जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में सुरक्षाबलों की लगातार कार्रवाई के बाद अब नक्सलियों ने संघर्ष विराम की मांग की है। पत्र जारी कर कहा गया है कि सरकार अगर ऑपरेशन बंद करने का ऐलान करती है तो नक्सली बात करने को तैयार हैं। दरअसल बीते कुछ महीनों से सुरक्षाबलों की टीमें लगातार ऑपरेशन चला रही हैं जिसमें कई बड़े खूंखार नक्सलियों को जवानों ने ढेर कर दिया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नक्सल प्रभावित बस्तर के दौरे से पहले नक्सलियों ने तत्काल युद्ध विराम और सशर्त शांति वार्ता की मांग की है। नक्सलियों के प्रवक्ता अभय की ओर से जारी बयान में केंद्र सरकार से एंटी नक्सल ऑपरेशन को रोकने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही सुरक्षाबलों की वापसी और माओवादी विरोधी अभियानों को रोकने की मांग की गई है।
छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पड़ोसी राज्यों में नक्सलियों को लग रहे तगड़े झटकों के बीच वे शांति वार्ता के लिए तैयार हो गए हैं। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी की बैठक के बाद नक्सलियों के प्रवक्ता ने एक पर्चा जारी कर सरकारों से शांति वार्ता की पहल की है। नक्सलियों की सेंट्रल कमेटी ने कहा कि 15 महीने में हमारे 400 साथियों को मारा गया है। केंद्र और राज्य सरकारें ऑपरेशन रोकें तो हम बात करेंगे।
नक्सलियों के प्रवक्ता अभय ने हिंदी और तेलगू दोनों भाषा में प्रेस रिलीज जारी केंद्र और राज्य सरकार से नक्सल विरोधी अभियान को रोकने के लिए अनुरोध किया है। इसके साथ ही सुरक्षा बल के जवानों को कैंप में ही रहने और नये कैंप नहीं खोलने की बात कही है। उसने प्रेस विज्ञप्ति में आगे लिखा है कि 24 मार्च को नक्सलियों के संगठन की हैदराबाद में एक बैठक हुई थी। इसमें यह तय हुआ था कि वो बिना किसी शर्त के बातचीत और शांति वार्ता करने के युद्ध विराम की घोषणा कर देंगे। आगे लिखा है कि छत्तीसगढ़ के गृहमंत्री विजय शर्मा ने भी नक्सलियों से आग्रह किया था कि वो हथियार छोड़ मुख्यधारा में शामिल हो जाए। हथियार छोड़ दें। यदि ऐसा नहीं करेंगे तो जवान नक्सलियों से सख्ती से निपटेंगे और और उनका खात्मा कर देंगे।
नक्सलियों ने सरकार से की संघर्ष विराम की मांग, शाह के दौरे से पहले जारी किया पत्र
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