उत्तराखंड में एक बार फिर से श्रम बोर्ड चर्चाओं में आ गया है. विभागीय मंत्री और बोर्ड के अध्यक्ष समेत बोर्ड कि अधिकारियों के बीच तनातनी का माहोल है. इस बीच बड़ी बात यहनिकल के आई है कि बोर्ड के अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के कार्यकाल की जांच होगी. लगातार चल रहे विवादों के बीच श्रम मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने यह फैसला किया है जबकि शमशेर सत्याल भी खुलकर मैदान में आने को तैयार हैं. वही बोर्ड के कुछ मामलो को लेकर हाई कोर्ट में दाखिल रिट भी आने वाले समय मे बड़ी मुसीबत बन सकती है. इधर बीते बुधवार को हुई बोर्ड बैठक में सचिव ने बैठक छोड़ दी इससे और भी चर्चाएं ज़ोर पकड़ रही हैं.
दरअसल, श्रम बोर्ड में मुख्यमंत्री बदलने के बाद से ही लगातार एक के बाद एक विवाद चल रहे हैं. मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल से नाराज हैं. जगजाहिर है कि सत्याल पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के करीबियों में और बेहद दमदार होते थे. त्रिवेंद्र राज में ही मंत्री हरक से ये बोर्ड छीन गया था. कार्यालय बदलने को लेकर शुरू हुआ विवाद अब आगे बढ़ गया है.
श्रम मंत्री हरक सिंह रावत का कहना है कि वो बोर्ड के अध्यक्ष के पूरे कार्यकाल की जांच कराएंगे. इसके लिए बकायदा जल्द ही एक जांच समिति भी गठित की जाएगी. उन्होने कहा कि बोर्ड के सभी कार्यों के निपटारे के लिए नियमावली बनी हुई है. नियमावली के इतर किया गया कोई भी काम सरकार के स्तर से बर्दाश्त नहीं होगा.वही अध्य्क्ष शमशेर सत्याल भी खुलकर मैदान में है उन्होंने कहा है कि ये कर्मकार बोर्ड एक स्वायत्त संस्था है मंत्री कोई निर्णय नही ले सकते है पहले तमाम जो आरोप लगे व शिकायते है मंत्री जी को इस पर जवाब देना चाहिए.