देहरादून: उत्तराखंड को फिल्म निर्माण का हब बनाने को लेकर सरकार ने व्यापक फिल्म नीति को मंजूरी दे दी है। यह फिल्म नीति जहां राज्य के सुरम्य पर्यटक स्थलों को देश-दुनिया में पहचान दिलाएगी, वहीं युवाओं के लिए रोजगार का द्वार भी खोलेगी। इसके अलावा देवभूमि की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और इतिहास की जानकारी भी अंतरराष्ट्रीय मंचों तक पहुंचेगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार की कैबिनेट ने आज राज्य में नई फिल्म नीति 2024 को मंजूरी दे दी है। यह फिल्म नीति न केवल दुनियाभर के फिल्मकारों के लिए आकर्षित, सुरक्षित एवं सुविधाजनक रहेगी, बल्कि उत्तराखंड की संस्कृति, विरासत, इतिहास और अनछुए सुरम्य पर्यटक स्थलों के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी। नई फिल्म नीति के पीछे सरकार की मंशा साफ है कि राज्य में फिल्म निर्माताओं और इससे जुड़े उद्योगों के आने से आर्थिक इन्वेस्टमेंट होगा। इससे राज्य को राजस्व, उद्योगों और फिल्म निर्माण से युवाओं की प्रतिभाएं निखरने के साथ रोजगार के द्वार खुलेंगे। राज्य के फ़िल्म बोर्ड के सीईओ आईएएस बंशीधर तिवारी का कहना है कि देश के सभी पहाड़ी राज्यों और फिल्म निर्माण में अहम भूमिका निभा रहे राज्यों की फिल्म नीतियों, फिल्म निर्माणकर्ताओं समेत विशेषज्ञों की राय के बाद देवभूमि के अनुरूप ठोस नीति बनाई गई है। हमें पूरा भरोसा है कि नई फिल्म नीति उत्तराखंड के विकास में महत्वपूर्ण साबित होगी।
उत्तराखंड फिल्म नीति 2024 पर एक नजर
राज्य में क्षेत्रीय भाषा में फिल्म निर्माण करने वाले को फ़िल्म निर्माण पर 2 करोड़ रुपये अनुदान मिलेगा। पहले यह अनुदान 25 लाख मिलता था।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ओटीटी (OTT) फिल्म बनाने पर अब 30 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी।
राज्य में बच्चों के लिए फ़िल्म बनाई तो 10 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान मिलेगा।
फिल्मों में राज्य के कलाकारों को मुख्य भूमिका में शामिल करने पर 10 लाख अनुदान मिलेगा।
राज्य में फिल्म ट्रेनिंग इंस्टिट्यूट में एससी, एसटी वर्ग के बच्चों की पढ़ाई पर 75 प्रतिशत फीस सरकार देगी।
पर्वतीय इलाकों मे सिनेमा हाल बनाने पर सरकार 25 लाख अनुदान देगी।
राज्य में फिल्म सिटी बनाने पर 50 लाख तक अनुदान मिलेगा।
राज्य में फिल्म बनाने को पोस्ट प्रोडक्शन लैब बनाने वाले को 25 लाख अनुदान मिलेगा।