नई दिल्ली। लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि करो चर्चा इतनी करो कि दुश्मन दहशत से दहल उठे। रहे ध्यान बस इतना ही मान सिंदूर और सेना का प्रश्नों में भी अटल रहे। हमला मां भारती पर हुआ तो प्रचंड प्रहार करना होगा। हमें भारत के लिए ही जीना होगा। कांग्रेस एक परिवार के दबाव में पाकिस्तान को क्लीन चिट देना बंद करे। कांग्रेस अपनी गलती सुधारे। गर्व के क्षण का उपहास न उड़ाए। भारत आतंक की नर्सरी में ही आतंक को मिट्टी मिलाएगा। ऑपरेशन सिंदूर जारी है। ये पाकिस्तान के लिए भी नोटिस है। जब तक वो भारत के खिलाफ आतंक को रोकेगा नहीं, तब-तब भारत एक्शन लेगा। भारत सुरक्षित हो, यही हमारा संकल्प है। मैंने भारत का पक्ष रखा है।
लोकसभा में पीएम मोदी ने कहा कि 2001 में देश की संसद पर हमला हुआ तो एक कांग्रेस नेता ने अफजल गुरु को सम्मान देने की बात कही। मुंबई हमले के बाद एक पाकिस्तानी आतंकी पकड़ा गया। लेकिन कांग्रेस पाकिस्तानी आतंकी को लेकर खेल खेलती रही। कांग्रेस उस आतंकी को भगवा आतंकी सिद्ध करने में जुटी थी। कांग्रेस दुनिया को हिंदू आतंकवाद की थ्योरी बेच रही थी। कांग्रेस ने संविधान को जम्मू-कश्मीर से बाहर रखा। तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस ने आतंकवाद से जुड़े कानून को कंट्रोल किया। मैं कहता हूं कि पहलगाम ने हमको झकझोर दिया है। हमने ऑपरेशन सिंदूर किया तो देश में सिंदूर स्प्रिरिट पैदा हुई। यह हमने तब भी देखी जब हमारे प्रतिनिधिमंडल विदेश गए। प्रतिनिधिमंडल ने भारत की बात दुनिया के सामने रखी। मुझे दुख है कि कांग्रेस के बडे़ नेता के पेट में दर्द है कि भारत का पक्ष दुनिया को क्यों बताया गया? कुछ नेताओं के सदन में बोलने पर पाबंदी लगा दी गई। इस मानसिकता से बाहर निकलने की जरूरत है।
पीएम मोदी ने कहा कि विपक्ष में बैठे लोग आतंकवाद पर बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। जब यह सत्ता में थे तब देश का हाल क्या है, क्या रहा वो आज भी देश भूला नहीं है। 2014 से पहले देश में असुरक्षा का माहौल था। लोग आज सिहर जाते हैं। हम सबको याद है कि हार जगह घोषणा होती थी कि कोई लावारिस चीज दिखे छूना मत। हम 2014 तक यही सुनते रहे। ऐसा लगता था कि जैसे देश के कोने-कोने में, कदम-कदम पर बम बिछे हैं। कांग्रेस की कमजोर सरकारों के कारण देश ने तमाम जानें गंवाई। आतंकवाद पर लगाम लगाई जा सकती थी। हमने 11 साल में ये करके दिखाया है। 2004 से 2014 के बीच होने वाली घटनाओं में कमी आई है। जब हम आतंकवाद पर नकेल कस सकते हैं तो कांग्रेस की क्या मजबूरी थी कि उसने आतंकवाद को क्यों नहीं रोका।
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरूजी ने केवल तत्कालिक प्रभाव देख रहे थे। इस समझौते से देश पिछड़ गया। देश को नुकसान हुआ। नेहरूजी उस डिप्लोमैसी को जानते थे इसमें किसान का कोई वजूद नहीं था। पाकिस्तान कई दशकों तक भारत पर हमला करता रहा। लेकिन बाद की कांग्रेस सरकार ने सिंधु जल संधि की ओर देखा तक नहीं। आज भारत ने पुरानी गलती को सुधारा है। भारत ने बड़ी ब्लंडर सिंधु जल संधि को देशहित और किसान हित में प्रतिबंधित कर दिया। यह समझौता अब आगे नहीं चलेगा। खून और पानी साथ-साथ नहीं बह सकते।
पीएम मोदी ने कहा कि नेहरू जी ने यह समझौता किया। हमारे यहां से निकली हुईं नदियों का पानी पाकिस्तान जाता था। भारत की पहचान सिंधु नदी को नेहरू और कांग्रेस ने विवाद की पंचायत वर्ल्ड बैंक को सौंपी। नदी हमारी, पानी हमारा। सिंधु जल संधि सीधा-सीधा भारत की अस्मिता से किया गया बहुत बड़ा धोखा था। देश के युवा ये बात सुनते होंगे तो सोचेंगे कि हमारे देश के साथ क्या किया गया? नेहरूजी 80 प्रतिशत पानी पाकिस्तान को देने को राजी हो गए। ये कौन सी बुद्धिमानी थी। कौन सा देशहित था। हमारे देश से निकली नदियों से केवल हमें 20 फीसदी पानी। 80 फीसदी पानी भारत के दुश्मन कहने वालों को दे दिया गया। जबकि इस पानी पर हमारे देश के किसानों का अधिकार थे। कांग्रेस ने देश को पानी के संकट में धकेला। इसके बाद पानी को लेकर देश के राज्यों में संघर्ष हुए और उनके हक पर पाकिस्तान ने मौज की। अगर यह संधि न होती तो पश्चिमी नदियों पर कई बड़ी परियोजनाएं बनती। कई राज्यों के किसान और लोगों को भरपूर पानी मिलता। नेहरूजी ने इसके बाद पाकिस्तान को नहर बनाने के लिए करोड़ों रुपये भी दिए। नेहरूजी ने पाकिस्तान के कहने पर स्वीकार किया बांध का कूड़ा और मिट्टी इसकी सफाई हम नहीं कर सकते। ये फैसला उन्होंने पाकिस्तान को सौंपा। पाकिस्तान ने नेहरूजी से लिखवा लिया था कि भारत उसकी अनुमति के बिना बांध में काम नहीं करेगा। बाद में नेहरूजी ने भी यह गलती मानी। पीएम मोदी ने कहा कि कांग्रेस के लोगों को उनकी डिप्लोमैसी याद दिलाता हूं। 26/11 के बाद कांग्रेस का पाकिस्तान प्रेम नहीं रुका। विदेशी दबाव में हमले के कुछ सप्ताह में ही पाकिस्तान से बात शुरू कर दी गई। कांग्रेस ने एक भी राजदूत को भारत से बाहर नहीं निकाला। देश पर बड़े-बड़े हमले होते रहे लेकिन यूपीए सरकार पाकिस्तान को मोस्ट फेवरेट नेशन का दर्जा देती रही। एक तरफ देश मुंबई हमले का न्याय मांग रहा था, सरकार पाकिस्तान से व्यापार कर रही थी। पाकिस्तान आतंकियों को भेजता रहा, कांग्रेस यहां अमन की आस का मुशायरा करती थी। हमने इसे बंद कर दिया। भारत के हितों को गिरवी रखना कांग्रेस की पुरानी आदत हैं। सिंधु जल संधि इसका उदाहरण है। पीएम मोदी ने कहा कि 1962 और 63 के बीच कांग्रेस के नेता जम्मू-कश्मीर के कुछ इलाकों को छोड़ देने का प्रस्ताव रख रहे थे। वो भी लाइन ऑफ पीस के नाम पर किया जा रहा था। 1966 में कच्छ के रण में इन्होंने ही मध्यस्थता स्वीकार की। एक बार फिर भारत का 800 वर्ग किमी क्षेत्र पाकिस्तान को सौंपा। 1965 में हाजी पीर को कांग्रेस ने लौटा दिया। 1971 में पाकिस्तान का हजारों वर्ग किमी क्षेत्र हमारे पास था। उस दौरान अगर थोड़ा सा विजन होता तो पीओके वापस लेने का निर्णय हो सकता था। कम से कम करतापुर साहिब को भी नहीं ले पाए। 1974 में श्रीलंका को एक द्वीप गिफ्ट में दे दिया। कांग्रेस ने तमिलनाडु के मछुआरों का हक छीन लिया। कांग्रेस सियाचिन से सेना हटाने वाली थी। इनको मौका मिलता तो सियाचिन हमारे पास नहीं होता। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा देश वीरों का देश है। हम विकास और शांति के लिए सामरिक सामर्थ्य पर फोकस करते हैं। कांग्रेस के पास पहले भी राष्ट्रीय सुरक्षा का विजन नहीं था। उसने राष्ट्रीय सुरक्षा से हमेशा समझौता किया है। वे पूछ रहे हैं कि पीओके वापस क्यों नहीं लिया? इससे पहले पूछने वालों को जवाब देना होगा। पीओके पर पाकिस्तान को कब्जा करने का मौका किसने दिया। जवाब साफ है कि जब भी मैं नेहरू जी की चर्चा करता हूं कि कांग्रेस का सिस्टम बिलबिला जाता है। आजादी के बाद से जो फैसले लिए गए,उनकी सजा आज तक देश भुगत रहा है। अक्साई चीन की जमीन को बंजर कहा गया। देश की 38 हजार वर्ग किमी जमीन हमें खोनी पड़ी। पीएम मोदी ने कहा कि मेक इन इंडिया नारा नहीं था। हमने पॉलिसी बदली। हमने देश में मेक इन इंडिया डिफेंस सेंक्टर में आगे बढ़ाया। रक्षा बजट तीन गुना बढ़ा है। 11 साल में रक्षा निर्यात 30 गुना बढ़ा है। हम दुनिया के 100 देशों तक पहुंचे। ऑपरेशन सिंदूर ने रक्षा बाजार में भारत का झंडा गाड़ा है। यह हमारे देश को आगे बढ़ाएगा। डिफेंस क्षेत्र में हम जो कदम उठा रहे हैं, उससे कुछ लोग परेशान हैं। ये कैसी मानसिकता है। देश को ऐसे लोगों को पहचानना होगा। मैं कहना चाहता हूं कि भारत का आत्मनिर्भर होना शस्त्रों की स्पर्धा के काल में विश्व शांति के लिए जरूरी है। भारत युद्ध नहीं बुद्ध का देश है। समृद्धि का रास्ता शक्ति से गुजरता है।
‘दुनिया के किसी भी नेता ने भारत को ऑपरेशन सिंदूर रोकने के लिए नहीं कहा: PM मोदी
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