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Monday, March 10, 2025
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सीमा की बाड़ पर मधुमक्खी के छत्ते लगाने की पहल का मिला निर्देश, बीएसएफ यूनिट ने लागू किया है यह मॉडल

नई दिल्ली। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सभी केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) को बंगाल में सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की एक यूनिट द्वारा शुरू की गई ‘सीमा की बाड़ पर मधुमक्खी के छत्ते लगाने’ की पहल अपनाने का निर्देश दिया है। बीएसएफ की यूनिट ने यह पहल स्थानीय लोगों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और सुरक्षा मजबूत करने के लिए उनके साथ सद्भाव स्थापित करने के लिए की है। सरकारी सूत्रों ने बताया कि ‘वैज्ञानिक मधुमक्खी पालन एवं शहद मिशन’ पर अप्रैल में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला की अध्यक्षता में नार्थ ब्लाक स्थित उनके कार्यालय में हुई बैठक में ये निर्देश दिए गए।
एक वरिष्ठ सीएपीएफ अधिकारी ने बताया कि बैठक में बंगाल के नादिया जिले में भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा पर तैनात बीएसएफ की 32वीं बटालियन द्वारा तैयार व क्रियान्वित मॉडल की सराहना की गई और सभी सीएपीएफ को उनके दायित्व वाले क्षेत्र में इसे अपनाने का निर्देश दिया गया।
उन्होंने बताया कि सशस्त्र सीमा बल (नेपाल व भूटान सीमा) व भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (चीन से लगती वास्तविक नियंत्रण रेखा) जैसे सीमा की सुरक्षा करने वाले अन्य बलों; केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) व केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआइएसएफ) जैसे सीएपीएफ और असम राइफल्स, नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड व राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) जैसे अन्य बल अपने दायित्वों की प्रकृति के अनुसार इस माडल का इस्तेमाल कर सकते हैं। बीएसएफ के इस मॉडल को अपनाने का मकसद दूरस्थ स्थानों पर रोजगार पैदा करना और स्थानीय लोगों में दोस्त व साख बनाना है क्योंकि यही लोग सुरक्षा के दृष्टिकोण से इन इलाकों में ‘आंख और कान’ का काम करते हैं।
नादिया में बीएसएफ की यूनिट ने पिछले वर्ष नवंबर में यह पहल की थी और अब तक बाड़ पर लगभग 200 मधुमक्खी के छत्ते स्थापित किए हैं। इन्हें लगाने का उद्देश्य पशु, स्वर्ण एवं नशीले पदार्थों की तस्करी व बाड़ को काटने की घटनाएं रोकना भी है। इस बटालियन के कमांडिंग आफिसर कमांडेंट सुजीत कुमार ने पूर्व में बताया था कि ‘बाड़ पर मधुमक्खी के छत्ते’ पहल का उद्देश्य स्थानीय लोगों को बिक्री के लिए शहद उत्पादन में लगाना, मधुमक्खियों के लिए फूल व फल देने वाले पौधे लगाना और जल भंडारण के लिए इस क्षेत्र में बनाई जा रही खाइयों के जरिये मछली पालन शामिल है। एक सीएपीएफ अधिकारी ने बताया कि उक्त मॉडल लांच होने के बाद से नादिया के सीमावर्ती इलाके में बीएसएफ कर्मियों, आयुष मंत्रालय और सैकड़ों स्थानीय लोगों की भागीदारी से एक लाख से अधिक पौधे लगाए गए हैं।

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