सूबे की पहली कैथ लैब है जो किसी सरकारी अस्पताल में स्थापित की जा रही है। उन्होंने बताया कि सरकार का मकसद निजी अस्पतालों की भांति सरकारी अस्पतालों में भी हाईटेक स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराना है ताकि प्रदेश के लोगों को रियायती दरों पर उपचार मिल सके। दून अस्पताल में कैथ लैब खुलने से हार्ट संबंधी रोगियों को खासी राहत मिलेगी साथ ही हार्ट सर्जरी, वॉल्ब चेंज एवं हार्ट अटैक में बेहत्तर उपचार भी मिलेगा। इसके बाद रोगियों की निजी अस्पतालों पर निर्भरता भी कम होगी।

डॉ0 रावत ने बताया कि सूबे में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से प्रत्येक मेडिकल कॉलेज में ‘लाइफ स्टाइल क्लीनिक’ का नया विभाग खोला जायेगा, जिसमें संबंधित सर्टिफिकेट कोर्स भी संचालित किये जायेंगे। इसके अलावा प्रदेश में सुपर स्पेशिलिस्ट चिकित्सकों का पृथक कैडर बनाने के साथ ही नया वेतनमान भी तय किया जायेगा। उन्होंने कहा कि राजकीय मेडिकल कॉलेजों में फैकल्टी की कमी को पूरा करने के लिये चिकित्सा सेवा चयन आयोग के माध्यम से 339 स्थाई असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती प्रक्रिया चल रही है। साथ ही 2600 स्टॉफ नर्सों की वर्षवार भर्ती प्रक्रिया को भी शीघ्र शुरू कर दिया जायेगा।

डॉ0 रावत ने बताया कि राज्य में संस्थागत प्रसव की स्थिति में बेहत्तर सुधार हुआ है। इसके अलावा राज्य के मेडिकल कॉलेजों में पैरामेडिकल स्टॉफ की कमी को दूर करने के लिये करीब दो हजार पदों की स्वीकृति का प्रस्ताव शासन को भेजा गया है, जिसकी स्वीकृति मिलते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

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