23.7 C
Dehradun
Tuesday, October 14, 2025

यूनेस्को के सम्मेलन में भारत की ऐतिहासिक सफलता, दुनिया के 31 वेटलैंड सिटी में अब उदयपुर भी शामिल

उदयपुर: भारत ने वैश्विक स्तर पर पर्यावरण संरक्षण और पारिस्थितिकी संतुलन के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को साबित करते हुए पहली बार वेटलैंड सिटी के रूप में दो शहरों को मान्यता दिलाई है। राजस्थान के उदयपुर और मध्य प्रदेश के इंदौर को यूनेस्को के रामसर सम्मेलन द्वारा वेटलैंड सिटी की सूची में शामिल किया गया है। यूनेस्को के रामसर ने झीलों के शहर उदयपुर को दुनिया की वेटलैंड सिटी में शामिल कर लिया है। दुनिया भर में अपनी झीलों की खूबसूरती के लिए विख्यात राजस्थान का उदयपुर अब दुनिया के 31 वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों की सूची में शामिल हो गया है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश के इंदौर शहर को भी इस सूची में स्थान मिला है। उदयपुर और इंदौर के शामिल होने के बाद, अब दुनिया में 31 वेटलैंड सिटी हो गए हैं। यह उपलब्धि भारत के लिए गर्व का विषय है।
केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोशल मीडिया पर इस ऐतिहासिक उपलब्धि की घोषणा करते हुए कहा, “मुझे यह बताते हुए खुशी है कि भारत में पहली बार, मध्य प्रदेश के इंदौर और राजस्थान के उदयपुर दुनिया के 31 वेटलैंड मान्यता प्राप्त शहरों की सूची में शामिल हो गए हैं। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को एक साथ जोड़ने के दृष्टिकोण का प्रमाण है।” भूपेंद्र यादव ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत की अर्थव्यवस्था और पारिस्थितिकी को संतुलित करने की दृष्टि का परिणाम बताया। उन्होंने कहा, “यह उपलब्धि शहरी और ग्रामीण दोनों केंद्रों में पारिस्थितिकी संरक्षण से समझौता किए बिना हमारे शहरी क्षेत्रों के समग्र विकास पर भारत की ओर से दिए गए जोर को दर्शाती है।”
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उदयपुर और इंदौर की इस उपलब्धि पर खुशी जाहिर की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “इंदौर और उदयपुर को बधाई! यह मान्यता सतत विकास और प्रकृति और शहरी विकास के बीच सामंजस्य स्थापित करने के प्रति हमारी दृढ़ प्रतिबद्धता को दर्शाती है। मेरी कामना है कि यह उपलब्धि सभी को हमारे देश में हरियाली, स्वच्छता और अधिक पर्यावरण अनुकूल शहरी स्थान बनाने की दिशा में काम करते रहने के लिए प्रेरित करे।”
वेटलैंड सिटी का दर्जा उन शहरों को दिया जाता है, जो अपने जल संसाधनों, झीलों और वेटलैंड्स के संरक्षण और समग्र प्रबंधन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं। यह मान्यता शहरी और ग्रामीण विकास के बीच पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। उदयपुर, जिसे पहले से ही “झीलों की नगरी” के रूप में जाना जाता है, ने इस मान्यता के जरिए अपनी अंतरराष्ट्रीय पहचान को और मजबूत किया है। शहर की पिछोला, फतेहसागर, और स्वरूपसागर जैसी झीलें इस उपलब्धि का आधार बनीं। उदयपुर के स्थानीय प्रशासन और समुदाय ने झीलों के संरक्षण के लिए सतत प्रयास किए हैं, जिससे यह वेटलैंड सिटी के मानकों पर खरा उतरा।

spot_img

Related Articles

spot_img
spot_img

Latest Articles

हवाई किराए में उतार-चढ़ाव के तनाव से मिलेगी मुक्ति, एलायंस एयर की नई योजना...

0
नई दिल्ली। विमानन मंत्रालय ने सोमवार को हवाई किराए से जुड़ी एक नई पहल शुरू की। सरकारी स्वामित्व वाली क्षेत्रीय विमानन कंपनी एलायंस एयर...

बिहार चुनाव: EC ने भरोसा बढ़ाने के लिए उठाया कदम, राजनीतिक दलों की मौजूदगी...

0
नई दिल्ली। चुनाव आयोग ने बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण से पहले उम्मीदवारों के बीच इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) की विश्वसनीयता बढ़ाने के...

‘आरक्षण से नहीं, योग्यता से न्यायिक सेवाओं में आ रहीं 60% महिलाएं’: सुप्रीम कोर्ट

0
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि न्यायिक सेवाओं में शामिल होने वाली लगभग 60 फीसदी न्यायिक अधिकारी महिलाएं हैं। शीर्ष कोर्ट...

ईपीएफ से पैसा निकालना हुआ आसान, नियमों में बड़ा बदलाव

0
नई दिल्ली: कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने सोमवार को कई बड़े फैसलों का एलान किया। ईपीएफओ के बोर्ड ने अपने सात करोड़ से अधिक...

सहकारिता ही सामाजिक एकता और आर्थिक स्वावलंबन की आधारशिलाः मुख्यमंत्री

0
देहरादून। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर विभिन्न विभागों/समूहों/संस्थाओं द्वारा लगाए गए स्थानीय उत्पादों के स्टॉलों का निरीक्षण कर स्थानीय उत्पादों को प्रोत्साहन देने तथा...